Saturday, October 29, 2022

Demonstration on Disaster Management by SDRF, Gadota Jaipur on 29.10.2022

आपदा प्रबंधन 


केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर मे दिनांक 29 अक्टूबर 2022 को एसडीआरएफ, गाडोता, जयपुर के कमांडेंट श्री राजकुमार गुप्ता (IPS) के निर्देशानुसार एच कम्पनी जयपुर के श्री रमेश चंद, प्लाटून कमांडर के नेतृत्व मे गठित टीम मे श्री राम  कुंवार, हैड कांस्टेबल  की अगुवाई मे प्राकृतिक आपदाओं तथा प्राथमिक उपचार के मैंनेजमेंट के बारे मे विद्यालय मे विस्तार से बताया  तथा अपनी टीम के द्वारा प्रदर्शन करके भी दिखाया गया जिसमे प्राकृतिक आपदाओं बाढ, भूकंप, अग्निकांड, गैस सिलेंडर मे लगी आग को रोकना, जहरीली गैसों के रिसाव, बडी सड़क दुर्घटनाओं , रेल हादसों , हवाई दुर्घटनाओं, बडी बिल्डिंगें, पुलों के ढहने, चक्रवात, सूखा, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, कीट हमला, पाला और शीत लहरो के बारे मे बताया। राज्य सरकार ने वर्ष 2012 के बजट में एसडीआरएफ बनाने की घोषणा की थी।  रावतभाटा में न्यूक्लियर रिसाव होने पर बचाव राहत कार्य के लिए प्रदेश में एसडीआरएफ का गठन किया गया था।

एसडीआरएफ टीम के द्वारा एक प्रर्दशनी का भी आयोजन किया गया जिसमे आपदा के दोरान बचाव एव राहत कार्य मे आने  वाले समस्त उपकरणो के बारे मे भी विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओ तथा शिक्षक-शिक्षिकाओ को जानकारी दी ।  विद्यालय के उप प्राचार्य  श्री बी. एस. राठौड़ तथा अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओ एवं विद्यालय के छात्र-छात्राओ ने भाग लिया । इस प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिये उप प्राचार्य ने एच कम्पनी, एसडीआरएफ, गाडोताजयपुर के द्वारा प्रस्तुत किये गये जन जागरुकता अभियान के इस कार्यक्रम के लिये आभार व्यक्त किया । जिसकी कुछ तस्वीरे नीचे दी जा रही है ।

Thursday, October 27, 2022

National Unity Day (31 October 2022)

                                               राष्ट्रीय एकता दिवस


राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत में वर्ष 2014 में पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया। भारत की गणना विश्व के सबसे बड़े देशों में से एक के रूप में की जाती है जो कि पूरे विश्व में दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, जहाँ 1652 के आसपास भाषाऍ और बोलियाँ बोली जाती है। यह देश दुनिया के सभी प्रमुख धर्मों को जैसे हिंदू, बौद्ध, ईसाई, जैन, इस्लाम, सिख और पारसी धर्मों को विभिन्न संस्कृति, खानपान की आदतों, परंपराओं, पोशाकों और सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ शामिल करता है। यह जलवायु में काफी अन्तर के साथ एक विविधतापूर्ण देश है। देश में प्रमुख भिन्नता होने के बाद भी, इसका प्रत्येक भाग एक ही संविधान द्वारा बहुत शांति के साथ नियंत्रित है।


एकता का महत्त्व 
एकता में सबसे बड़ा बाधक स्वहित हैं आज के समय में स्वहित ही सर्वोपरि हो गया है। आज जब देश आजाद हैं आत्म निर्भर हैं तो वैचारिक मतभेद उसके विकास में बेड़ियाँ बनी पड़ी हैं। आजादी के पहले इस फुट का फायदा अंग्रेज उठाते थे और आज देश के सियासी लोग। देश में एकता के स्वर को सबसे ज्यादा बुलंद स्वतंत्रता सेनानी लोह पुरुष वल्लभभाई पटेल ने किया था। वे उस सदी में आज के युवा जैसी नयी सोच के व्यक्ति थे। वे सदैव देश को एकता का संदेश देते थे। उन्हीं को श्रद्धांजलि देने हेतु उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।

एकीकरण में सरदार पटेल की भूमिका 

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद क़रीब पाँच सौ से भी ज़्यादा देसी रियासतों का एकीकरण सबसे बड़ी समस्या थी। 5 जुलाई 1947 को सरदार पटेल ने रियासतों के प्रति नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘रियासतों को तीन विषयों – सुरक्षा, विदेश तथा संचार व्यवस्था के आधार पर भारतीय संघ में शामिल किया जाएगा।’ धीरे धीरे बहुत सी देसी रियासतों के शासक भोपाल के नवाब से अलग हो गये और इस तरह नवस्थापित रियासती विभाग की योजना को सफलता मिली। भारत के तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारतीय संघ में उन रियासतों का विलय किया था जो स्वयं में संप्रभुता प्राप्त थीं। उनका अलग झंडा और अलग शासक था। सरदार पटेल ने आज़ादी के ठीक पूर्व (संक्रमण काल में) ही पी.वी. मेनन के साथ मिलकर कई देसी राज्यों को भारत में मिलाने के लिये कार्य आरम्भ कर दिया था। पटेल और मेनन ने देसी राजाओं को बहुत समझाया कि उन्हें स्वायत्तता देना सम्भव नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप तीन को छोडकर शेष सभी राजवाडों ने स्वेच्छा से भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। 15 अगस्त 1947 तक हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ को छोड़कर शेष भारतीय रियासतें ‘भारत संघ’ में सम्मिलित हो गयीं। जूनागढ़ के नवाब के विरुद्ध जब बहुत विरोध हुआ तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया और जूनागढ़ भी भारत में मिल गया। जब हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया तो सरदार पटेल ने वहाँ सेना भेजकर निजाम का आत्मसमर्पण करा लिया।

‘रन फॉर यूनिटी’ 

2014 के बाद से 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महान व्यक्ति को याद करने के लिए राष्ट्रव्यापी मैराथन का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के साथ देश की युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय एकता का सन्देश पहुँचता है, जिससे आगे चलकर वे देश में राष्ट्रीय एकता का महत्व समझ सकें। इस मौके पर देश के विभिन्न स्थानों में कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है। दिल्ली के पटेल चौक, पार्लियामेंट स्ट्रीट पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर माला चढ़ाई जाती है। इसके अलावा सरकार द्वारा शपथ ग्रहण समारोह, मार्च फ़ास्ट भी की जाती है। ‘रन फॉर यूनिटी’ मैराथन देश के विभिन्न शहरों, गाँव, जिलों, ग्रामीण स्थानों में आयोजित की जाती है। स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, अन्य शैक्षणिक संसथान, राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना के लोग बहुत बढ़ चढ़ कर इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते है।

राष्ट्रीय एकता में बल है अपार, चलो हाथ मिलाये बाटे प्यार।

सच्चे मायनों में तभी होगी देशभक्ति, जब एक होकर हम दिखायें एकता की शक्ति ।

हमारी एकता हमारी पहचान है, तभी तो हमारा देश महान है । 

Saturday, October 22, 2022

Inter House Dance Competition (22.10.2022)

इंटर हाउस समूह नृत्य प्रतियोगिता 


केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर मे दिनांक 22 सितंबर  2022 को इंटर हाउस समूह नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे सदन के सभी प्रतिभागियो ने जोश के साथ भाग लिया। जिसमे प्रथम स्थान पर टैगोर हाउस, दूसरे स्थान पर रमन तथा तीसरे स्थान पर अशोका सदन रहे। कार्यक्रम मे विधालय के  प्राचार्य  श्री   प्रदीप कुमार  टेलर, शिक्षक-शिक्षिकाए  तथा विद्यालय छात्र-छात्राए उपस्थित रहे ।  प्राचार्य  ने बच्चो तथा स्टाफ के सदस्यो  को दीपावली की शुभकामनाए दी 

Tuesday, October 18, 2022

Annual Supervision of KV No 2 Jaipur (18.10.2022)

केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर मे दिनांक 18 अक्टूबर 2022 को माननीय सहायुक्त आयुक्त श्री डी.आर. मीना, जयपुर सम्भाग की अध्यक्षता मे वार्षिक शैक्षिक निरीक्षण किया गया जिसमे अन्य स्कूलो से आये प्राचार्यो, उप प्राचार्यो तथा प्रधानाचार्यो ने विद्यालय का  निरीक्षण किया । प्राचार्य  श्री   प्रदीप कुमार टेलर ने सभी का जोरदार स्वागत किया। श्री डी. आर. मीना, सहायुक्त आयुक्त, जयपुर सम्भाग ने प्राथना सभा मे सभी को सम्बोधित किया ।  







Release of Library e-Magazine


Sunday, October 16, 2022

International Day for the Eradication of Poverty (17 Oct. 2022)

 अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस 


विश्व स्तर पर 17 अक्टूबर को “विश्व गरीबी उन्मूलन दिवस” जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। हर साल, 17 अक्टूबर को, गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for the Eradication of Poverty) पर, दुनिया भर में लोग गरीबी में रहने वालों को सुनने और गरीबी को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए इकट्ठा होते हैं। विश्व भर के साथ-साथ हमारे देश में भी गरीबी की समस्या बहुत बड़े पैमाने पर बढ़ रही है, यह गरीबी अन्य गंभीर समस्याओं को जन्म देती है जिससे देश का विकास बाधित होता है। 


गरीबी उन्मूलन अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2022 की मुख्य थीम 
 “व्यवहार में सभी के लिए गरिमा” 

आज हम आधुनिक तकनीकी युग और विश्व शक्ति की बात करते है, लेकिन आज भी अस्पताल से एम्बुलेंस के लिए पैसे के अभाव में लोग अपने परिजनों के शव कंधे पर ढोकर ला रहे, दुर्गम और पिछड़े इलाकों में आज भी मासूम बच्चे नदी-नाले, जंगल, उबड़-खाबड़ रास्तों को पार करके स्कूल जा रहे, कई ग्रामीण महिलाएं पानी के लिए रोज लंबा सफर तय करती है, आज भी हमारे देश के कई ग्रामीण इलाकों में आधारभूत चिकित्सा सेवाओं के अभाव में आपातकालीन समय में जिंदगियां दांव पर लग जाती है, आज भी कई असहाय लोग सड़क किनारे कचरे के ढेर में से खाना ढूंढते नजर आते है, मासूम बच्चें भूख-भूख करते हुए जान गवाने और गरीबी में कई मां अपनी कोख के मासूम को बेचने को मजबूर होने जैसी कई ऐसी हृदय विदारक घटनाएं खबरों के माध्यम से देखने-सुनने पढ़ने मिलती है। गरीबी में जीवन का संघर्ष मनुष्य को किस रास्ते पर ले जाये, कह नहीं सकते। गरीबी में जिंदगी के लिए मनुष्य को बहुत बार ऐसी मजबूरियों से गुजरना पड़ता है, जिसके लिए वह कभी सोच नहीं सकता।

दिन का इतिहास

इस वर्ष, महासभा द्वारा 22 दिसंबर 1992 के संकल्प 47/196 में, 17 अक्टूबर को गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित घोषणा की 27वीं वर्षगांठ है। इस वर्ष फादर जोसेफ व्रेसिंस्की (Joseph Wresinski) द्वारा कॉल टू एक्शन की 32 वीं वर्षगांठ भी है – जिसने 17 अक्टूबर को अत्यधिक गरीबी पर काबू पाने के लिए विश्व दिवस के रूप में मनाने के लिए प्रेरित किया – और संयुक्त राष्ट्र द्वारा उस दिन को अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस के रूप में मान्यता दी गई।

Friday, October 14, 2022

World Student Day (15 October 2022)

विश्व विद्यार्थी दिवस 


विश्व विद्यार्थी दिवस हर वर्ष 15 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने 2010 से प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर के दिन मनाने की घोषणा की हैं| डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी सभी विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श के रूप में थे| डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का मानना था कि छात्र-छात्राएं ही आने वाले समय में देश को तरक्की की ओर ले जा सकते हैं| इसलिए हर साल डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जन्म दिवस पर यह दिन मनाया जाता है|


डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सभी वर्गों और जाति के छात्रों के लिए एक प्रेरक और एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाते थे. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी का छात्र जीवन एक काफी चुनौतीपूर्ण था, और उनके जीवन में उन्होंने कई तरह के कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना किया. इसके अलावा अपने बचपन में वह परिवार और खुद के भरण-पोषण के लिए अखबार बेचा करते थे. लेकिन इसके बावजूद वह अपनी पढ़ाई के प्रति इच्छा शक्ति के कारण वह अपने जीवन में हर तरह की परेशानियों चुनौतियां को पार करने में सफल रहते थे. इन्होंने अपने जीवन काल में भारत के राष्ट्रपति जैसे बड़े संवैधानिक को प्राप्त किया, तथा अपने वैज्ञानिक और राजनीतिक जीवन के दौरान भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने खुद को एक शिक्षक ही माना था. वह हमेशा छात्रों को संबोधित करना ही उनका सबसे प्रिय कार्य था|

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है. उनका अर्थव्यवस्था, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र मे दिए गए योगदान को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था. वैज्ञानिक तथा राजनेता होने के साथ ही डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक परिश्रमी शिक्षक भी थे.  वह जो भी भाषण देते थे वह सभी लोगों को प्रभावित करता था. अब्दुल कलाम हर एक विद्यार्थी के लिए आदर्श की प्रतिमा थे और आज भी है. हर एक विद्यार्थी के लिए प्रेरक और मार्गदर्शक की भूमिका वह निभाया करते थे|

उनको इस बात से कोई भी मतलब नही था की वह विद्यार्थी कौन से वर्ग या जाति से संबंध रखता है. अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में उनका जीवन अनेक कठिनाइयों और चुनौतियों से भरा था जिसके कारण उनके विद्यार्थी जीवन का सफर बिलकुल भी आसान नहीं था|

Thursday, October 13, 2022

SEMINAR CONDUCTED ON WORLD POSTAL DAY (13.10.2022)

A seminar was conducted on World Postal Day and National Postal Week Celebration 2022 in Kendriya Visyalaya No 2 Jaipur Cantt. In this session a brief lecture was delivered by Subedar Girish Joshi from Army Post Office, Jaipur Cantt. In this session Mr. Pradeep Kumar Tailor, Principal, Teachers and Students were participated. Some Photographs are here:-








    

National Youth Festival (NYF) 2025 The Viksit Bharat Young Leaders Dialogue is a transformative reimagining of the National Youth Festival (...