Tuesday, September 29, 2020

World Heart Day 2020 (29 September 2020)

World Heart Day 2020 


World Heart Day 2020 Theme :  'यूज हार्ट टू बीट कार्डियोवस्कुलर डिजीज'




दिल की सेहत के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने की शुरुआत सबसे पहले साल 2000 में हुई थी। उस समय यह तय किया गया कि हर साल विश्व हार्ट दिवस  सितंबर माह के आखिरी रविवार को मनाया जाएगा। लेकिन साल 2014 में इस खास दिन को मनाने के लिए 29 सितंबर की तारीख तय कर दी गई।  

इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरूक करना है। आज छोटी उम्र से लेकर बुजर्ग तक हृदय रोग से पीड़ित देखे जा सकते हैं। हृदय रोग पूरे विश्व में आज एक गंभीर बीमारी के तौर पर उभर रहा है।

भारत में हर पांचवा व्यक्ति दिल का मरीज है। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार, हार्ट संबंधी बीमारियों से हार साल करीब 18 मिलियन मरीजों की मौत होती है। इस साल वर्ल्ड हार्ट डे 2020 के लिए थीम 'यूज हार्ट टू बीट कार्डियोवस्कुलर डिजीज रखी गई है। 

अनियमित दिनचर्या, तनाव, खान-पान में लापरवाही, पर्यावरण प्रदूषण और कई अन्य कारणों से वर्तमान समय में हृदय संबंधी समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। न केवल बड़ी उम्र या बुजुर्गों में, बल्कि छोटी उम्र के बच्चों और किशोरों में भी दिल की समस्याएं बढ़ी है। दुनियाभर में हृदय के प्रति जागरूकता बढ़ाने और हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के उपायों के बारे में बताने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। दिल के दौरे से दुनियाभर में अनगिनत मौतें होती हैं और 50 फीसदी मामलों में तो मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। कई बार मौतें हार्ट अटैक से होती हैं तो कई बार कार्डियक अरेस्ट मौत का कारण बनता है। ये दोनों अलग हैं। आइए जानते हैं 

आज के समय में बदलती जीवनशैली और खान-पान की गलत आदतों के कारण लोग बहुत जल्दी ही रोगों का शिकार हो जाते हैं। इन्हीं घातक बीमारियों में से एक बीमारी है हृदय रोग। जिसके कारण दुनियाभर में बहुत सारे लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। ज्यादा उम्र के लोगों को ही नहीं बल्कि आज के समय में युवाओं  में भी दिल से संबंधित बीमारियां बहुत जल्दी होने लगी हैं। हृदय रोग का एक कारण अत्यधिक घुम्रपान करना भी है। 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। जानते हैं कि क्यों मनाया जाता है विश्व हृदय दिवस कब हुई इसकी शुरुआत । 

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन द्वारा वर्ष 2000 से प्रतिवर्ष विश्व हृदय दिवस आयोजित किया जा रहा है.

सेहतमंद दिल के लिए जीवनशैली में करें ये बदलाव-

- रोजाना जब तक पसीना न आ जाए कम से कम 30 मिनट व्यायाम या योग करें। 
- वॉकिंग, साइकिलिंग और लिफ्ट की जगह सीड़ियों का इस्तेमाल करने की आदत डालें। 
- रेगुलर अपना हार्ट चेकअप जैसे ईसीजी-ईको-टीएमटी-सीएटी करवाते रहें।
- खाने में फल और सलाद को जरूर शामिल करें।
- एल्कोहल का कम से कम इस्तेमाल करें।

Wednesday, September 23, 2020

World Maritime Day (24 September 2020)

World Maritime Day

World Maritime 2020 Theme: Sustainable shipping for a sustainable planet

The World Maritime is observed on the last Thursday of September of every year, this year it is observed on the 24th September 2020.


History 

In 1948, an international conference in Geneva adopted a convention to establish the IMO, a specialised UN agency that develops and maintains a comprehensive regulatory framework for shipping. Earlier the name of IMO was the Inter-Governmental Maritime Consultative Organisation (IMCO) and in 1982 it was changed as International Maritime Organisation (IMO).

The main aim of IMO is to focus on areas like safety, environmental concerns, legal matters, technical co-operation, maritime security, and the efficiency of shipping. On 17 March 1978, the first time World Maritime Day was celebrated to mark the date of the IMO Convention's entry into force in 1958. That time the organisation has 21 Member States and currently it has about 174 Member States and three associate members.

Note: The date of celebrating World Maritime Day is left to the individual governments but usually it is celebrated during the last week of September on Thursday.

This year World Maritime Day’s theme focuses on gender equality and the empowerment of women through gender-specific fellowships: by providing high-level technical training to women in the maritime sector in developing countries and generating an environment for women to develop career opportunities in maritime administrations, ports, and maritime training institutes.

World Maritime Day – Quotes

  • “Some people spend an entire lifetime wondering if they made a difference in the world. But, the Marines don’t have that problem.” -Ronald Reagan
  • “I am convinced that there is no smarter, handier, or more adaptable body of troops in the world.” -Sir Winston Churchhill
  • “Every Marine is, first and foremost, a rifleman. All other conditions are secondary.” -Gen. A. M. Gray
  • “A Ship without Marines is like a garment without buttons.” -Adm. David Dixon Porter
  • “A lot of people attack the sea, I make love to it.” -Jacques Yves Cousteau
  • “A smooth sea never made a skilled sailor.” – Franklin D. Roosevelt
  • “The fishermen know that the sea is dangerous and the storm terrible,but they have never found these dangers sufficient reason for remaining ashore.” – Vincent Van Gogh
  • “I can’t control the wind but I can adjust the sail.” – Ricky Skaggs
  • “Land was created to provide a place for boats to visit.” -Brooks Atkinson
  • “Of all the things that man has made, no is so full of interest and charm, none possesses so distinct a life and character of its own, as a ship.”- Henry Van Dyke

World Maritime day Activities

The sacrifices and the hardships of the seafarers and those on the sea are often left unnoticed. Let us observe this day to encourage and support all the maritime workers across the world. A few of the activities that can be conducted to observe World maritime day are listed below.

  • Conduct activities at school to let the children be aware of the career options in maritime.
  • Conduct Awareness campaign at schools and colleges to let students know the importance of a career in the maritime field for every nation.
  • For younger students schools can arrange a visit to a port nearby and help them learn more about the technical and mechanical aspects of the working of the ship.
  • Competitions can be conducted at school with a theme related to protecting the oceans and marine life thus putting light on the importance of sustainable living in oceans too.
  • Conduct surveys and find out the seafarers and maritime workers in your locality and send them an appreciation card online to appreciate their line of work at the sea.

Tuesday, September 22, 2020

Discovery School Super League 2020 Quiz Contest

Discovery School Super League 2020 Quiz contest Session 3


Discovery School Super League - Powered by BYJU'S, is a critical thinking, aptitude, and general knowledge quiz which provides a unique platform for students to compete at the national level and win laurels for themselves and their school. 

Our School Students Time to play Quiz

(This quiz is not compulsory,  it is only on a volunteer basis) 

Our school student's time: 09.00 A.M. to 09.00 P.M. on 23 Sept 2020.


DSSL Quiz Contest

Discovery School Super League (DSSL) is India’s favourite science and maths quiz contest. DSSL is a critical thinking and aptitude-based quiz competition where students can go from representing their schools to representing their states in a nationally televised contest and win amazing prizes along the way!

Close to 60 lakh students from over 17,000 schools across 400 cities in India compete every year in this mega-event. Winners stand a chance to win an all-expense-paid trip to NASA and loads of other prizes.

Here’s how you can participate and win incredible prizes.

Eligibility

Students from class 3 to 10 are eligible to take part in this competition that is held in three rounds.

Categories

Students are divided into three sections

Sub-juniors: Class 3-4
Juniors: Class 5-7
Seniors: Class 8-10

How To Enter?

Download the Discovery Super School League App now to participate.

DSSL App https://play.google.com/store/apps/details?id=com.byjus.dssl

Key Features of DSSL App:
** Free access to the Round 1 online test
** Four practice tests to help prepare for the first level of the DSSL competition
** Immediate access to the Discovery / BYJU’S certificate
** Easy access to claim scholarship and rewards

Don’t miss this chance to compete in India’s Favourite inter-school contest of the year!




Sunday, September 20, 2020

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस (21 सितंबर 2020)

विश्व शांति दिवस

 आज यानी 21 सितंबर 2020 को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जा रहा है। जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है कि इस दिन को शांति के लिए समर्पित किया किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के द्वारा इस दिन को घोषित किया गया था। इस खास मौके पर सोशल मीडिया पर भी कई नेताओं ने बधाई दी है। आपको बता दें कि इस साल यह दिन और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 में मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की 71 वीं वर्षगांठ है। यह दिन लोगों को शांति और सम्मान से जीने का अधिकार देता है। 

The Theme of the International Day of Peace 2020 is Shaping Peace Together.”


संयुक्त राष्ट्र महसभा में वर्ष 1981 में अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का प्रस्ताव रखा गया था। इसका मकसद शांति के आदर्शों को मनाने और मजबूत करने के लिए विश्व को समर्पित करना था। शुरुआत में इस दिन को सितंबर के तीसरे मंगलवार को बनाने के लिए तय किय गया था, इसके बाद 2001 में इसको बदलकर 21 सितंबर को तय किया गया। 

यह दिन पहली बार 1981 में मनाया गया था, और कई देशों ने राजनीतिक समूहों, सैन्य समूहों और लोगों की मदद से इस इन दिन को मनाने में सहयोग दिया। 

2013 में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव द्वारा शांति शिक्षा के लिए इस दिन को समर्पित किया गया था। इसका मकसद युद्ध को कम करना है।

विश्वभर में शांति स्थापित करने के लिए भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने 5 मूल मंत्र देकर पंचशील के सिद्धांत की अवधारणा रखी थी। इन सिद्धांतों के अनुसार विश्व में शांति की स्थापना हेतु एक-दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान किए जाने की बात कही गई है तथा शांतिपूर्व सह-अस्तित्व की नीति के पालन की भी बात कही गई है। इसी के द्वारा विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है।

विश्वभर में सभी देशों तथा उनके ना‍गरिकों के बीच शांति व सद्भाव कायम रहे, इसी उद्देश्य से हर साल 21 सितंबर का दिन 'विश्व शांति दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के जरिए दुनियाभर के देशों और नागरिकों के बीच शांति के संदेश का प्रचार व प्रसार किया जाता है। इसके लिए यूएनओ दवारा कला, साहित्य, सिनेमा तथा अन्य क्षेत्र की मशहूर हस्तियों को शांतिदूत के तौर पर नियुक्त भी किया गया है। हर साल यह दिवस अलग-अलग थीम पर मनाया जाता है।

“शांति अपने आप में ही एक पुरस्कार है ।”

“अंदर से शांति आती है ,इसकी तलाश बाहर मत करो ।”

“हजारों उन खोखले शब्दों की तुलना में बेहतर वह एक शब्द है, जो शांति को लाता है ।”


Saturday, September 19, 2020

How to Develop Your Reading Habit

पढ़ने की आदत मे कैसे सुधार करे

हमने बचपन से यह सुना है कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती है| यह जानने के बावजूद बहुत कम लोग अपने रीडिंग हैबिट को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना पाते हैं|आज हम आपको बताएँगे कि पढ़ने की आदत यानि रीडिंग हैबिट को कैसे विकसित किया जा सकता है|

पढ़ना  न सिर्फ एक अच्छी आदत है बल्कि यह एक तरीका भी है जो हमारे रचनात्मक सोंच और प्रेरणा को एक नई दिशा प्रदान करता है| हमने बचपन से यह सुना है कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती है| यह जानने के बावजूद बहुत कम लोग अपने रीडिंग हैबिट को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना पाते हैं| खास तौर पर यदि बात की जाए छात्रों की तो वह भी अपने रीडिंग स्किल्स पर कुछ खास ध्यान नहीं दे पाते हैं| जबकि रीडिंग हैबिट से कितने फायदे हैं वह हमने पिछले लेख में काफी अच्छी तरह समझाया है| आज हम आपको बताएँगे कि पढ़ने की आदत यानि रीडिंग हैबिट को कैसे विकसित किया जा सकता है |

1. रोज़ थोड़ा समय निकालें:

पढ़ने की आदत यदि आपमें बिलकुल नहीं है तो शुरुआत करें, लॉकडाउन (कोरोना काल) मे बहुत समय मिल रहा है तो दिन मे कम से कम 15 से 20 मिनट रोज़ किताबों को देने की कोशिश करे, अपनी इस नई शुरुआत के लिए सबसे पहले अपने रीडिंग हैबिट को अपने किसी ऐसे काम के साथ शुरू करें जिसे आप रोज़ करते हैं। जैसे- जब आप चाय या कॉफ़ी पी रहे हों या जब आप सोने जा रहे हों। दरअसल जब आप रोज़ एक ही समय में किताबें पढ़ना शुरू करेंगे तो कुछ समय बाद आपका दिमाग खुद उस समय को किताबें पढ़ने के लिए तैयार कर देगा तथा आप खुद कुछ समय बाद महसूस करेंगे कि यदि आपने पुरे दिन में रोज़ 10 मिनट कर के यदि चार बार किसी बुक को पढ़ा है तो पुरे दिन में अब आप 40 मिनट अपने रीडिंग हैबिट को सुधारने के लिए निकाल रहे हैं।

2. शुरुवात अपने पसंद की किताबों से करें :

रीडिंग हैबिट्स को विकसित करने का सबसे सरल तरीका यह है कि आप अपने पसंद की किताबों को पढ़ना शुरू करें| कुछ ऐसी किताबों से शुरुवात करें जो आपको अच्छी लगती हैं| यदि आपने किसी किताब को पढ़ना शुरू किया है और वह आपको ज्यादा दिलचस्प नहीं लग रही है तो ऐसे परिस्तिथि में आप अपने पसंद की किताब का चयन करें पढ़ने के लिए| छात्र अपने रीडिंग स्किल्स को अच्छी करने के लिए अपने अकादमिक बुक्स में जो सबसे पसंदीदा विषय है उससे शुरू कर सकते हैं|

3. हमेशा एक किताब साथ रखें :

यदि आप अपने साथ हमेशा एक बुक रखेंगे तो आप कभी बोरियत महसूस नहीं करेंगे| आज-कल ऐसे काफी एप्लीकेशन हैं जिनके ज़रिये आप अपने फ़ोन में भी अच्छी किताबें पढ़ सकते हैं| यदि आपका समय अधिकतर ट्रेवल में बीतता है तो आप उस समय भी किसी अच्छे किताब की मदद से अपना समय अच्छी तरह बिता सकते हैं| दरअसल इन छोटी-छोटी आदत से ही आप अपने रीडिंग हैबिट को अच्छी कर सकते हैं|

4. पुस्तकालया क्लब से जुड़ें :

ऐसे किसी ग्रुप से जुड़ें जिनमें आपके पसंद की किताबें शामिल हों, इससे आपको उन किताबों को पढ़ने और अपने ग्रुप में उससे जुड़ी बातों पर चर्चा करने में रूचि बढ़े| आप चाहें तो खुद के कुछ अच्छे दोस्तों के साथ अपना एक ग्रुप बना सकते हैं और एक निश्चित समय तय कर लें कि इस अवधि तक आपको एक किताब पढ़ कर उसके टॉपिक पर ग्रुप में डिस्कशन करना है| छात्र चाहें तो अपने अकादमिक विषय में से किसी एक विषय का चयन कर के भी यह कर सकते हैं| इससे आपकी रीडिंग हैबिट के साथ-साथ आपकी उस विषय पर अच्छी पकड़ भी बनती जाएगी|

5. किताबों कि सूचि तैयार करें:

किताबों की सूचि तैयार करने से आपको अपने रीडिंग हैबिट के लिए ज्यादा मेहनत की ज़रूरत नहीं पड़ेगी| जैसे कि यदि आपको किसी किताब को पढ़ कर ख़तम करने में 2 दिन बचें हैं यदि आपको पता होगा कि इसके बाद मुझे दूसरी किताब कौन सी पढ़नी है और कितने समय में वह समाप्त करनी है तो यह प्रक्रिया आपके लिए आसान होगी| दूसरी ओर यदि आपने कुछ तय ही नहीं किया है कि आपके उस किताब के ख़तम होने के बाद क्या पढ़ना है तो आपके रोज़ किताब पढ़ने की दिनचर्या में फर्क पड़ सकता है| साथ ही साथ अगर आपको समझ नहीं आ रहा कि आपको कैसी बुक्स पढ़नी चाहिए तो इसके लिए अपने रूचि के अनुसार आप ऑनलाइन काफी किताबें खोज सकते हैं या इसके लिए आप अपने दोस्तों से भी मदद ले सकते हैं|

 6. विद्यालया लाइब्रेरी तथा ऑन लाइन साइट्स का ईस्तेमाल करें :

यह एक ऐसा तरीका है जहाँ आप अपने पसंद की कई किताबें आसानी से प्राप्त कर सकते हैं| जब भी समय मिले आप अपने विद्यालया लाइब्रेरी किसी या  अपने आस-पास के लाइब्रेरी में जा कर अपने पसंद की किताबों का चयन कर पढ़ना शुरू कर सकते हैं| यहाँ आपको आसानी से कई ऐसी किताबें मिल जाएँगी जिसमें आपकी रूचि हो तथा लाइब्रेरी में आपको कई ऐसे ऑप्शन्स भी मिलेंगे जिन्हें पढ़ कर आपको उसमें रूचि आ जाए| यह एक ऐसा तरीका है जहाँ आपकी रीडिंग स्किल्स और व्यापक रूप से आपके सामने आ सकती है| 

निष्कर्ष : इस आर्टिकल में बताए इन टिप्स के अनुसार यदि आप अपने रीडिंग स्किल्स को विकसित करने की शुरुवात करें तो बड़े आसानी से आप इसमें सफलता प्राप्त कर सकते हैं|

स्कूल में अच्छे ग्रेड के लिए अपनाएं ये 5 आदतें

स्कूल के समय का सही सदुपयोग कर अपने जीवन को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है लेकिन यह तभी संभव है जब आप अपने पढ़ाई और करियर के लिए एक योजना के साथ आगे बढ़े और अच्छे अंक प्राप्त करें. आज इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जो आपके स्कूल में अच्छे ग्रेड प्राप्त करने में काफी मददगार साबित हो सकता है.

यदि आप अभी स्कूल में हैं तो यकीन मानिए कि यह आपके शैक्षणिक जीवन में सबसे अच्छा और यादगार  समय है. यह समय आपके जीवन में काफी अनमोल है, आपका पूरा भविष्य आपके सामने है आप इस समय का सही सदुपयोग कर अपने जीवन को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचा सकते हैं. लेकिन यह तभी संभव है जब आप अपने पढ़ाई और करियर के लिए एक पूरी योजना के साथ आगे बढ़े और अच्छे अंक प्राप्त करें. आज इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जो आपके स्कूल में अच्छे ग्रेड प्राप्त करने में काफी मददगार साबित हो सकता है:- 

1. ओर्गेनाइजड रहें,

2. मदद लेने से पीछे न हटें,

3. नोट्स बनाएं,

4. कक्षा में हमेशा अलर्ट रहें,

5. अपने गोल्स को कभी न भूलें.

किताबें हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा क्यों हैं?

  1. किताबें आपको मानसिक और भावनात्मक रूप से बढ़ने में मदद करती हैं।
  2. पुस्तकें आपके आसपास की दुनिया की समझ देती हैं। एक अच्छी किताब में चीजों को सोचने, बात करने और विश्लेषण करने के तरीके को बदलने की शक्ति होती है।
  3. पुस्तकें आत्मविश्वास का निर्माण करती हैं।
  4. पुस्तकें आपकी कल्पना को बढ़ाती करती हैं।
  5. किताबें एक अच्छे दोस्त की तरह हमारे दिमाग को ज्ञान से समृद्ध करती हैं। हम किताबों से बहुत कुछ सीख सकते हैं और वे हमारी असफलताओं पर काबू पाने में मदद कर सकती हैं और साथ ही हमारे दिमाग को आकार दे सकती हैं।


पढ़ना किसी दूसरे व्यक्ति के मन के ज़रिये सोचने का एक साधन है: 

यह आपको अपने सोच को विस्तृत करने के लिए बाध्य करता है।

Friday, September 18, 2020

World Food Day Poster contest

 World Food Day Poster contest 

Calling out to all children and teens around the world! If you’re between ages 5 to 19, we

want you to use your imagination and create a poster of your favorite food hero at work. 

The world is full of food heroes – from farmers to drivers, shop assistants, food banks or government representatives etc., who despite various challenges, such as the current COVID-19 pandemic, work hard to make sure that food makes its way from farms to our table. Let’s celebrate their great efforts this World Food Day. Young minds can be inspired by our World Food Day Activity Book that talks about the important role food heroes play in the food system and how everyone can come together and take action to support our food heroes so they can provide the healthy diets we need while protecting the planet.

Take a photo or scan your poster and submit your entry by filling out the form on our website. The deadline is 6 November 2020.

Three winners in each age category will be selected by our jury and announced here in December. Winners will be promoted by FAO offices around the world and receive a surprise gift bag and Certificate of Recognition.

To participate, you must be age 5 - 19. The deadline for entries is 6 November 2020.

Who can take part?

The Contest is open to children and youth between the ages of 5 and 19, living anywhere in the world.

The age to declare in the entry form is the one at the time of entering the Contest. Minors must have the permission of their parents or legal guardians to participate in the Contest.

How can I take part?

  • Participation is free of charge.
  • The entry period will begin at 12:00 (CEST) on Wednesday 1 July 2020 and will close at 12:00 (CEST) on Friday, 6 November 2020.
  • The competition is divided into the following categories: 5 to 8, 9 to 12, 13 to 15, and 16 to 19.
  • Only one entry should be submitted per person. Multiple entries from one person will result in disqualification.
  • Poster entries may be drawn, painted or sketched using pens, pencils, crayons or charcoal,  or using oil, acrylic or watercolour paint, as well as mixed media. Digitally created artwork is also permitted. No photographs are allowed.

Prizes

  • 15 posters in each category (60 posters) will be selected for the shortlist by the screening committee in December 2020.  Shortlisted candidates will receive a certificate for this achievement.
  • Three winning poster designs will be selected as finalists by a jury in each category.
  • The top three poster designs in all categories will be announced on the World Food Day website.
  • Winners will be promoted on FAO social media and by FAO offices around the world. 
  • Winners will also receive a Certificate of Recognition and a surprise gift bag.



Tuesday, September 15, 2020

Quiz No 20 : World Ozone Day (16 September 2020)

 

अंतरराष्ट्रीय ओजोन दिवस (16 सितंबर 2020)

अंतरराष्ट्रीय ओजोन दिवस 

 ओजोन परत के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए पिछले दो दशक से इसे बचाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं. लेकिन 23 जनवरी, 1995 को यूनाइटेड नेशन की आम सभा में पूरे विश्व में इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए 16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ओजोन दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया.

The theme of Ozone Day 2020 is : Ozone for life” 

 


ओजोन (Ozone) है क्या ?

ओजोन(Ozone) एक हल्के नीले रंग की गैस होती है जो आक्सीजन के तीन परमाणुओं (O3) का यौगिक. ओजोन परत सामान्यत: धरातल से 10 किलोमीटर से 50 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच पाई जाती है. यह गैस सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों के लिए एक अच्छे फिल्टर का काम करती है.

विश्व ओज़ोन दिवस (वर्ल्ड ओज़ोन डे) का इतिहास

1994 से 16 सितंबर को सालाना ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में सभी देशों में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन को एक घोषणा के रूप में नामित किया गया था जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा बनाया गया था। 19 दिसंबर 2000 को ओजोन परत की कमी के कारण मॉन्ट्रियल कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने के लिए यह दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित किया गया था। मॉन्ट्रियल कन्वेंशन दुनिया भर के हानिकारक पदार्थों और गैसों को समाप्त करके ओजोन परत की रक्षा करने हेतु एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। ओजोन परत की रक्षा के लिए 1995, जो पहला वर्ष था जब इस दिन को दुनिया भर में मनाया गया था, के बाद से अंतर्राष्ट्रीय दिवस में भागीदारी ने भारी वृद्धि देखी है।

विश्व ओज़ोन दिवस क्यों मनाया जाता है?

यह दिन न केवल उस तारीख जब मॉन्ट्रियल कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे उसे याद करने के लिए मनाया जाता है बल्कि मुख्य रूप से यह जागरूकता फ़ैलाने के लिए भी मनाया जाता है कि ओजोन परत कितनी तेजी से कम हो रही है। इस दिन को एक अंतरराष्ट्रीय अवसर के रूप में देखने का मुख्य उद्देश्य ओजोन परत के बारे में जागरूकता की भावना पैदा करना है कि यह कैसे बनती है और इसमें पैदा हुई कमी को रोकने के क्या तरीके हैं। इस दिन विद्यालयों, कॉलेजों, संगठनों और मीडिया के लोगों के माध्यम से एक दूसरे से जुड़कर उनके विचारों को साझा किया जाता है और यह बताया जाता है कि हमारी धरती को नष्ट करने वाले खतरे को नियंत्रित किया जा सकता है। यह दिवस जनता के बारे में पर्यावरण के महत्व और इसे सुरक्षित रखने के महत्वपूर्ण साधनों के बारे में शिक्षित करता है।

ओजोन परत में नुकसान पहुंचने से खतरे

ओजोन परत बहुत ही महत्वपूर्ण है जो सूर्य की खतरनाक पराबैंगनी (अल्ट्रा वायलेट) किरणों से हमारी रक्षा करती है. यदि ओजोन परत को नुकसान पहुंचता है तो मनुष्य में त्वचा से जुड़ी तमाम बीमारियां हो सकती हैं.

ओजोन परत के बिना हम जिंदा नहीं रह सकते क्योंकि इन किरणों के कारण कैंसर, फसलों को नुकसान और समुद्री जीवों को खतरा पैदा हो सकता है और ओजोन परत इन्हीं पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करती है.एक अन्य खतरा इसके कारण ध्रुवों के पिघलने का है. अंटार्कटिका में ओजोन में एक बड़ा छेद हो गया है. अंटार्कटिका क्षेत्र में बड़े हिमखंड हैं. यदि ये हिमखंड पिघलते हैं तो तटीय क्षेत्रों में बाढ़ सहित कई खतरे पैदा हो सकते हैं. इसके अलावा गर्मी भी बढ़ेगी जो नुकसानदायी होगी.

ओजोन परत को नुकसान पहुंचने से जैविक विविधता पर भी असर पड़ता है और कई फसलें नष्ट हो सकती हैं. इनका असर सूक्ष्म जीवाणुओं पर होता है. इसके अलावा यह समुद्र में छोटे-छोटे पौधों को भी प्रभावित करती है जिससे मछलियों व अन्य प्राणियों की मात्रा कम हो सकती है.

ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस एक वार्षिक अनुरक्षण है। यह हर साल 16 सितंबर को जागरूकता फैलाने और ओजोन परत की कमी की ओर ध्यान खींचने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को विश्वव्यापी संगोष्ठी, भाषण और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों के आयोजन के द्वारा मनाया जाता है। स्कूलों में वार्षिक विज्ञान दिवस भी आयोजित किए जाते हैं और मीडिया के माध्यम से भी जागरूकता फैलाई जाती है। यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह परिवार, दोस्तों और परिचितों के साथ अपने ग्रह 'पृथ्वी' को अपना योगदान देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। विभिन्न अभियानों को भी शुरू किया गया है जो लोगों की मदद से ओजोन परत की जागरूकता को बड़े पैमाने पर फ़ैलाता है। वर्ल्ड ओज़ोन डे हानिकारक गैसों के उत्पादन और रिहाई को सीमित करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर जोर देता है।

"ओजोन के बिना पृथ्वी, छत के बिना घर सामान"

Wednesday, September 9, 2020

 QUIZ ON NATIONAL EDUCATION POLICY

A quiz on National Education Policy is organised by the Ministry of Education from 05th September to 25 September 2020. Ply the Quiz and get three certificates from various departments:-




Tuesday, September 8, 2020

Drawing Made by the Students

Drawing Made by Students 

The following drawings made by the students of Kendriya Vidyalaya No 1, Bajaj Nagar Jaipur on the occasion of  Teacher's day and  Sports day celebration on  05   Sep 2020  and 29 August 2020 respectively:-

विश्व साक्षरता दिवस/International Literacy Day (8 सितंबर 2020)

 विश्व साक्षरता दिवस

The theme of International Literacy Day 2020 according to the UN is

 "Literacy teaching and learning in the COVID-19 crisis and beyond." 


साक्षरता दिवस हर साल 8 सितम्बर को राष्ट्रिय और अन्तर्राष्ट्रीय डे के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता हैं | साक्षरता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य अपने समाज व देश के लोगो में जागरूकता बढ़ाना समाज के सभी वर्गो तक शिक्षा के संदेश को पहुचाना और एक साक्षर दुनिया का निर्माण करना है | 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने की घोषणा 17 नवम्बर 1965 को सयुक्त राष्ट्र संघ के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन द्वारा की गई | हर साल साक्षरता दिवस को एक नई थीम और लक्ष्य निर्धारित कर मनाया जाता हैं |

आज के समय में व्यक्ति की प्राथमिक आवश्यकताएं रोटी, कपड़ा और मकान से अधिक महत्वपूर्ण शिक्षा (साक्षरता) को माना जाता हैं | इसलिए साक्षरता दिवस मनाने का लक्ष्य उन लोगों को शिक्षा के साथ जोड़ना जो अब तक इससे वाचित रहे हैं | कई देशो में साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए मिशन योजनाए चलाई जा रही है | क्योकि जब तक देश की अधिकांश आबादी साक्षर नही हो जाती हैं तब तक गरीबी, अंधविश्वास, लिंग भेद, जनसंख्या बढ़ोतरी जैसी सामजिक समस्याओं पर नियंत्रण पाना असम्भव हैं | भारत में साक्षरता स्तर को मजबूत बनाने के लिए साकार भारत मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, मिड डे मिल प्रोढ़ शिक्षा जैसे साक्षरता कार्यक्रम कई वर्षो से चल रहे हैं |

भारत प्राचीन समय में विश्व गुरु कहलाता था, मगर आज हालत यह हैं कि कुल आबादी का एक चौथाई तक़रीबन 30 करोड़ लोग आज भी अशिक्षित हैं | इस असफलता के पीछे हमारी सरकारों और समाज दोनों की गलतियाँ बराबर जिम्मेदार हैं | 2011 में हुई जनगणन के आकड़ो पर हम नजर डाले तो मात्र 4 फीसदी ही महिलाएँ साक्षर हो पाई हैं | 2001 की जनगणना में महिलओं की साक्षरता दर 60 फीसदी के आस-पास थी जो अब 64 तक ही बढ़ पाई हैं | गणतंत्र राष्ट्र के शिक्षित नागरिक ही अपने कर्तव्यो और अधिकारों के लिए जागरूक होकर इनका सही उपयोग कर सकता हैं | शिक्षित युवाओं द्वारा सक्रिय भूमिका निभाने से वर्तमान स्थति में काफी हद तक सुधार लाया जा सकता हैं | साक्षरता के महत्व को समझते हुए International Literacy Day की पहल शिक्षा के प्रचार-प्रचार में अहम हथियार हैं |

आज जो भी देश विकास व् तकनीक के विषय में सर्वोच्च हैं उनका आधार मूलत शिक्षा ही हैं | सामजिक द्रष्टि से भी शिक्षा जरुरी हैं क्योकि पढ़ा-लिखा व्यक्ति ही समाज के प्रति जिम्मेदारियों को समझते हुए सदुपयोग कर सकता हैं | हमारे देश की अधिकतर आबादी गाँवों में निवास करती हैं | जहाँ शिक्षा का आज भी निम्न स्तर हैं, जिस कारण लोग जाति धर्म जैसे बन्धनों में खुद को बांधे रखते हैं | साक्षरता व्यक्ति को अँधेरे से बाहर निकालकर एक उज्जवल भविष्य की राह दिखाने का कार्य करता हैं |

साक्षरता दर बढ़ाने के लिए किये गये प्रयासों में हमारे देश व् विभिन्न राज्यों की बात करे तो आज सभी राज्यों में अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम को शिक्षा के अधिकार के रूप में जगह दी गई हैं | लेकिन एक कानून को मौलिक अधिकार बना देने के बावजूद क्या 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चे स्कुलो तक पहुच पाए. क्या बाल श्रम पर पूर्ण रोक लग पाई | ये सवाल हमारे दिलों दिमाग को तब तक कोसते रहेंगे, जब तक समाज के हर तबके का व्यक्ति शिक्षा के प्रति जाग्रत नही हो जाता | जरुरत हैं इस तरह के कानूनों को आमजन तक पहुचाने की ओर उन्हें इसके प्रति जागरूक करने की | तभी असल में विश्व साक्षरता दिवस मनाने का उद्देश्य सच्चे अर्थो में साकार होगा |

अज्ञानता का अंधकार मिटेगा, शिक्षा से सुधार हो जाएगा। रोटी, कपड़ा और मकान, पर शिक्षा से बनेगा देश महान। शिक्षा है अतुल्य गहना, इसे हमेशा पहनाते रहना। विश्व साक्षरता दिवस की बधाई।


Sunday, September 6, 2020

हिंदी दिवस का इतिहास, महत्व , योगदान तथा मनाने का कारण

 1949 में भारत की संविधान सभा ने हिंदी भाषा की देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। भारत के संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखी हुई हिंदी भाषा को 1950 में अनुच्छेद 343 के तहत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। इसके साथ-साथ भारत सरकार के स्तर पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओँ का औपचारिक रूप से प्रयोग किया जाने लगा।

साल 1949 में 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा था। हिंदी भाषा का सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य होता है। हिंदी दिवस भारत में हिंदी का विकास करने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर बहुत अधिक संस्कृतियाँ पाई जाती हैं।

इन संस्कृतिक भिन्नता की वजह से कई तरह की भाषाएँ भी सम्मिलित होती है। इतनी भाषाओँ के होने की वजह से यहाँ के औपचारिक कार्यों में यह तय कर पाना कठिन हो जाता है कि किस भाषा में सभी औपचारिक कार्य किये जाएँ। इसी वजह से हिंदी को एक मुख्य भाषा के रूप में स्थापित करने की कोशिश की गई है।

इतिहास : हमारा देश कई विधाओं का मिश्रण हैं। उनमें कई भाषाओँ का समावेश है। भारत देश की इन सभी भाषाओँ में हिंदी को देश की मातृभाषा का दर्जा दिया गया है। आज हिंदी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओँ में से एक है। हिंदी भाषा का सम्मान देने के लिए हर साल 14 सितम्बर को हिंदी दिवस और राष्ट्रिय एकता दिवस मनाया जाता है।

हिंदी भाषा को 14 सितम्बर 1949 के दिन आजादी के बाद देश की मातृभाषा का गौरव प्राप्त हुआ था। उसी दिन को याद करने में 1953 में निर्णय लिया गया , जिसके फलस्वरूप हर साल 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा था।

14 सितम्बर को स्वदेश में हिंदी दिवस को मनाया जाता है विश्व स्तर पर भी इस खास दिवस को मनाया जाता है। सबसे पहले 10 जनवरी 1975 को नागपुर महाराष्ट्र में विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था। उसके बाद 10 जनवरी 2006 को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाये जाने का ऐलान किया गया था।

हिंदी दिवस का महत्व : हिंदी दिवस हर साल हमें हमारी असली पहचान को याद दिलाता है और देश के सभी लोगों को एक जुट करता है। हम जहाँ भी जाते हैं हमारी भाषा , संस्कृति और मूल्य हमारे साथ रहने चाहिए और यह अनुश्मार्क के रूप में काम करता है। हिंदी दिवस हमें देशभक्ति की भावना के लिए प्रेरित करता है।

आज के समय में लोग हिंदी से ज्यादा अंग्रेजी सीखना पसंद करते हैं क्योंकि अंग्रेजी को पूरी दुनिया में बोला जाता है। अंग्रेजी भी भारत की अधिकारिक भाषाओँ में से एक है। हिंदी दिवस का यह बहुत अधिक महत्व है कि यह हमें हमेशा यह याद दिलाता रहता है कि हिंदी हमारी अधिकारिक भाषा है और यह बहुत अधिक महत्व रखती है।

हिंदी दिवस उत्सव : हिंदी दिवस को स्कूलों , कॉलेजों , और कार्यालयों के साथ-साथ राष्ट्रिय स्तर पर भी मनाया जाता है। इस दिवस पर देश के राष्ट्रपति उन लोगों को पुरस्कार देते हैं जिन्होंने हिंदी भाषा के किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है। स्कूलों व कॉलेजों में प्रबन्धन समिति के द्वारा हिंदी वाद-विवाद , कविता , कहानी बोलने की प्रतियोगिताएं भी रखी जाती हैं।

संस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और शिक्षक भी हिंदी दिवस के महत्व को समझाने के लिए भाषण देते हैं। बहुत से स्कूल और इंटर स्कूल भी हिंदी वाद-विवाद , हिंदी निबन्ध , कानी लेखन और कविता प्रतियोगिताएं का आयोजन करते हैं। यह दिन हिंदी भाषा को सम्मान देने का होता है जो नई पीढ़ी में लुप्त होता जा रहा है।

हिंदी दिवस को कई कार्यालयों और सरकारी संस्थानों में भी मनाया जाता है। आज के समय में लोग भारतीय संस्कृति को आनन्दित करने के लिए भारतीय जातीय परिधान को पहनते हैं। हिंदी दिवस पर महिलाएं सूट और साड़ियाँ पहनती हैं तो पुरुष कुर्ता पजामा पहनते हैं।

हिंदी दिवस के दिन संस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं और लोग भी उनमे बहुत ही उत्साह के साथ भाग लेते हैं। इस दिन बहुत से लोग हिंदी कविता पढ़ते हैं और हिंदी के महत्व के बारे में भी समझाते हैं।

हिंदी का योगदान : भारत देश में हिंदी को अधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकृत करने का कदम स्वागत योग्य है हालाँकि हर साल हिंदी दिवस को मनाने का फैसला वाकई काबिले तारीफ है। हिंदी दिवस एक अनुस्मारक है कि जहाँ भी जाएँ हमें अपने आदर्शों और संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए। यही हमें परिभाषित करता है और हमें इसका अंड उठाना चाहिए।

यह दिन विभिन्न सरकारी संस्थानों में उत्साह से मनाया जाता है। बहुत से भारतीयों की कोशिशों की वजह से हिंदी के प्रचार-प्रसार बड़ी तेजी से हो रहा है। पूरी दुनिया में अपने मेहनत और बुद्धिमानी से भारतियों ने उन्नति का मगर खोला है उसे सभी देश ये मानने लगे हैं भारतियों से संबंध अच्छे बनाने के लिए हिंदी एक बेहतरीन माध्यम है।

आज के समय में करोड़ों लोग हिंदी भाषा में कंप्यूटर का प्रयोग कर रहे हैं जी हिंदी के वर्चस्व के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। आज का दौर डिजिटलाईजेशन का है जिसमें भारत के गांवों को भी इससे जोड़ा जा रहा है इंटरनेट को हर कोने तक पहुंचने की पूरी कोशिश की जा रही है। इन सब के लिए हिंदी माध्यम का जरिया पूरी तरह बन गया सके इसके प्रयास लगतार जारी हैं। इन कदमों को उठाने में काफी सफलता भी हासिल हुई है।

हिंदी दिवस मनाने का कारण : हिंदी दिवस को मनाना आज के समय में बहुत अनिवार्य हो गया है। आज के समय में लोग सिर्फ अंग्रेजी पर ही ध्यान देतें हैं। लोगों के बीच सिर्फ उन्हीं लोगों को पढ़ा लिखा माना जाता है जो लोग अंग्रेजी बोल पाते हैं और लिख पाते हैं।

कई जगहों पर तो हिंदी बोलने वाले व्यक्तियों के स्टेट्स पर बहुत फर्क पड़ने लगता है। किसी भी भाषा के साथ उसकी संस्कृति जुडी होती है। हमारे भारत की संस्कृति का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है। जो भी भारतीय इस सांस्कृतिक इतिहास को पूर्ण रूप से नहीं अपनाता है वह भी पूर्ण रूप से भारतीय नहीं होता है।

अत: हमें अपनी संस्कृति को समझने के लिए हिंदी को जानना बहुत जरूरी होता है। देश के लोगों को आज तक अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं किया है। कई बार लोग अंग्रेजी भाषा को बोलते समय हिंदी का सहारा लेते हैं। अगर किसी व्यक्ति को हिंदी अच्छी तरह से आती है तो वह किसी भी स्थान पर हिंदी का प्रतिष्ठित रूप से प्रयोग कर सकता है।

हिंदी में ऐसी बहुत सी रचनाएँ हुयी हैं जिन्हें पढकर और उन पर अम्ल करके व्यक्ति के जीवन को बदला जा सकता है। इस तरह की रचनाओं को पढने और समझने के लिए हिंदी को सीखना बहुत जरूरी होता है। हिंदी भाषा से राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखा जा सकता है।

हिंदी दिवस उस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है जिस दिन हिंदी भाषा हमारे देश की अधिकारिक भाषा बनी थी। हिंदी दिवस को जो अंग्रेजी भाषा से प्रभावित हैं उनके बीच हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देने और हर पीढ़ी के बीच में इसको बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

इससे युवाओं को अपने पूर्वजों के इतिहास को याद दिलाया जा सकता है। इस बात से किसी भी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ता है कि हम कहाँ तक पहुंच गये हैं और हम क्या करते हैं। अगर हम अपने देश के इतिहास को जान लेंगे तो हम देश की पकड़ को मजबूत बना सकते हैं। हर साल 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाने से भारतीय संस्कृति को संजोया जा सकता है और हिंदी भाषा का सम्मान भी किया जा सकता है।

सारे देश की आशा है
हिन्दी अपनी भाषा है
जात-पात के बंधन को तोड़ें
हिन्दी सारे देश को जोड़े

Friday, September 4, 2020

Quiz No 18 : on Teacher's Day

 

शिक्षक दिवस (5 सितंबर)

शिक्षक दिवस 

 गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लाते हैं। कहा जाता है कि जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता होते हैं। भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है, लेकिन जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।


प्रतिवर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए भारतभर में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। 'गुरु' का हर किसी के जीवन में बहुत महत्व होता है। समाज में भी उनका अपना एक विशिष्ट स्थान होता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा में बहुत विश्वास रखते थे। वे एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे। उन्हें अध्यापन से गहरा प्रेम था। एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण उनमें विद्यमान थे। इस दिन समस्त देश में भारत सरकार द्वारा श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है।


भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 1962 से हुई थी। भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का देश के शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनका जन्म दिनांक 5 सितंबर को हुआ था। उनके उप-राष्ट्रपति बनने के बाद कुछ छात्रों को मित्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की बात की। यह सुन कर डॉ. राधाकृष्णन ने कहा मेरा जन्म दिन मनाने की जगह अगर इस दिन शिक्षक दिवस मनाया जाए तो मुझे गर्व होगा। तब से आज तक हर वर्ष हमारे देश में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन हम उन्हें याद करने के साथ सभी शिक्षकों का सम्मान और धन्यवाद करते हैं। भारत में टीचर्स डे का अपना एक बहुत अलग ही महत्व है। यहाँ पर टीचर डे पर अपने गुरुओं का सम्मान करने का अपना एक अलग ही तरीका है। कुछ अपने गुरुओं के लिए उपहार लाते हैं, उनके लिए ख़त लिखते हैं, तो कुछ इस दिन गुरुओं के लिए विशेष स्पीच देते हैं।

National Youth Festival (NYF) 2025 The Viksit Bharat Young Leaders Dialogue is a transformative reimagining of the National Youth Festival (...