Thursday, December 24, 2020

Quiz No 31 : on Consumer Right and good governance

 

Good Governance Day (25 Dec 2020)

सुशासन दिवस


पूरे भारत में 25 दिसम्बर को भारत सरकार द्वारा सुशासन दिवस के रुप मनाने की घोषणा की गयी है। असल में 25 दिसम्बर, हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिवस है जो उन्हें हमेशा के लिये आदर और सम्मान देने के लिये सुशासन दिवस के रुप में घोषित किया गया है। भारत सरकार द्वारा यह घोषित किया गया है कि 25 दिसम्बर (सुशासन दिवस) को पूरे दिन काम किया जायेगा।


सुशासन दिवस का इतिहास

पूर्व प्रधानमंत्री, अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म दिवस 2014 में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा हर साल पूरे भारत में सुशासन दिवस के रुप में मनाये जाने की घोषणा की गयी थी। अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को सुशासन दिवस के रुप में मनाना भारतीय लोगों के लिये बहुत सम्मान की बात है। अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर सुशासन दिवस की पहली घोषणा भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा की गई थी।

सुशासन दिवस की घोषणा "ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुशासन” के आधार पर की गयी है। ये एक कार्यक्रम है जो सभी सरकारी अधिकारियों को बैठक और संचार के लिये आमंत्रित करके बाद में मुख्य समारोह में शामिल होकर मनाया जाता है। यहाँ एक दिन की लंबी प्रदर्शनी का आयोजन करके और सरकारी अधिकारियों को भाग लेने के साथ ही ई-गवर्नेंस और प्रदर्शनी के बारे में कुछ सुझाव देने के लिये आमंत्रित करके मनाया जाता है।

संयोग से भारत में सुशासन दिवस की घोषणा 25 दिसम्बर क्रिसमस उत्सव (एक राजपत्रित अवकाश) से मेल खाती है, हालांकि सुशासन दिवस पर पूरे दिन काम करने की घोषणा की गयी है। ये पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का 90 वां जन्मदिन था जब ये घोषणा की गयी थी।

सुशासन दिवस मनाने के उद्देश्य

अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन सुशासन दिवस के रुप में बहुत से उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये घोषित किया गया:

  • सरकारी प्रक्रिया को व्यवहारिक बनाकर देश में एक "खुला और जवाबदेह प्रशासन" प्रदान करने के लिए।
  • सुशासन दिवस देश में एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन मुहैया कराने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए मनाया जाता है।
  • यह भारत में आम नागरिकों के कल्याण और भलाई को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
  • सरकार के कामकाज के मानकीकरण के साथ-साथ यह भारतीय लोगों के लिए एक अत्यधिक प्रभावी और जवाबदेह शासन के लिए मनाया जाता है।
  • यह भारत में सुशासन के एक मिशन को पूरा करने के लिए अच्छी और प्रभावी नीतियों को लागू करने के लिए मनाया जाता है।
  • यह सरकारी अधिकारियों को आंतरिक प्रक्रियाओं और उनके काम के लिये प्रतिबद्ध करने के लिये मनाया जाता है।
  • सुशासन के माध्यम से देश में वृद्धि और विकास को बढ़ाने के लिए।
  • नागरिकों को सरकार के करीब लाकर सुशासन की प्रक्रिया में उन्हें सक्रिय भागीदार बनाने के लिए।

Christmas Day (25 Dec 2020)

क्रिसमस दिवस


क्रिसमस ईसाई धर्म का बहुत प्रसिद्ध त्यौहार है जो 25 दिसम्बर को प्रतिवर्ष पुरे विश्व में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह त्यौहार ईसा मसीह (Jesus Christ) के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। ईसा मसीह ईसाई धर्म के संस्थापक थे। ईसाई धर्म के लोग यीशु को भगवान् का बेटा मानते थे।


ईसा मसीह एक महापुरुष थे। वे दुनिया में दुखी लोगों का दुःख दूर करने और ईश्वर के रूप को लोगों के सामने प्रकट करने के लिए अवतरित हुये थे। शुरू में उन्हें बहुत परेशानियाँ झेलनी पड़ी लेकिन धीरे-धीरे उनके साथी बढ़ने लगे। उन्होंने अपने उपदेशों से दुनिया में दुःख, अज्ञानता, अंधविश्वास आदि को खत्म करने की कोशिश की।

इस तरह धीरे-धीरे ईसा मसीह की लोकप्रियता बढ़ने लगी। कहा जाता है की ईसा मसीह की लोकप्रियता देखकर यहूदियों को जलन होने लगी। उन्हें लगा की अगर ऐसा ही चलता रहा तो ईसा मसीह हमसे सत्ता छीन लेगा। इस सब साजिश के चलते ईसा मसीह को सूली पर चढ़ा दिया गया।

ईसाई धर्म के लोग विश्वास करते है की ईसा मसीह तीसरे दिन फिर जीवित हो गये थे। उन्होंने कई ऐसे चमत्कार किये जो लोगों के लिए असंभव थे। कहा जाता है की ऐसा करने की शक्ति उन्हें ईश्वर ने दी थी।

उन्हीं की याद में मनाया जाने वाला क्रिसमस डे आज ईसाई धर्म के लोगों का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है। इसलिए इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है। ईसाईयों के लिए यह दिन उतना ही महत्व रखता है जितना हिंदू धर्म के लोगों के लिए दिवाली और दशहरा महत्व रखता है।

क्रिसमस के दिन लगभग पुरे विश्व में अवकाश रहता है। क्रिसमस आने से कुछ दिन पहले से ही लोग अपने घरों और चर्च को सजाने में जूट जाते है। इस खास अवसर पर कई प्रकार के व्यंजन बनाये जाते है। सभी नये कपड़े पहनते है। इस दिन को लोग बड़ी खुशी और उत्साह के साथ गाते, नाचते मनाते हैं।

ईसाईयों के लिए इस दिन क्रिसमस ट्री बहुत महत्व रखता है। सभी अपने-अपने घरों के सामने खूबसूरत क्रिसमस पेड़ लगाते है। इस दिन हर परिवार क्रिसमस ट्री के चारों तरफ जमा होकर ईसा मसीह की प्रशंसा और प्रार्थना करते है और अपनी गलतियों के लिए क्षमा माँगते है।

प्रार्थना खत्म होने के ठीक 12 बजे केक काटकर एक-दुसरे को क्रिसमस की बधाई देते है। इस दिन सांता आता है और बच्चों को अच्छे-अच्छे गिफ्ट्स देकर जाता है। इस तरह ईसा मसीह की याद में क्रिसमस मनाया जाता है।

ईसा मसीह एक ऐसे महान व्यक्ति थे जिन्होंने सादा जीवन जीते हुये भी संसार को अच्छे और उच्च आदर्श दिये थे और वे हमेशा अच्छे आदर्शों के अनुकरणीय रहेंगे।

ईसा मसीह ने दुनिया के दुःख, अज्ञानता और अंधविश्वास को खत्म करने के लिए प्रयास करते-करते अपना पूरा जीवन ईश्वर को समर्पित कर दिया था।

****Merry Christmas****

National Consumer Rights Day (24 Dec 2020)

राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस


हर साल  24 दिसंबर को भारत में एक चयनित विषय के साथ राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस (National Consumer Rights Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिन लोगों को संरक्षक आंदोलन के महत्व को उजागर करने का एक मौका प्रदान करता है. इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके महत्व, उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरुकता फैलाना है. इस अधिनियमन को देश के ग्राहक आंदोलन के भीतर एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के रूप में लिया गया है.


क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस?

24 दिसंबर साल 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित किया गया था. वहीं, साल 1991 और 1993 में इस अधिनियम में संशोधन किए गए. इस अधिनियम को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल में लाने के लिए साल 2002 के दिसंबर महीने में एक व्यापार संशोधन लाया गया. इसके बाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को 15 मार्च 2003 से लागू किया गया. उपभोक्ता संरक्षण नियम को 1987 में भी संशोधित किया गया था. इसके बाद 5 मार्च 2004 को इसे पूर्ण रूप से मान्यता दी गई. साल 2000 में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस को पहली बार मनाया गया था. इसके अलावा, हर साल 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights Day) मनाया जाता है. हर साल 24 दिसंबर को जगह-जगह सेमिनार का आयोजन कर उपभोक्ताओं को जागरूक भी किया जाता है.

2020के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस का विषय

साल 2000 से लगातार चली आ रही राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाने की यह राष्ट्रीय परंपरा उद्देश्य रखती है कि राष्ट्र का हर एक उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति सजग हो और जागरूक रहे. इस साल राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम सस्टेनेबल कंज्यूमर (स्थायी उपभोक्ता) है.

उपभोक्ता के मुख्य अधिकार

-सुरक्षा का अधिकार

-सूचना का अधिकार

-चुनने का अधिकार

-सुने जाने का अधिकार

-निवारण का अधिकार

-उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार

Tuesday, December 22, 2020

किसान दिवस : 23 दिसंबर 2020

भारत एक कृषि प्रधान देश हैं जहां कि जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा खेती-किसानी के काम में मशगूल रहता है। किसान जब खेत में मेहनत करके अनाज पैदा करते हैं तभी वह हमारी थालियों तक पहुंच पाता है। ऐसे में किसानों का सम्मान करना बेहद जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 23 दिसंबर को किसान दिवस के तौर पर मनाया जाता है।



भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले किसानों को आज का दिन समर्पित है। आज ही भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन भी है। जो किसानों के हितैषी थे और उनके सम्मान में ही आज के दिन को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्हें किसानों के मसीहा के तौर पर भी जाना जाता है।

चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवे प्रधानमंत्री थे। हालांकि उनका कार्यकाल ज्यादा दिनों का नहीं था। वह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहे थे। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में 23 दिसंबर 1902 को हुआ था। अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्होंने किसानों की दशा सुधारने के लिए कई नीतियां बनाईं।

किसानों के प्रति उनका प्रेम इसलिए भी था क्योंकि चौधरी चरण सिंह खुद एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे और वह उनकी समस्याओं को अच्छी तरह से समझते थे। राजनेता होने के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री एक अच्छे लेखक भी थे। उनकी अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ थी। लेखक के तौर पर उन्होंने एबॉलिशन ऑफ जमींदारी, इंडियाज पॉवर्टी एंड इट्ज सॉल्यूशंस और लीजेंड प्रोपराइटरशिप जैसी किताबें लिखी हैं।

किसानों का महत्त्व

किसान हर देश की प्रगति में विशेष सहायक होते हैं। एक किसान ही है जिसके बल पर देश अपने खाद्यान्नों की खुशहाली को समृद्ध कर सकता है। देश में राष्ट्रपिता गांधी जी ने भी किसानों को ही देश का सरताज माना था। लेकिन देश की आज़ादी के बाद ऐसे नेता कम ही देखने में आए जिन्होंने किसानों के विकास के लिए निष्पक्ष रूप में काम किया। ऐसे नेताओं में सबसे अग्रणी थे देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह। पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह को किसानों के अभूतपूर्व विकास के लिए याद किया जाता है। चौधरी चरण सिंह की नीति किसानों व ग़रीबों को ऊपर उठाने की थी। उन्होंने हमेशा यह साबित करने की कोशिश की कि बगैर किसानों को खुशहाल किए देश व प्रदेश का विकास नहीं हो सकता। चौधरी चरण सिंह ने किसानों की खुशहाली के लिए खेती पर बल दिया था। किसानों को उपज का उचित दाम मिल सके इसके लिए भी वह गंभीर थे। उनका कहना था कि भारत का संपूर्ण विकास तभी होगा जब किसान, मज़दूर, ग़रीब सभी खुशहाल होंगे।

जय जवान, जय किसान

किसान की उन्नति है, देश की प्रगति

किसान है अन्नदाता, यही है देश के भाग्यविधाता

देश का विकास करेगा, किसान जब सम्पूर्ण बनेगा

आओ हम शुरुआत करे, किसानो का आभार करे

Monday, December 21, 2020

National Mathematics Day : 22 Dec 2020

National Mathematics Day is celebrated on 22 December every year to mark the birth anniversary of legendary Indian mathematician, Srinivasa Ramanujan and his contributions in the field of mathematics. Let us read more about National Mathematics Day, its history, significance and how is it celebrated in India.



As we know that since ancient times various scholars had made significant contributions to mathematics including Aryabhata, Brahmagupta, Mahavira, Bhaskara II, Srinivasa Ramanujan, etc. At a very young age, Srinivasa Ramanujan showed the signs of an unfolding genius, and his contributions regarding fractions, infinite series, number theory, mathematical analysis, etc. set an example in mathematics.

National Mathematics Day: History

On 22 December 2012, the former Prime Minister of India, Dr. Manmohan Singh, paid tribute to Srinivasa Ramanujan at a function organised on the occasion of the 125th birth anniversary of the great mathematician Srinivasa Iyengar Ramanujan in Chennai. 22 December was declared as National Mathematics Day. Thus, on 22 December 2012, National Mathematics Day was celebrated across the country for the first time.

National Mathematics Day 2020: Significance

The main objective behind the celebration is to raise awareness among people about the importance of mathematics for the development of humanity. We can't ignore that several initiatives are taken to motivate, enthuse and inculcate a positive attitude towards learning mathematics among the younger generation of the country. On this day, training is also provided to the mathematics teachers and students through camps and highlights the development, production, and dissemination of teaching-learning materials (TLM) for Mathematics and research in related areas.

How is National Mathematics Day celebrated?

National Mathematics Day is celebrated in various schools, colleges, universities, and educational institutions in India. Even the International Society UNESCO (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organisation) and India had agreed to work together to spread mathematics learning and understanding. Along with this, various steps were taken to educate the students in mathematics and spread knowledge to the students and learners all over the world.

Born on this day in the year 1887, Srinivasa Ramanujan is a name to reckon among pioneers in Mathematics. In 2012 former Prime Minister Manmohan Singh had declared his birthday (December 22) as National Mathematics Day. Today from every nook and corner of the country, tributes have been pouring in for the legend.

Legendary mathematician Srinivasa Ramanujan made extraordinary contributions to mathematical analysis, number theory, infinite series & continued fractions.

In his college days, he failed in non-mathematical subjects due to negligence as he was always busy in studying mathematics.

His knowledge in mathematics was recognized by a mathematician at Madras Port Trust where he had started working as a clerk in 1912. The said colleague referred him to Professor GH Hardy, Trinity College, Cambridge University.

The Mathematics legend had joined the Trinity College a few months before the World War I began. In 1916 he was awarded the Bachelor of Science degree; the next year he was elected to the London Mathematical Society. In 1918 he was elected a Fellow of the Royal Society for his research on Elliptic Functions and theory of numbers. The same year in October he was became the first Indian to be elected a Fellow of Trinity College, Cambridge. In 1919, he returned to India. He breathed his last at the age of 32.

Mathematical Literacy : Practice Book for Students by CBSE

 CBSE : Mathematical Literacy : Practice Book for Students

Practice book for students for enhancing the critical and creative thinking prepared by CBSE 

Saturday, December 19, 2020

World Human Solidarity Day : 20 Dec 2020

अन्तर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस

प्रतिवर्ष 20 दिसम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 दिसम्बर, 2005 को 60/209 प्रस्ताव पारित किया था।



अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस का उद्देश्य है लोगों को विविधता में एकता का महत्व बताते हुए जागरूकता फैलाना। दुनिया के विभिन्न देश इस दिन अपनी जनता के बीच शांति, भाईचारा, प्यार, सौहार्द और एकता के संदेश का प्रसार करते हैं। हेल्प4ह्यूमेन रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ने भारतीयों को एकता के सूत्र में बांधने की पहल की है। यह संस्था हमेशा से देश में शांति, एकता और भाईचारे की भावना के प्रसार के लिए बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती रही है।


उद्देश्य

  • इस दिवस को विविधता में एकता के सम्मान में मनाया जाता है।
  • इस दिवस के द्वारा विभिन्न सरकारों को अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों का सम्मान करने के लिए स्मरण करवाया जाता है।
  • इस दिवस के द्वारा एकता के बारे में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाता है।
  • इस दिवस पर सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एकता को बढ़ावा दिया जाता है।
  • इस दिवस का उद्देश्य निर्धनता उन्मूलन के लिए नई पहल शुर करना है।

संगठन ही सभी शक्तियों की जड़ है, एकता के बल पर ही अनेक राष्ट्रों का निर्माण हुआ है,प्रत्येक वर्ग में एकता के बिना देश कदापि उन्नति नहीं कर सकता। एकता में महान शक्ति है। एकता के बल पर बलवान शत्रु को भी पराजित किया जा सकता है।

राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है, राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम, एकता और भाईचारे का बना रहना। राष्ट्रीय एकता में केवल शारीरिक समीपता ही महत्वपूर्ण नहीं होती बल्कि उसमें मानसिक,बौद्धिक, वैचारिक और भावात्मक निकटता की समानता आवश्यक है।

Theme and Purpose of International Human Solidarity Day

The theme and basic purpose of solidarity day are to eradicate poverty and promote the culture of cooperation, equality and social justice, which tends to human and social development particularly in developing countries.

Tuesday, December 15, 2020

केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 मे केंद्रीय विद्यालय संगठन स्थापना दिवस मनाया गया

केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 मे  दिनांक 15 दिसंबर 2020 को केंद्रीय विद्यालय संगठन का 57वां  स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया, जिसमें विद्यालय के प्राचार्य, उपप्राचार्या, शिक्षकगण तथा  छात्र / छात्राओं ने भाग लिया । कोरोना के कारण अधिकतर छात्र / छात्राओं ने कार्यक्रम मे ऑनलाइन भाग  लिया ।     












Monday, December 14, 2020

Kendriya Vidyalaya Sangathan Foundation Day (15 Dec 2020)

केंद्रीय विद्यालय संगठन का स्थापना दिवस


केन्द्रीय विद्यालय संगठन 15 दिसंबर 2020 को अपना 57वां स्थापना दिवस मना रहा है  केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा भारत मे प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा का प्रबंध है, जो मुख्यतः भारत की केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों के लिए बनाया गया है। इसकी शुरुआत 1963 में हुई तथा यह तब से भारत के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से अनुबन्धित है। इस समय भारत में केन्द्रीय विद्यालयों की संख्या 1,225 है। इस के अतिरिक्त विदेश में तीन केन्द्रीय विद्यालय हैं जिनमें भारतीय दूतावासों के कर्मचारियों तथा अन्य प्रवासी भारतीयों के बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालयों में भारत   राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के पाठ्यक्रम का अनुसरण होता है। सभी केन्द्रीय विद्यालयों का संचालन केन्द्रीय विद्यालय संगठन  के द्वारा की जाती है ।

केन्द्रीय विद्यालय का मिशन 

केन्द्रीय विद्यालयों के प्रमुख चार मिशन इस प्रकार है:-

1. केन्द्रीय सरकार के स्थानांतरणीय कर्मचारियों जिनमें रक्षा- Army, Air Force, Navy, BSF, CRPF, CISF तथा कई अन्य अर्धसैनिक बलों के कर्मी के बच्चों को शिक्षा के सामान्य कार्यक्रम के तहत शिक्षा प्रदान कर उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना। 

2. .विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठता और गति निर्धारित करना। 

3. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.सी.) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एन.सी.ई.आर.टी.) इत्यादि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग तथा नवाचार को सम्मिलित करना। 

4. बच्चों में राष्ट्रीय एकता और ’भारतीयता’ की भावना का विकास करना।

केन्द्रीय विद्यालयों की छात्रों के चहुर्मुखी विकास करने के लिए सराहना की जाती है।  शिक्षा के स्तर को भी अच्छा माना जाता  है । इन विद्यालयों में विभिन्न आर्थिक स्थितियों व देश के विभिन्न भागों के लोगों के बच्चे एक साथ पढ़ते हैं जिससे की छात्रों के व्यक्तित्व का संतुलित विकास होता है।

Sunday, December 13, 2020

Fit India activities during Fit India Week Celebration

 During the Fit India week celebration, a lot of activities performed by the students of Kendriya Vidyalaya No 1 Jaipur form their home due to COVID-19, some of them are as under:-

National Energy Conservation Day (14 Dec 2020)

 राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस


पूरे भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस लोगों द्वारा हर साल 14 दिसम्बर को मनाया जाता है। भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम वर्ष 2001 में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा निष्पादित (स्थापित) किया गया। ऊर्जा दक्षता ब्यूरों एक संवैधानिक निकाय है जो भारत सरकार के अंतर्गत आता है और ऊर्जा का उपयोग कम करने के लिए नीतियों और रणनीतियों के विकास में मदद करता है।

भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम का उद्देश्य पेशेवर, योग्य और ऊर्जावान प्रबंधकों के साथ ही लेखा परीक्षकों को नियुक्त करना है जो ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं को लागू करने और ऊर्जा, परियोजनाओं, नीति विश्लेषण, वित्त प्रबंधन में विशेषज्ञ हों।


ऊर्जा संरक्षण क्या है?

भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस लोगों को ऊर्जा के महत्व के साथ ही साथ बचत, और ऊर्जा की बचत के माध्यम से संरक्षण बारे में जागरुक करना है। ऊर्जा संरक्षण का सही अर्थ है ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग को कम करके कम ऊर्जा का उपयोग कर ऊर्जा की बचत करना है। कुशलता से ऊर्जा का उपयोग भविष्य में उपयोग के लिए इसे बचाने के लिए बहुत आवश्यक है। ऊर्जा संरक्षण की योजना की दिशा में अधिक प्रभावशाली परिणाम प्राप्त करने के लिए हर इंसान के व्यवहार में ऊर्जा संरक्षण निहित होना चाहिए।

ऊर्जा संरक्षण के क्या उपाय हैं?

  • थर्मल पर्दें, स्मार्ट खिड़कियों के अलावा खिड़कियाँ ऊर्जा का संरक्षण करने में सबसे बड़ा कारक है।
  • ऊर्जा की एक बड़ी मात्रा को प्राकृतिक रोशनी और कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप या सीएफएल से (15W और अन्य साधनों के द्वारा ऊर्जा खपत का केवल 1/4वां भाग की खपत), फ्लोरोसेंट बल्ब, रैखिक फ्लोरोसेंट, सौर स्मार्ट टॉर्च, स्काई लाइट, खिड़कियों से प्रकाश व्यवस्था और सौर लाइट का प्रयोग करके बचाया जा सकता है।
  • जल संरक्षण भी बेहतर ऊर्जा संरक्षण का नेतृत्व करता है। लोगों के द्वारा हर साल लगभग हजारों गैलन पानी बर्बाद किया जाता है जिसकी विभिन्न संरक्षण के साधनों जैसे: 6 जीपीएम या कम से कम प्रवाह वाले फव्वारों, बहुत कम फ्लश वाले शौचालय, नल जलवाहक, खाद शौचालयों का प्रयोग करके बचत की जा सकती है।
  • पृथक्करण सर्दी के मौसम में थर्मल को कम करने के साथ ही गर्मियों में थर्मल प्राप्त करके भी ऊर्जा के संरक्षण में बहुत अहम भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिये, प्राकृतिक ऊन पृथक्करण, घर पृथक्करण, कपास पृथक्करण, रेशा पृथक्करण, थर्मल पृथक्करण आदि।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस हर साल एक विशेष विषय के साथ कुछ लक्ष्यों और उद्देश्यों को ध्यान में रखकर लोगों के बीच अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये मनाया जाता है।

  • यह लोगों के बीच जीवन के हर क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण के महत्व का संदेश भेजने के लिए मनाया जाता है।
  • ऊर्जा संरक्षण की प्रक्रिया को बढावा देने के लिये पूरे देश में बहुत से कार्यक्रमों जैसे: विचार विमर्श, सम्मेलनों, वाद-विवाद, कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
  • अत्यधिक और फालतू ऊर्जा के उपयोग के स्थान पर कम ऊर्जा के प्रयोग के लिये लोगों को प्रोत्साहित करना।
  • ऊर्जा की खपत में कमी और कुशलता पूर्वक उपयोग करने के लिये लोगों को प्रोत्साहित करना।

ऊर्जा सुरक्षा में भारतीय नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका

भारत के सभी और प्रत्येक नागरिक कुशलतापूर्वक ऊर्जा के उपयोग और भविष्य के लिये ऊर्जा की बचत के बहुत से तरीकों के बारे में जानते हैं। वो सभी नियमों, विनियमों और ऊर्जा दक्षता का समर्थन करने के लिये भारत सरकार द्वारा लागू की गई नीतियों का पालन करते हैं। भारत के नागरिक 11वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान ऊर्जा के उपयोग को कम करने के अभियान में प्रत्यक्ष अंशदान का भुगतान कर रहे हैं। देश में सकारात्मक बदलाव लाने और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिये बच्चे बहुत बड़ी उम्मीद हैं।


"Earth provides enough to satisfy every man's needs, but not every man's greed." 

by Mahatma Gandhi

Friday, December 11, 2020

International Mountain Day (11 Dec 2020)

अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस


 हर साल 11 दिसंबर को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस (International Mountain Day) मनाया जाता है. बर्फ से ढके हिमालय से लेकर हरे-भरे पहाड़ों तक, हर पहाड़ अपने तरीके से खास है और विभिन्न पशु, पक्षियों का घर है. संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट के अनुसार, पहाड़ दुनिया की आबादी का 15% हिस्सा हैं और दुनिया की जैव विविधता के आकर्षण के केंद्र के आधे हिस्से की मेजबानी करते हैं. इस दिन का उद्देश्य पहाड़ों के संरक्षण और इसकी समृद्ध जैव विविधता के बारे में जागरुकता बढ़ाना है |



अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस का इतिहास

यह दिन पर्यावरण में पहाड़ों की भूमिका और जीवन पर इसके प्रभाव को समझने के लिए लोगों को शिक्षित करता है. अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस का गठन 1992 में तब हुआ जब एजेंडा 21 के अध्याय 13 के "प्रबंधनीय पारिस्थितिक तंत्र: सतत पर्वत विकास" को पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में अपनाया गया. इसमें कोई शक नहीं, इसने पहाड़ों के विकास के इतिहास को एक नया रूप दिया है. पहाड़ के महत्व की ओर बढ़ते हुए ध्यान को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2002 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय पर्वत वर्ष घोषित किया और 11 दिसंबर को 2003 से अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस के रूप में नामित किया. पहली बार अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस 11 दिसंबर 2003 को मनाया गया था. तबसे हर साल यह एक विशेष विषय के साथ मनाया जाता है |

अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस का महत्व

अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समृद्ध जैव विविधता और प्राकृतिक परिदृश्य को बचाने के लिए जागरूकता का आह्वान करता है. आबादी और जैव विविधता के अलावा पर्वत मानवता के आधे हिस्से को रोजमर्रा की जिंदगी के लिए ताजा पानी भी प्रदान करते हैं. जलवायु परिवर्तन से पहाड़ पर बसने वाले लोगों का बचना मुश्किल हो गया है. बढ़ते तापमान ने भी पर्वतीय ग्लेशियरों को अभूतपूर्व दरों पर पिघला दिया है जिससे लाखों लोगों के ताजे पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है. वैश्विक स्तर पर ये समस्याएं लगभग सभी को प्रभावित कर रही हैं. इस प्रकार इन प्राकृतिक धरोहरों की देखभाल करना बहुत जरूरी है |

अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस 2020 की थीम

इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस का विषय (International Mountain Day 2020 Theme) "पर्वतीय जैव विविधता" है. पहाड़ों पर पाई जाने वाली समृद्ध जैव विविधता का जश्न मनाने और उन खतरों का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा ये विषय तय किया जाता है. हालांकि, जलवायु परिवर्तन, निरंतर कृषि प्रथाओं, वाणिज्यिक खनन, लॉगिंग और अवैध शिकार जैसी कई दुर्भाग्यपूर्ण चीजों ने पहाड़ की जैव विविधता पर भारी असर डाला है. इस अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस के विषय का उद्देश्य लोगों को ऐसे कारणों से अवगत कराना है और उन्हें तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए कार्रवाई का आह्वान करना है |

"Getting to the top is optional
Getting down is mandatory"
by Viesture
Happy International Mountain day

Thursday, December 10, 2020

Human Rights Day 2020 (10 Dec 2020)

 मानवाधिकार दिवस


हर साल दिसंबर महीने की 10 तारीख को दुनियाभर में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। लोगों का ध्यान मानवाधिकारों की तरफ आकर्षित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 1950 में 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में घोषित किया था।  तब से लेकर आज भी पीछले 70 सालो से यह दिन 10 दिसंबर को मनाया जाता है  इसका उद्देश्य दुनियाभर के लोगों को मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करना है। 1948 में यूएन ने मानव अधिकारों की सर्वभौमिक घोषणा की जो 500 से ज्यादा भाषाओं में उपलब्ध हैं।


The theme of Human Rights Day 2020 

"Recover Better - Stand Up for Human Rights".

इस साल मानवाधिकार दिवस का विषय 'फिर से बेहतर-मानव अधिकारों के लिए खड़े हो जाओ' है। यह विषय कोरोना महामारी के मद्देनजर रखा गया है। इस मौके पर यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए प्रयासों, लैंगिक समानता, जनभागीदारी, जलवायु न्याय और टिकाऊ विकास में- मानवाधिकारों को केंद्रीय महत्व देने की आवश्यकता है।

ये है मानवाधिकार दिवस का उद्देश्य (Purpose of Human Rights Day)

मानवाधिकार दिवस का उद्देश्य दुनिया का ध्यान मानवों के अधिकारों की ओर ध्यान आकर्षित कराना है. इस दिन विश्वभर के लोगों को मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करना और इसके पालन के प्रति सजग रहने का संदेश दिया जाता है. इस उद्देश्य है संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने 10 दिसंबर, 1950 में इस दिन की घोषणा की थी. इतना ही नहीं तब मानव अधिकारों की जो घोषणा की गई थी, वो 500 से ज्यादा भाषाओं में उपलब्ध है. मानवाधिकार दिवस के मौके पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हमें एकजुट कोशिश करनी होगी, लैंगिक समानता, जनभागीदारी की जरूरत होगी. इसके साथ ही जलवायु, और लम्बे समय तक चलने वाला टिकाई विकास करना होगा, जिसमें मानवाधिकार का महत्व भी हो.

मानवाधिकार मानदंडों का एक सेट माना जाता है जो मानव व्यवहार के कुछ मानकों को चित्रित करते हैं। मानवाधिकार मूल रूप से उन अधिकारों के अधिकार हैं जो प्रत्येक व्यक्ति के पास इंसान होने के कारण होते हैं। यह कहा जाता है कि ये हर जगह और हर समय लागू होते हैं। ये नगरपालिका से अंतरराष्ट्रीय कानून तक के कानूनी अधिकारों के रूप में संरक्षित हैं। मानवाधिकार सार्वभौमिक हैं।

Wednesday, December 9, 2020

Fit India School Week Celebrated in KV No 1 Jaipur

केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 जयपुर मे फिट इंडिया स्कूल वीक को प्रथम दिन, दिनांक 09 दिसंबर 2020 को बड़े धूम धाम के साथ मनाया गया जिसमें विद्यालय के छात्र / छात्राओ ने बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा जिसमें विद्यालय के शारीरिक शिक्षक  श्रीमान खु़शीराम मीणा ने छात्र / छात्राओ को फिट रहने के  शारीरिक व्यायामो के बारे मे बताया तथा उनसे करवाया ।   









International Anti-Corruption Day 2020 (09 Dec 2020)

               अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस


भ्रष्टाचार सबसे जटिल सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक घटनाओं में से एक है, जिसने दुनिया के सभी देशों को प्रभावित किया है. हम हर साल 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस (International Anti Corruption Day) मनाते हैं.

The theme of International Anti-Corruption Day 2020 
 ‘Recover with Integrity to Build Forward Better’

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस का इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का इतिहास 31 अक्टूबर 2003 से शुरू होता है, जब महासभा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन को अपनाया था. तब से ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय को राज्यों के दलों के सम्मेलन के सम्मेलन के लिए सचिवालय के रूप में नामित किया गया था (संकल्प 58/4). संयुक्त राष्ट्र महासभा ने तब 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार-विरोधी दिवस के रूप में नामित किया था, जबकि सम्मेलन दिसंबर 2005 में लागू हुआ था. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और संपूर्ण वैश्विक समुदाय (UNODC) भ्रष्टाचार-विरोधी प्रथाओं के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए मुख्य अग्रणी हैं.

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस का महत्व

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का महत्व विश्व स्तर पर कदाचार के बारे में पैरोकार करना और यह बताना है कि किसी को इससे कैसे और क्यों बचना चाहिए. ये दिन भी भ्रष्टाचार-रोधी समूहों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो इस कदाचार के प्रति जागरूकता फैलाते हैं और अपने कार्यस्थल पर भ्रष्टाचार से बचने के साधनों और तरीकों को साझा करते हैं. लोकतांत्रिक संस्थाओं की नींव को बचाने के लिए भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होने से रोकने की आवश्यकता है क्योंकि भ्रष्टाचार कानून के शासन को झुकाकर चुनावी प्रक्रियाओं को विकृत करता है. भ्रष्टाचार कई मायनों में देश के आर्थिक विकास को भी प्रभावित करता है.

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, हर साल 1 ट्रिलियन डॉलर का भुगतान रिश्वत के रूप में किया जा रहा है, जबकि यूएसडी 2.6 ट्रिलियन को भ्रष्ट उपायों के कारण चुराया गया है. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के अनुसार, यह अनुमान लगाया जाता है कि विकासशील देशों में भ्रष्टाचार के कारण 10 गुना धनराशि खो गई है, निधियों का अन्यथा उनकी आधिकारिक विकासात्मक सहायता में उपयोग किया जाएगा.

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस की थीम

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस की थीम है, ‘यूनाइटेड अगेंस्ट करप्शन' जो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक के रूप में भ्रष्टाचार पर केंद्रित है. यह 2030 एजेंडा का समर्थन करना जारी रखेगा, जो अभियान की रीढ़ है, यही नहीं इस अभियान में एक युवा घटक भी होगा. भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के लिए युवाओं को न्याय के लिए जुटाना और सशक्त बनाना प्रमुख है.

Sunday, December 6, 2020

Armed Forces Flag Day (07 December 2020)

सशस्त्र सेना झंडा दिवस


आमतौर पर देशभर के लोग सेना के जांबाज सैनिकों के लिए हमेशा ही साफ्ट कार्नर रखते हैं, उनके मन में सेना के जवानों और उनके परिवार को लेकर हमेशा ही श्रद्धा का भाव रहता है। सरकार की ओर से देश की सशस्त्र सेनाओं के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के लिए एक दिन रखा गया है, इसे हर साल सशस्त्र सेना झंडा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन उन जांबाज सैनिकों के प्रति सभी लोग एकजुटता दिखाते हैं जिन्होंने देश के दुश्मनों से मुकाबला करते हुए अपनी जान हंसते हुए न्यौछावर कर दी। इन शहीदों और इनके परिवार को इस दिन नमन किया जाता है।


इस दिन सशस्त्र सेना के शहीद जवानों के परिवार की मदद के लिए धनाराशि भी एकत्र की जाती है। यह धनराशि लोगों को गहरे लाल व नीले रंग के झंडे का स्टीकर देकर एकत्रित की जाती है। लोग रुपये देकर इस स्टीकर को खरीदते हैं। यह राशि झंडा दिवस कोष में जमा कराई जाती है। इस कोष से युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवार या घायल सैनिकों के कल्याण व पुनर्वास में सहायता की जाती है। सैनिक कल्याण बोर्ड इस राशि को खर्च करता है। 

7 दिसंबर 1949 से झंडा दिवस की शुरूआत 

सशस्त्र सेना झंडा दिवस हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है। 23 अगस्त 1947 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की रक्षा समिति ने युद्ध दिग्गजों और उनके परिवार के कल्याण के लिए झंडा दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद 7 दिसंबर 1949 से झंडा दिवस की शुरूआत हुई। बाद में वर्ष 1993 से इसे सशस्त्र सेना झंडा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

देश के हर कोने में मनाया जा रहा झंडा दिवस 

सशस्त्र सेना झंडा दिवस देश के हर कोने में मनाया जाता है। इसमें सभी सरकारी कर्मचारी व अधिकारी देश के आम नागरिक भी झंडा खरीदकर अंशदान करते हैं। निजी कंपनियों, स्कूलों व कॉलेजों समेत कई गैर सरकारी व निजी संस्थाओं में भी सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। इस दिन कुछ जगहों पर कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।  

आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं
तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी ये पहचान है

Saturday, December 5, 2020

World Soil Day 2020 (05 December 2020)

विश्व मृदा दिवस


हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा यानी मिट्टी दिवस मनाया जाता है। इसके लिए 20 दिसंबर 2013 को विश्व मिट्टी दिवस मनाने का फैसला लिया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को मिट्टी और उर्वरा के प्रति जागरूक करना है। आधुनिक समय में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के लिए दवाओं के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरा शक्ति समाप्त होती जा रही है। 


The theme of World Soil Day 2020: “Keep soil alive, protect soil biodiversity”


आज विश्व मृदा दिवस मनाया जा रहा है. मिट्टी का संरक्षण, पेड़ों के कटने से मिट्टी को हो रहे नुकसान के बारे के जागरूकता फैलाने के लिए विश्व मृदा दिवस हर साल मनाया जाता है. इस दिन आप अपने लिए ख़ास किचन गार्डन (kitchen Garden) लगा सकते हैं. इससे एक तरफ आपका शौक पूरा होगा और दूसरी तरफ आपको ताजी, स्‍वादिष्‍ट सब्जियां (Vegetables) घर पर ही अपने किचन गार्डन के जरिये मिल जाया करेंगी. यानी सेहत (Health) के लिए पौष्टिक ताजी सब्जियां घर में ही उपलब्‍ध होंगी और आप जब चाहेंगे इनका इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

विश्व मिट्टी दिवस का इतिहास

हर साल विश्व मिट्टी दिवस थाइलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के जन्मदिन पर मनाया जाता है। इनका जन्म 5 दिसंबर को ही हुआ था। राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के बारे में कहा जाता है कि राजा भूमिबोल ने 70 साल तक थाइलैंड पर शासन किया था। इस दौरान राजा भूमिबोल ने कृषि पर विशेष ध्यान दिया था। ऐसा भी कहा जाता है कि राजा भूमिबोल अपने देश के हर गरीब और किसान से मुलाकात करते थे और उनकी समस्याओं को दूर करने का हरसंभव प्रयास करते थे।

 विश्व मिट्टी दिवस का महत्व

दुनिया के कई देश कृषि प्रधान है। इस मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र संघ ने किसानों के हित के लिए कई अभियान चलाए हैं, जिनमें मृदा संरक्षण पर विशेष बल दिया गया है। भारत में आधी आबादी कृषि पर निर्भर है। भारत में भी मृदा संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वस्थ धरा, हरा खेत का नारा देकर आह्वान किया किसानों के हौसले को बुलंद करने की कोशिश की  है। भारत में किसानों के हित के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें किसान फसल बीमा योजना प्रमुख है। इस योजना के तहत किसानों को सालाना तीन किश्तों में 6000 रुपए दी जाती है। इसके अतिरिक्त 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिट्टी की गुणवत्ता में विशेष सुधार के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की थी। इस योजना से भी किसान लाभन्वित हो रहे हैं।

विश्व मृदा दिवस, जनसंख्या विस्तार की वजह से बढ़ रही समस्याओं को उजागर करता है. इस वजह से मिट्टी के कटाव को कम करना जरूरी है और इस दिशा में काम करना आवश्यक है, ताकि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. मिट्टी का निर्माण विभिन्न अनुपातों में खनिज, कार्बनिक पदार्थ और वायु से होता है. यह जीवन के लिए महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इससे पौधे का विकास होता है और यह कई कीड़ों और जीवों के लिए रहने की जगह है. यह भोजन, कपड़े, आश्रय और चिकित्सा सहित चार आवश्यक ‘जीवित’ कारकों का स्रोत है. इसलिए, मिट्टी का संरक्षण आवश्यक है.

कानपूर में बने इस यंत्र को स्मार्ट भू-परीक्षक नाम दिया गया है . यह पूरी तरह से सेंसर पर आधारित है, इसको पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया गया है. एक बार इसकी बैटरी को चार्ज करने पर 110 से 120 मिट्टी के सैंपल की जांच कर सकता है. इसकी उम्र पांच वर्ष है, जबकि 10 लाख नमूनों का आकलन करने में सक्षम है. इसके लिए किसी अन्य तरह के रसायन की जरूरत नहीं पड़ती है. ये पूरी तरह से पर्यावरण मित्र है।

Friday, December 4, 2020

Indian Navy Day (04 December 2020)

Indian Navy Day 2020


Indian Navy Day is being celebrated today to commemorate the attack carried out on the Karachi harbour by Indian Navy ships during the 1971 India-Pakistan war. This day is also marked to honour the Bravehearts of the Indian Navy for their selfless service to the nation.


Indian Navy Day 2020 Theme

The theme for Indian Navy Day 2020 is "Indian Navy Combat Ready, Credible and Cohesive". India is currently grappling with COVID-19 and engaged in a standoff at the border with China. Indian Navy chief Admiral Karambir Singh on the eve of Navy Day 2020 ensured that they are ready to face challenges posed by COVID-19 and China.

Indian Navy is one of the strongest maritime forces in the world. It is the seventh strongest naval force in the world with 67,252 active and 55,000 reserve personnel in service as of June 2019. Indian Navy had 150 submarines and ships and 300 aircraft till June 2019.

History of Indian Navy Day 2020

During the 1971 India-Pakistan war, Pakistan had launched an offensive on Indian airbases on the evening of December 3. In response to Pakistan’s attack, the 25th Missile Vessel Squadron dispatched three missile boats - Nirghat, Veer and Nipat at maximum speed towards Karachi. These missile boats carried out attacks on Pakistani vessels before midnight of December 4. In the operation known as Operation Trident, Indian Navy sank Pakistani Destroyer Khaiber, Minesweeper Muhafiz and MV Venus Challenger. It also destroyed Kiamari oil fields and killed hundreds of Pakistani Navy personnel. With the brave efforts of the Indian Navy, India dealt a heavy blow to Pakistan. The best part about Operation Trident is that during this, the Indian side did not suffer any damage.

Importance of Indian Navy Day 2020

This year, India is celebrating the 50th anniversary of victory over Pakistan in the 1971 war. On the occasion of Indian Navy Day, the country pays homage to those Bravehearts of Navy who laid down their lives in the line of duty and those who still serve the nation selflessly. Indian Navy over the years has carried out many operations, including those for the rescue of Indian citizens. This year, Operation Samudra Setu was launched to repatriate Indian citizens from overseas by sea during the COVID-19 pandemic.

National Youth Festival (NYF) 2025 The Viksit Bharat Young Leaders Dialogue is a transformative reimagining of the National Youth Festival (...