विश्व साइकिल दिवस
हर साल 3 मई को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है| इस दिन को मनाने का मुख्य उदेश्य लोगों को साइकिल से होने वाले फायदो के बारे में जागरूक करना है| भारत पूरे विश्व में साइकिल के निर्माण में दूसरे नंबर पर आता है| साइकिल के उपयोग से प्रदूषण से भी बचा जा सकता है| तो चलिए आपको इस दिन का इतिहास और इससे जुड़ी रोचक बाते बताते हैं|
2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाने की घोषणा की थी। प्रोफेसर लेस्ज़ेक सिबिल्स्की ने विश्व साइकिल दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था|
- इस दिन को मनाने के लिए तुर्कमेनिस्तान समेत 56 देशों ने सहयोग किया था| साइकिल चलाने से शरीर स्वस्थ रहता है और स्टैमिना भी बढ़ता है|
- टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए साइकिल चलाना बहुत फायदेमंद माना गया है।
साइकिल चलाने के फायदे
- साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टमअच्छा रहता है|
- यह वज़न घटाने के लिए सबसे कारगर और आसान तरीका माना जाता है|
- यह स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा व्यायाम है|
- इससे लोग स्ट्रेस फ्री रहते हैं।
साइकिल से जुड़ी रोचक बातें
- साइकिल का निर्माण जर्मनी के बरोन कार्ल वोन ड्राइस (Baron Karl Von Drais) द्वारा किया गया था| इसमें पैडल नहीं थे और यह लकड़ी की बनी हुई थी|
- तब साइकिल को धकेल कर चलाना पड़ता था जिसे लाउफमशीन (Laufmaschine) कहा जाता था|
- इस साइकिल का इस्तेमाल करीबन 30 साल से ज़्यादा किया गया था|
- मगर 1864 में फ़्रांस के दो भाइयों Pierre Michaux और Pierre Lallemen ने इसमें सीट और पैडल जोड़ा जिसके बाद साइकिल को पहले से ज़्यादा प्रसिद्धि मिली|
- साइकिल में बदलाव करने के बाद बोनशेकर (Boneshaker) इसका नाम रखा गया|
- मगर साइकिल के इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव 20वीं सदी में आया|
- साल 1900 से 1950 के दशक को साइकिल का गोल्डन ऐरा कहा गया क्योंकि यह उस वक़्त लोगों के ट्रेवल करने के लिए सबसे बड़ा साधन थी|
विश्व साइकिल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं|
No comments:
Post a Comment
Thanks for your valuable suggestion.