Tuesday, June 22, 2021

पंचतत्व में विलीन हुए 'उड़न सिख' मिल्खा सिंह

पंचतत्व में विलीन हुए 'उड़न सिख'  मिल्खा सिंह


भारतीय खेल का जब भी जिक्र होगा मिल्खा सिंह का नाम सबसे ऊपर की लिस्ट में लिखा जाएगा। वह देश के पहले ट्रैंक ऐंड फील्ड सुपर स्टार थे। मिल्खा सिंह ने शुक्रवार रात को चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली। मिल्खा सिंह के करियर का सबसे खास लम्हा तब आया जब 1960 के रोम ओलिंपिक में पदक से चूक गए थे। आईये अब हम मिल्खा सिंह जीवन के बारे मे जानते है |


पाकिस्तान के गोविंदपुरा में जन्मे उड़न सिख मिल्खा सिंह शनिवार को अपनी अनंत यात्रा पर रवाना हो गए। जीवन में हर कठिनाई को पार कर मिल्खा सिंह ने वो पहचान बनाई कि दुनिया उनकी मुरीद बन गई। कोरोना जैसी नामुराद बीमारी ने उनका जीवन बेशक छीन लिया लेकिन वे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे। चंडीगढ़ में शनिवार शाम जब उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई तो पूरा चंडीगढ़ अपने हीरो को सलामी देने उमड़ पड़ा। 

मिलखा सिंह का जन्म 20 नवंबर 1929 को गोविन्दपुर (जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में पड़ता है) में एक सिख जाट परिवार में हुआ था। भारत के विभाजन के बाद की अफ़रा तफ़री में मिल्खा सिंह ने अपने माँ-बाप को खो दिया। अंततः वे शरणार्थी बन के ट्रेन से पाकिस्तान से  भारत आए। ऐसे भयानक बचपन के बाद उन्होंने अपने जीवन में कुछ कर गुज़रने की ठानी। मिल्खा सिंह सेना में भर्ती होने की कोशिश करते रहे और अंततः वर्ष 1952 में वह सेना की विद्युत मैकेनिकल इंजीनियरिंग शाखा में शामिल होने में सफल हो गये। एक बार सशस्त्र बल के उनके कोच हवीलदार गुरुदेव सिंह ने उन्हें दौड़ (रेस) के लिए प्रेरित कर दिया, तब से वह अपना अभ्यास कड़ी मेहनत के साथ करने लगे। वह वर्ष 1956 में पटियाला में हुए राष्ट्रीय खेलों के समय से सुर्खियों में आये।

एक होनहार धावक के तौर पर ख्याति प्राप्त करने के बाद उन्होंने 200 मीटर और 400 मीटर की दौड़े सफलतापूर्वक की और इस प्रकार भारत के अब तक के सफलतम धावक बने। कुछ समय के लिए वे ४०० मीटर के विश्व कीर्तिमान धारक भी रहे। कार्डिफ़, वेल्स, संयुक्त साम्राज्य में १९५८ के कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण जीतने के बाद सिख होने की वजह से लंबे बालों के साथ पदक स्वीकारने पर पूरा खेल विश्व उन्हें जानने लगा। इसी समय पर उन्हें पाकिस्तान में दौड़ने का न्यौता मिला, लेकिन बचपन की घटनाओं की वजह से वे वहाँ जाने से हिचक रहे थे। लेकिन न जाने पर राजनैतिक उथल पुथल के डर से उन्हें जाने को कहा गया। उन्होंने दौड़ने का न्यौता स्वीकार लिया। दौड़ में मिलखा सिंह ने सरलता से अपने प्रतिद्वन्द्वियों को ध्वस्त कर दिया और आसानी से जीत गए। अधिकांशतः मुस्लिम दर्शक इतने प्रभावित हुए कि पूरी तरह बुर्कानशीन औरतों ने भी इस महान धावक को गुज़रते देखने के लिए अपने नक़ाब उतार लिए थे, तभी से उन्हें फ़्लाइंग सिख की उपाधि मिली।

सेवानिवृत्ति के बाद मिलखा सिंह खेल निर्देशक, पंजाब के पद पर थे। मिलखा सिंह ने बाद में खेल से सन्यास ले लिया और भारत सरकार के साथ खेलकूद के प्रोत्साहन के लिए काम करना शुरू किया। वे चंडीगढ़ में रहते थे। जाने-माने फिल्म निर्माता, निर्देशक और लेखक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने वर्ष 2013 में इनपर भाग मिल्खा भाग नामक फिल्म बनायी। ये फिल्म बहुत चर्चित रही। 'उड़न सिख' के उपनाम से चर्चित मिलखा सिंह देश में होने वाले विविध तरह के खेल आयोजनों में शिरकत करते रहते थे। हैदराबाद में 30 नवंबर,2014 को हुए 10 किलोमीटर के जियो मैराथन-2014 को उन्होंने झंड़ा दिखाकर रवाना किया।

फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर एथलीट मिल्खा सिंह का 18 जून 2021 को देर रात में निधन हो गया। 91 वर्षीय मिल्खा सिंह का निधन पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में हुआ। हल ही मिल्खा सिंह कोरोना संक्रमित हुए, जिसके बाद वह स्वास्थ्य भी हो गए। इसी सप्ताह मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का निधन कोविड 19 के कारण हुआ। मिल्खा सिंह के निधन की पुष्टि उनके बेटे जीव मिल्खा सिंह ने की है। अंतर्राष्ट्रीय स्थर पर भारत का नाम रोशन करने वाले मिल्खा सिंह के निधन की खबर से पूरा देश दुःख में है। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिल्खा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

Monday, June 21, 2021

केंद्रीय विद्यालया क्रमाक 1 जयपुर मे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया

 केंद्रीय विद्यालया क्रमाक 1 जयपुर मे दिनांक 21 जून 2021 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया जिसमें विद्यलया के प्राचार्य श्री अशोक कुमार, अध्यापकों  तथा  अध्यापिकाओ ने  विद्यलया मे आयोजित कार्यक्रम मे भाग लिया तथा छात्र और छात्रओ ने कोरोना के  चलते घर पर रहकर, घर से ही ईस कार्यक्रम मे भाग लिया । कार्यक्रम के कुछ चित्र नीचे दे रहे है जिसमें छात्र और छात्रओ ने घऱ पर रहकर  योगा किया ।


Saturday, June 19, 2021

International day of Yoga (21 June 2021)

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून 2021)


वर्ष 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को यह प्रस्ताव पसंद आया और 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। श्री मोदी द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव और यू.एन. द्वारा किए गए निर्णय की दुनिया भर के आध्यात्मिक नेताओं और योग के चिकित्सकों द्वारा इसकी सराहना की गई। भारतीय आध्यात्मिक नेता और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री रवि शंकर ने कहा कि योग पहले एक अनाथ बच्चे जैसा था लेकिन अब ऐसा नहीं है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे मान्यता देने के बाद इस कला को वह कद प्राप्त हुआ है जिसका यह सही मायनों में हकदार थी।


               अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 का थीम है "Yoga for Humanity".

संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि

योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर की एकता, विचार और कार्रवाई, संयम और पूर्ति; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करने का सरल माध्यम है। इसकी मदद से न सिर्फ स्वास्थ्य तन बल्कि शांत मन को भी पाया जा सकता है ।योग की मदद से पूरी दुनिया में शांति और व्यवस्था स्थापित की जा सकती है।

योग का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि जब से सभ्‍यता शुरू हुई है तभी से योग किया जा रहा है। योग के विज्ञान की उत्‍पत्ति हजारों साल पहले हुई थी, पहले धर्मों या आस्‍था के जन्‍म लेने से काफी पहले हुई थी। योग विद्या में शिव को पहले योगी या आदि योगी तथा पहले गुरू या आदि गुरू के रूप में माना जाता है।

कई हजार वर्ष पहले, हिमालय में कांति सरोवर झील के तटों पर आदि योगी ने अपने प्रबुद्ध ज्ञान को अपने प्रसिद्ध सप्‍तऋषि को प्रदान किया था। सत्‍पऋषियों ने योग के इस ताकतवर विज्ञान को एशिया, मध्‍य पूर्व, उत्‍तरी अफ्रीका एवं दक्षिण अमरीका सहित विश्‍व के भिन्‍न - भिन्‍न भागों में पहुंचाया। रोचक बात यह है कि आधुनिक विद्वानों ने पूरी दुनिया में प्राचीन संस्‍कृतियों के बीच पाए गए घनिष्‍ठ समानांतर को नोट किया है। तथापि, भारत में ही योग ने अपनी सबसे पूर्ण अभिव्‍यक्ति प्राप्‍त की। अगस्‍त नामक सप्‍तऋषि, जिन्‍होंने पूरे भारतीय उप महाद्वीप का दौरा किया, यौगिक तरीके से जीवन जीने के इर्द-गिर्द इस संस्‍कृति को गढ़ा।

योग करते हुए पित्रों के साथ सिंधु - सरस्‍वती घाटी सभ्‍यता के अनेक जीवाश्‍म अवशेष एवं मुहरें भारत में योग की मौजूदगी का सुझाव देती हैं। देवी मां की मूर्तियों की मुहरें, लैंगिक प्रतीक तंत्र योग का सुझाव देते हैं। लोक परंपराओं, सिंधु घाटी सभ्‍यता, वैदिक एवं उपनिषद की विरासत, बौद्ध एवं जैन परंपराओं, दर्शनों, महाभारत एवं रामायण नामक महाकाव्‍यों, शैवों, वैष्‍णवों की आस्तिक परंपराओं एवं तांत्रिक परंपराओं में योग की मौजूदगी है।

21 जून को इस दिन के रूप क्यों चुना गया

दिल्ली की एक छात्रा के एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए क्यों चुना गया। उन्होंने कहा, “आज मैं पहली बार इसका खुलासा करता हूं। सूर्य पृथ्वी पर ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। यह दिन हमारे भूभाग में सबसे बड़ा दिन होता है। हमें उस दिन सबसे ज्यादा ऊर्जा मिलती है। यही कारण है कि उस दिन का सुझाव दिया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का लोगो (Logo) क्या दर्शाता है ?

1. यह मानवता के लिए शांति और सद्भाव को दर्शाता है।
2. 'लोगो' में दोनों हाथों का जोड़ना सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का मिलन दर्शाता है।
3. 'लोगो' मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति और स्वास्थ्य और भलाई के लिए समग्र दृष्टिकोण के बीच एक सही सामंजस्य को दर्शाता है।
4. हरे पत्ते प्रकृति और नीले रंग अग्नि तत्व का प्रतीक है। भूरे रंग के पत्तों पृथ्वी का प्रतीक है।
5. लोगो' में सूर्य का होना ऊर्जा और प्रेरणा के स्रोत का प्रतीक है।

Reading Day Pledge (पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया)

Reading Week Celebration Program (19-25 June 2021)

CELEBRATION OF READING WEEK

In memory of honoring the Father of the “Library Movement in Kerala” Late Shri P. N. Panicker, country is celebrating Reading Week from           19 June to 25 June 2021, the various activities will be conducting by the Library of Kendriya Vidyala No 1 Jaipur. Details are as under:-

Date

 

Competition

Class

19 Jun 2021

Quiz  on Reading Based on Comprehensive

II – VI

20 June 2021

 

Story Telling

II- VIII

22 June 2021

 

Poem Recitation (Books)

II- VIII

23 June 2021

Essay Writing (Book Reading during Lockdown) 

IX – XII

24 June 2021

Quiz on Books and Authors

(Play through Library Blog)

VI – XII

25 June 2021

 

Biography of any Author or Poet

VI – XII

 

Make a Video on Storytelling or Poem Recitation, Photographs of other activities can sent through email : librarykv1jaipur@gmail.com

The best performers will be awarded with certificates and prizes (after reopening the school for students)

 

 

Friday, June 11, 2021

World Blood Donner Day (14 June 2021)

 विश्व रक्तदान दिवस


विश्व रक्त दाता दिवस प्रति वर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 14 जून को मनाया जाता है. इस वर्ष 2021को भी यह 14 जून को ही मनाया जायेगा. कार्ल लैंडस्टीनर (Karl Landsteiner) की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है. यह पहली बार 2004 में रक्त की कमी को पूरा करने और रक्तदान को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया गया था. इस दिन ब्लड डोनर्स रक्त दान करते हैं ताकि दुर्घटना पीड़ितों की जान बचाई जा सके या जिन्हें सर्जरी के लिए रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. आज के इस कोरोना माहामारी के दौर में ब्लड की बहुत बड़ी आवश्यकता है



World Blood Donner Day Theme 2021

“Give blood and keep the world-beating.”
पहला विश्व रक्त दाता दिवस 
2004 में मनाया गया थाजिसे 2005 में 58th विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly) द्वारा वार्षिक वैश्विक आयोजन के रूप में नामित किया गया थाविश्व रक्तदाता दिवस 14 जून को इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि इस दिन कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म हुआ था.

14 जून कोऑस्ट्रियाई जीवविज्ञानी और चिकित्सककार्ल लैंडस्टीनर (Karl Landsteiner) का जन्मदिन होता हैजिसे आधुनिक ब्लड ट्रांसफ्यूजन (blood transfusion) का "संस्थापक" माना जाता है. लैंडस्टाइनर ने 1901 में ABO blood groups की खोज की और blood groups के वर्गीकरण की आधुनिक प्रणाली विकसित की. इस खोज के लिए ही कार्ल लैंडस्‍टाईन को नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 

फिर 1937 मेंअलेक्जेंडर एस. वीनर (Alexander S. Wiener), के साथ मिलकर रीसस कारक (Rhesus factor) की पहचान की. इस प्रकार चिकित्सकों को एक रोगी के जीवन को खतरे में डाले बिना रक्त को स्थानांतरित करने में सक्षम बनाया गया.

  • विश्व रक्त दाता दिवस (World Blood Donor Day) का महत्व 

  • रक्त दान करने वाले व्यक्तियों को धन्यवाद देने और उन लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए जिन्होंने अभी तक रक्त दान नहीं किया है.

  • रक्तदान करने से समाज को लाभ होता है.
  • लोगों को मुफ्त में रक्तदान करने के लिए प्रेरित करना.
  • इलाज के दौरान अक्सर सुरक्षित रक्त महत्वपूर्ण होता है. यह जीवन को बचाने वाली चिकित्सीय जरूरतों में से एक है. सभी प्रकार की आपात स्थितियों (प्राकृतिक आपदादुर्घटनासशस्त्र संघर्ष आदि) के दौरान घायलों के इलाज के लिए रक्त भी अहम है. इसलिए रक्त के महत्व को और लोगों तक रक्तदान के महत्व को पहुचाने और जागरूक करने के लिए विश्व रक्त दाता दिवस मनाया जाता है.

रक्तदान आखिर कौन कर सकता है?

    • जो व्यक्ति स्वस्थ हो और उसकी उम्र 18 से 65 साल हो
    • वज़न कम से कम 50 या अधिक हो. कुछ देशों मेंरक्त दान के दाताओं को दान करने के लिए कम से कम 45 किलो वज़न होना अनिवार्य है.
    • रक्तदाता को HIV, Hepatitis B या जैसे रोग न हुए हों.
    • यदि आपको सर्दीफ्लूगले में खराशसर्दी-खराशपेट में कीड़े या कोई अन्य संक्रमण है तो आप दान नहीं कर सकते.
    • रक्त दान करने के लिए न्यूनतम हीमोग्लोबिन स्तर को पूरा करना आवश्यक है. इसके लिए दान स्थल पर टेस्ट किया जाता है. 

रक्त दान करने के फायदे 

Mental Health Foundation की रिपोर्ट के अनुसार रक्तदान करने से तनाव कम होता है और नकारात्मक भावनाओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है इत्यादि. साथ ही दिल की सेहत सुधरती है, कैलोरी घटती हैं, लिवर की सेहत में सुधार, वज़न भी होता है कम इत्यादि.


Saturday, June 5, 2021

CBSE Class 12 Board Exam 2021 & Other Board Exam Updates

CBSE Class 12 Board Exam 2021 & Other Board Exam Updates 


CBSE Class 12 Exam 2021: The central govt. has taken the decision not to conduct the board examination of CBSE, NIOS, and CISCE for the year 2021 and also constitute a committee to finalize the evaluation pattern for passing the students.  PM Modi said there is no compromise on the health and safety of the students.

CBSE



NIOS


Other State

After the cancellation of the exam of CBSE class 12, other 12 states also have taken the decision not to conduct the board examination for the year 2021, These states like Rajasthan, Odisha, Maharastra, Karnataka, Goa, Madhya Pradesh, Utter Pradesh, Uttrakhand. 

"but it was also decided that like last year, in case some students desire to take the exams, such an option would be provided to them by CBSE, as and when the situation becomes conducive," said an official release by the Government.

Rajasthan Board of Secondary Education (RBSE) has canceled the 2021 examination for class 10th and 12th amid a surge in COVID-19 cases across the country. RBSE is one of India's leading state government education boards. RBSE conducts examinations for classes 10th and 12th every year and declares the results within two months after the last exam. 

World Food Safety Day 2021 (07 June 2021)

 विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 


7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) मनाया जा रहा है। इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 2018 में खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से अपनाया गया था। इसके बाद पहली बार साल 2019 में इसे मनाया गया था। इस हिसाब से दुनिया 7 जून को तीसरी बार ‘वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे’ मनाएगी। डब्लूएचओ (WHO) के अनुसार, इससे फूड सेफ्टी को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई जा सकती है और विश्व स्तर पर फूड से होने वाली बीमारियों को भी ध्यान में लाया जा सकता है। कृषि द्वारा उगाया जाने वाला अनाज खाद्य पदार्थ व्यर्थ ना हो। क्योंकि विश्व में बहुत से लोग भूखे पेट सोते हैं तो उनकी भूख की पूर्ति के लिए खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।


World Food Safety Day 2021 theme 

                         "Safe food today for a healthy tomorrow" 

तीसरा विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (डब्ल्यूएफएसडी) 7 जून 2021 को मनाया जाएगा, ताकि खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य, आर्थिक समृद्धि, कृषि, बाजार पहुंच, पर्यटन में योगदान को रोकने, पता लगाने और प्रबंधन करने में मदद करने के लिए ध्यान आकर्षित किया जा सके। 


इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सुरक्षित खाद्य मानकों को बनाए रखने के लिए जागरूकता पैदा करना और खाद्य जनित बीमारियों के कारण होने वाली मौतों को कम करना है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार,  जीवन को बनाए रखने और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की दिशा में पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन जरूरी है।  डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया में लगभग 10 में से लगभग 1 लोग दूषित भोजन खाने के बाद बीमार पड़ जाता हैं और यह एक बड़ा खतरा है।

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी दो एजेंसियों – खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization- FAO) तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) को दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नामित किया है। इसके अलावा ‘खाद्य सुरक्षा क्यों आवश्यक है और इसे कैसे हासिल किया जा सकता है?’ इस पर चर्चा करने के लिये संयुक्त राष्ट्र ने दिशा-निर्देश विकसित किये हैं। इसके पाँच मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-

– सरकारों को सभी के लिये सुरक्षित और पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करना चाहिये।

– कृषि और खाद्य उत्पादन में अच्छी प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता है।

– व्यापार करने वालों लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि खाद्य पदार्थ सुरक्षित है।

– सभी उपभोक्ताओं को सुरक्षित, स्वस्थ और पौष्टिक भोजन प्राप्त करने का अधिकार है।

– खाद्य सुरक्षा हम सबकी एक साझा ज़िम्मेदारी है।

– ‘सुरक्षित, पौष्टिक और पर्याप्त भोजन’ अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ ही भूख जैसी समस्या को समाप्त कर सकता है।

"Good food end with good talk"

"I am a better person when I have less on my plate"

"Food for the body is not enough. There must be food for the soul"

Thursday, June 3, 2021

World Environment Day 2021 (05 June 2021)

 विश्व पर्यावरण दिवस 2021


पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) यानी वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे  मनाया जाता है. इस दिन लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इन कार्यक्रमों के ज़रिये लोगों को पेड़-पौधे लगाने, पेड़ों को संरक्षित करने, हरे पेड़ न काटने, नदियों को साफ़ रखने और प्रकृति से खिलवाड़ न करने जैसी चीजों के लिए जागरुक किया जाता है.


वैसे तो विश्व पर्यावरण दिवस वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मनाया गया था लेकिन विश्व स्तर पर इसके मनाने की शुरुआत 5 जून 1974 को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई थी. जहां इस दिन पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था और इसमें 119 देशों ने भाग लिया था.इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का गठन किया गया था साथ ही प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था. ये सम्मेलन 5 जून से 16 जून तक आयोजित किया गया था. इस दिन के लिए स्लोगन रखा गया था "केवल एक पृथ्वी" ("Only one Earth").

वर्ष 2021 की थीम

हर वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है. इस बार इस दिन को मनाने के लिए वर्ष  2021 की थीम "पारिस्थितिकी तंत्र बहाली" (Ecosystem Restoration) निर्धारित की गयी है. इस दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रम इसी थीम पर आधारित होंगे. पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर पेड़-पौधे लगाना, बागों को तैयार करना और उनको संरक्षित करना, नदियों की सफाई करना जैसे कई तरीकों से काम किया जा सकता है. वर्ष 2020 के लिए विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "जैव विविधता" (Biodiversity) वर्ष 2019 में "वायु प्रदूषण" ("Air Pollution") और उस से पहले वर्ष 2018 में  इसकी थीम “बीट प्लास्टिक पोल्यूशन” ("Beat Plastic Pollution") रखी गयी थी.


इस बार विश्‍व पर्यावरण दिवस ऐसे समय में आया है, जब‍ पूरी दुनिया कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रही है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस का मेजबान पाकिस्तान होगा। इससे संबंधित कार्यक्रम में 'Ecosystem Restoration पर संयुक्‍त राष्‍ट्र का एक दशक' भी लॉन्‍च किया जाएगा।


जब प्रदुषण पर होगा नियंत्रण, तभी बचेगा हमारा पर्यावरण।

जो करे पर्यावरण का सम्मान, वही है सच्चा इंसान।
अपने पर्यावरण को मिलकर स्वच्छ बनाएं, आओ सभी पेड़-पौधे लगाएं।
इस धरती को अगर बचाना है, तो पर्यावरण रक्षा का, लक्ष्य बनाना है।
पर्यावरण का रखे ध्यान, तभी बनेगा देश महान।
Future generations will blame us for global warming.

Happy World Bicycle Day (03 June 2021)

विश्व साइकिल दिवस


 हर साल 3 मई को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है| इस दिन को मनाने का मुख्य उदेश्य लोगों को साइकिल से होने वाले फायदो के बारे में जागरूक करना है| भारत पूरे विश्व में साइकिल के निर्माण में दूसरे नंबर पर आता है| साइकिल के उपयोग से प्रदूषण से भी बचा जा सकता है| तो चलिए आपको इस दिन का इतिहास और इससे जुड़ी रोचक बाते बताते हैं|


2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाने की घोषणा की थी। प्रोफेसर लेस्ज़ेक सिबिल्स्की ने विश्व साइकिल दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था|

  • इस दिन को मनाने के लिए तुर्कमेनिस्तान समेत 56 देशों ने सहयोग किया था| साइकिल चलाने से शरीर स्वस्थ रहता है और स्टैमिना भी बढ़ता है|
  • टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए साइकिल चलाना बहुत फायदेमंद माना गया है।

साइकिल चलाने के फायदे 


  • साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टमअच्छा रहता है|
  • यह वज़न घटाने के लिए सबसे कारगर और आसान तरीका माना जाता है|
  • यह स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा व्यायाम है|
  • इससे लोग स्ट्रेस फ्री रहते हैं।

साइकिल से जुड़ी रोचक बातें 


  • साइकिल का निर्माण जर्मनी के बरोन कार्ल वोन ड्राइस (Baron Karl Von Drais) द्वारा किया गया था| इसमें पैडल नहीं थे और यह लकड़ी की बनी हुई थी|
  • तब साइकिल को धकेल कर चलाना पड़ता था जिसे लाउफमशीन (Laufmaschine) कहा जाता था|
  • इस साइकिल का इस्तेमाल करीबन 30 साल से ज़्यादा किया गया था|
  • मगर 1864 में फ़्रांस के दो भाइयों Pierre Michaux और Pierre Lallemen ने इसमें सीट और पैडल जोड़ा जिसके बाद साइकिल को पहले से ज़्यादा प्रसिद्धि मिली|
  • साइकिल में बदलाव करने के बाद बोनशेकर (Boneshaker) इसका नाम रखा गया|
  • मगर साइकिल के इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव 20वीं सदी में आया|
  • साल 1900 से 1950 के दशक को साइकिल का गोल्डन ऐरा कहा गया क्योंकि यह उस वक़्त लोगों के ट्रेवल करने के लिए सबसे बड़ा साधन थी|
विश्व साइकिल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं|

National Youth Festival (NYF) 2025 The Viksit Bharat Young Leaders Dialogue is a transformative reimagining of the National Youth Festival (...