हिन्दी दिवस
विविधताओं से समृद्ध हमारे भारत देश को एक अन्य चीज भी अनोखा बनाती है, जो है यहां पर बोलचाल की भाषाएं। दुनिया की सबसे प्राचीन माने जाने वाली भाषाओं में से एक संस्कृत के पश्चात भारत में हिंदी एक प्रसिद्ध भाषा है। गौरतलब है कि हिंदी दिवस को हिंदी पखवाड़ा भी कहा जाता है।
हिंदी पूरे विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भारत में लगभग आधी आबादी से भी अधिक हिंदी के वक्ता हैं। 14 सितंबर 1949 के दिन हिंदी को भारतीय संविधान में राजभाषा का दर्जा दिया गया था।
जिसके अगले ही साल 26 जनवरी 1950 में भारतीय संविधान को लागू किया गया। क्योंकि हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसलिए हिंदी दिवस के दिन सभी भारतीय इसे एक उत्सव के रूप में मनाते हैं। हिंदी पखवाड़ा या हिंदी दिवस सभी मातृभाषा प्रेमियों के लिए बड़ा ही खास दिन होता है।
हिन्दी दिवस का महत्व
‘भाषा’ यह शब्द सुनने में भले ही साधारण सा लगे, लेकिन यह सच है की बिना भाषा के कभी भी विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले हमारे देश में सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा हिंदी है।
यह खेद की बात है की हिंदी को भारत में ही इतना सम्मान नहीं दिया जा रहा, जितना कि उसे मिलना चाहिए। लोगों को विदेशी भाषा इंग्लिश बोलने में बड़ा ही गर्व महसूस होता है, लेकिन हिंदी बोलने में दिक्कत होती है। हिंदी दिवस ऐसे ही लोगों को उनके महान भाषा हिंदी के इतिहास को बताता है।
यह सभी भारत वासियों के लिए एक गर्व की बात है कि भारत में दौरे पर आने वाले बड़े-बड़े विदेशी राजनेता भी संबोधन के प्रारंभ में कुछ शब्द हिंदी में बोलते हैं, उसके बाद अपनी भाषा में भारतवासियों को संबोधित करते हैं।
बदलते भारत में हिंदी भाषा के बढ़ते महत्व की कल्पना इस बात से की जा सकती है, कि सालों पहले हमारी मातृभाषा को विदेशों में जरा भी सम्मान नहीं दिया जाता था। उल्टा इसका मजाक बनाया जाता था और हिंदी बोलने वालों को अपमानित भी किया जाता था। लेकिन आज समय बिल्कुल विपरीत है।
यह बेहद अच्छी तथा आश्चर्य की बात है, कि बढ़ते समय के साथ ही हिंदी भाषा सुनने और बोलने वाले लोगों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। अर्थात लोगों को अब अपनी मातृभाषा की कदर हो गई हैं। भारतीयों के अलावा विदेशियों को भी अब हिंदी भाषा को सीखना बड़ा ही दिलचस्प लगता है।
हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है?
14 सितंबर के दिन हर वर्ष भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है। हालांकि विश्व हिंदी दिवस हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 में हिंदी को भारतीय संविधान द्वारा राजभाषा का दर्जा मिला, जिसके पश्चात हर साल हिंदी दिवस अथवा हिंदी पखवाड़ा मनाया जाने लगा।
हिन्दी दिवस का इतिहास
हिंदी भाषा की बात करें तो इसका इतिहास बेहद पुराना है। वैदिक काल में संस्कृत के बाद हिंदी भाषा का प्रचलन हुआ था। लगभग 12वीं शताब्दी के आसपास इसकी लोकप्रियता बेहद बढ़ गई थी।
कई विद्वानों द्वारा इस भाषा में विभिन्न साहित्य का निर्माण भी किया गया। अमीर खुसरो, जिन्हे साहित्य की दुनिया के एक अमर कलाकार माना जाता है। उन्होंने हिंदी भाषा में भी कई कविताओं और शायरियों का निर्माण किया था।
आजाद भारत में हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिलवाने के लिए कई महान लोगों ने कड़े संघर्ष किए थे। जिनमें व्यौहार राजेंद्र सिंहा, काका कालेलकर, सेठ गोविंददास और हजारी प्रसाद द्विवेदी जैसे कई साहित्यकारों का नाम शामिल है।
आखिरकार 14 सितंबर के दिन भारत को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 में एक अधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को मान्यता प्रदान की गई थी। हिंदी दिवस इसीलिए भी सर्वश्रेष्ठ माना जाता है,
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