Thursday, April 4, 2024

Pustakouphar 2024-25 (01.04.2024)

पुस्तकोपहार


पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में दिनांक 01.04.2024 को पुस्तकों उपहार का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और सभी क्लासों के बच्चे अपनी अपनी पुस्तकें एक दूसरे में से अदला-बदली की इससे बच्चों में जागृति पैदा हुई और एक दूसरे से चेंज करके उन्होंने पर्यावरण को भी फायदा पहुंचाया । इस दौरान कार्यक्रम में प्राचार्य श्री प्रदीप कुमार टेलर, शिक्षक गण,  अभिभावक और बच्चे मौजूद रहे । प्राथमिकता के आधार पर उन बच्चों को पुस्तकें प्रदान की गई जिन बच्चों ने अपनी पुस्तकें विद्यालय पुस्तकालय में जमा कराई थी ।










    




Sunday, March 31, 2024

Online Admission Registration in Class-I for the session 2024-25

कक्षा-1 के लिए पंजीकरण


कक्षा-1 के लिए पंजीकरण के लिए लिंक   :  https://kvsonlineadmission.kvs.gov.in/login.html

Note : No vacancies in PM Shri KV No 2 Jaipur from Class II to X & XII. XI admission will be open after declaration of CBSE class X results, if the vacancies arises. 

         

Saturday, February 24, 2024

Workshop for Bangles Making on 22 Feb 2024.

                      लाख की चूड़ियां बनाना


पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में आज दिनांक 22 फरवरी 2024 को बच्चों में कौशल विकास के लिए एक  प्रदर्शनी  का  आयोजन किया गया  जिसमें  बच्चों  को  लाख की चूड़ियां बनाना सिखाया गया | जिसमे बच्चों तथा अध्यापकों ने खुद भी अपने हाथों से  यह सब बनाने का भरपूर आनंद उठाया । लाख का उत्पादन कहां से होता है किस प्रकार इसे चूड़ियां बनाई जाती हैं यह सब बच्चों को सिखाया गया ।








Workshop for Carpenter Work on 24 Feb 2024

बढ़ई (कारपेंटर) के कार्य की कार्यशाला


पीएम श्री  केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में आज दिनांक 24 फरवरी 2024 को बच्चों में कौशल विकास के लिए एक  प्रदर्शनी  का  आयोजन किया गया  जिसमें  बच्चों  को  बढ़ई (कारपेंटर) का कार्य कैसे किया जाता है सिखाया गया |  जिसमे बच्चों तथा अध्यापकों ने खुद भी अपने हाथों से  फर्निचर की मरम्मत का कार्य किया जिसमे विद्यालय  की मेज,  कुर्सी, बोर्ड आदि की मरम्मत  करके कार्य का भरपूर आनंद उठाया । 











Monday, February 19, 2024

Celebration of Grand Parents Day on 17 Feb 2024.

दादा-दादीनाना-नानी दिवस मनाया गया


पीम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक जयपुर में दिनांक 17  दिसम्बर 2024 को ग्रैंड पेरेंट्स डे मनाया गया,  इस कार्यक्रम दादा-दादीनाना-नानीविधालय के प्राचार्य श्री प्रदीप कुमार टेलरउप प्राचार्य बी. एस. राठौरप्रधानाध्यापक श्री महेश कुमार बुनकरशिक्षक-शिक्षिकाएं तथा विद्यार्थीयो ने भाग लिया । इस कार्यक्रम में प्राथमिक विभाग के विद्यार्थीयो के द्वारा विभिन्न  सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई ।  इस कार्यक्रम मे दादा दादीनाना - नानीयो के लिये भी कुछ प्रतियोगिताये का आयोजन किया गया जिसमे उन्होने जोश के साथ भाग लिया  















Pottery Making Show on 19 Feb 2024.

मिट्ट्टी के  बर्तन बनाने की कार्यशाला 


पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में आज दिनांक 19 फरवरी 2024 को बच्चों में कौशल विकास के लिए एक  प्रदर्शनी  का  आयोजन किया गया  जिसमें  बच्चों  को  मिट्ट्ट्वी के  बर्तन बनाने, खिलौने बनाना,दीपक, सुराही गुलदस्ता, गुल्लक आदि बनाने के लिए बच्चों को सिखाया गया | बच्चों तथा अध्यापकों ने खुद भी अपने हाथों से  यह सब बनाने का भरपूर आनंद उठाया ।

मृत्तिका तथा अन्य सिरैमिक पदार्थों का उपयोग करके 'बर्तन एवं अन्य वस्तुए बनाना कुंभकारी कहलाता है। इन बर्तनों को कठोर और टिकाऊ बनाने के लिए उच्च ताप पर पकाया जाता है। कुंभकारी एक व्यापक शब्द है और इसके अन्तर्गत मिट्टी के बर्तन, पत्थर के बर्तन तथा चीनी मिट्टी के बर्तन एवं वस्तुएँ बनाने का कार्य सभी आ जाते हैं। इन वस्तुओं को 'मृद्भाण्ड' (शाब्दिक अर्थ - मिट्टी के बर्तन) कहते हैं। इस कार्य को करने वाले को कुम्हार कहा जाता है और जिस स्थान पर इन्हें बनाया जाता है उसे चाक (पॉटर) कहते हैं। 









Tuesday, January 23, 2024

Netaji Subash Chandra Bose Jayanti (23 Jan 2024)

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती 

राष्‍ट्रीय आंदोलन के पराक्रमी नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 23 जनवरी 2024 को 127वीं जयंती है | इस खास दिन को पराक्रम दिवस (Parakram Diwas) के रूप में मनाया जाता है. देश की आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा देने वाले नेता जी का जन्‍म साल 1897 को ओडिशा के कटक शहर में हुआ था | नेताजी की जिंदगी और देश के लिए उनका त्‍याग आज भी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है | 


सुभाषचंद्र जी का जन्म कटक, उड़ीसा के बंगाली परिवार में हुआ था , उनके 7 भाई और 6 बहनें थी. अपनी माता पिता की वे 9 वीं संतान थे, नेता जी अपने भाई शरदचन्द्र के बहुत करीब थे. उनके पिता जानकीनाथ कटक के महशूर और सफल वकील थे, जिन्हें राय बहादुर नाम की उपाधि दी गई थी | नेता जी को बचपन से ही पढाई में बहुत रूचि थी, वे बहुत मेहनती और अपने टीचर के प्रिय थे. लेकिन नेता जी को खेल कूद में कभी रूचि नहीं रही. नेता जी ने स्कूल की पढाई कटक से ही पूरी की थी. इसके बाद आगे की पढाई के लिए वे कलकत्ता चले गए, वहां प्रेसीडेंसी कॉलेज से फिलोसोफी में BA किया. इसी कॉलेज में एक अंग्रेज प्रोफेसर के द्वारा भारतियों को सताए जाने पर नेता जी बहुत विरोध करते थे, उस समय जातिवाद का मुद्दा बहुत उठाया गया था. ये पहली बार था जब नेता की के मन में अंग्रेजों के खिलाफ जंग शुरू हुई थी ।

नेता जी सिविल सर्विस करना चाहते थे । अंग्रेजों के शासन के चलते उस समय भारतीयों के लिए सिविल सर्विस में जाना बहुत मुश्किल था, तब उनके पिता ने इंडियन सिविल सर्विस की तैयारी के लिए उन्हें इंग्लैंड भेज दिया. इस परीक्षा में नेता जी चोथे स्थान में आये, जिसमें इंग्लिश में उन्हें सबसे ज्यादा नंबर मिले । नेता जी स्वामी विवेकानंद को अपना गुरु मानते थे, वे उनकी द्वारा कही गई बातों का बहुत अनुसरण करते थे । नेता जी के मन में देश के प्रति प्रेम बहुत था वे उसकी आजादी के लिए चिंतित थे, जिसके चलते 1921 में उन्होंने इंडियन सिविल सर्विस की नौकरी ठुकरा दी और भारत लौट आये ।

नेता सुभाष चंद्र बोस जी के बारे में रोचक तथ्य

वर्ष 1942 में नेता सुभाष चंद्र बोस जी हिटलर के पास गए और भारत को आजाद करने का प्रस्ताव उसके सामने रखा, परंतु भारत को आजाद करने के लिए हिटलर का कोई दिलचस्पी नहीं था और उसने नेताजी को कोई भी स्पष्ट वचन नहीं दिया था।

सुभाष चंद्र बोस जी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह जी को बचाना चाहते थे और उन्होंने गांधी जी से अंग्रेजों को किया हुआ वादा तोड़ने के लिए भी कहा था, परंतु वे अपने उद्देश्य में नाकाम रहे।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने भारतीय सिविल परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया था, परंतु उन्होंने देश की आजादी को देखते हुए अपने इस आरामदायक नौकरी को भी छोड़ने का बड़ा फैसला लिया।

नेताजी को जलियांवाला बाग हत्याकांड के दिल दहला देने वाले दृश्य ने काफी ज्यादा विचलित कर दिया और फ़िर भारत की आजादी संग्राम में खुद को जोड़ने से रोक ना सके।

वर्ष 1943 में बर्लिन में नेताजी ने आजाद हिंद रेडियो और फ्री इंडिया सेंट्रल से सकुशल स्थापना की।

वर्ष 1943 में ही आजाद हिंद बैंक ने 10 रुपए के सिक्के से लेकर 1 लाख रुपए के नोट जारी किए थे और एक लाख रुपए की नोट में नेता सुभाष चंद्र जी की तस्वीर भी छापी गई थी।

नेता जी ने ही महात्मा गांधी जी को राष्ट्रपिता कह कर संबोधित किया था।

सुभाष चंद्र बोस जी को 1921 से लेकर 1941 के बीच में 11 बार देश के अलग-अलग कैदखाना में कैद किया गया था।

नेता सुभाष चंद्र बोस जी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में दो बार अध्यक्ष के लिए चुना गया था।

नेता सुभाष चंद्र बोस जी की मृत्यु आज तक रहस्यमई बनी है और इस पर से आज तक कोई भी पर्दा नहीं उठ सका है और यहां तक कि भारत सरकार भी इस विषय पर कोई भी चर्चा नहीं करना चाहती है।


Friday, January 19, 2024

Two days work shop for Office Staff (19-20 Jan 2024)

कार्यालय कर्मियों हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला


पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में विद्यालयों में कार्यरत कार्यालय कर्मियों हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया,  जिसका शुभारंभ दिनांक 19 जनवरी 2024 को सुबह 10:00 बजे किया गया जिसमें केंद्रीय विद्यालय संगठन जयपुर संभाग के उपायुक्त माननीय श्री बी. एल. मरोडिया,  सहायक आयुक्त श्रीमान डी. आर. मीना,  वित्त अधिकारी, श्री संजय कुलश्रेष्ठ तथा विद्यालय के प्राचार्य श्री प्रदीप कुमार टेलर और जयपुर संभाग के सभी विद्यालयों से पधारे कार्यालय कर्मी शामिल रहे । इसमें माननीय उपायुक्त महोदय ने सभी प्रतिभागियों को बताया कि इस दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं और अपने विद्यालयों में रोजमर्रा के कार्यों में इसका लाभ लें । सहायक आयुक्त श्री डी. आर. मीना ने  पीएम श्री पोर्टल के बारे में सभी प्रतिभागियों को विस्तार से बताया ।



















Monday, January 15, 2024

Celebration of National Youth Day on 15 Jan 2024

राष्ट्रीय युवा दिवस 


पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में आज राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया जिसमें विद्यालय के प्राचार्य श्री पी.के. टेलर ने  राष्ट्रीय युवा दिवस के बारे में विस्तार से बताया तथा श्री राकेश कुमार स्नातकोत्तर शिक्षक (रसायन विज्ञान) ने मकर संक्रांति के बारे में विस्तार से बताया तथा साथ ही में मकर संक्रांति का पर्व क्यों मनाया जाता है इसके बारे में वैज्ञानिक तथ्यों की जानकारियां बच्चों को उपलब्ध कराई ।





Army Day 15 January 2024

    सेना दिवस                        


15 जनवरी का दिन भारत के लिए अहम दिन होता है। आज के दिन को हर साल भारतीय सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 15 जनवरी भारत के गौरव को बढ़ाने और सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों के सम्मान का दिन होता है। इस साल भारत का 76 वां सेना दिवस मनाया जा रहा है। 15 जनवरी को नई दिल्ली और सभी सेना मुख्यालयों पर सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस मौके पर देश थल सेना की वीरता, उनके शौर्य और कुर्बानियों को याद करता है। लेकिन सवाल ये हैं कि 15 जनवरी को ही भारतीय सेना दिवस क्यों मनाया जाता है? ये दिन भारतीय सेना और भारत के इतिहास के लिए खास कैसे है? दरअसल भारतीय सेना दिवस फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में मनाया जाता है। चलिए जानते हैं कि कौन हैं फील्ड मार्शल केएम करियप्पा और सेना में उनके योगदान के बारे में, साथ ही क्यों 15 जनवरी को ही सेना दिवस मनाया जाता है?



करिअप्पा के सम्मान में हर साल मनाया जाता है सेना दिवस

15 जनवरी को आर्मी डे मनाने के पीछे दो बड़ी वजह है। पहला यह कि 15 जनवरी 1949 के दिन से ही भारतीय सेना पूरी तरह ब्रिटिश थल सेना से मुक्त हुई थी। दूसरी इसी दिन जनरल केएम करियप्पा को भारतीय थल सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया था। इस तरह लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे। केएम करियप्पा ‘किप्पर’ नाम से काफी मशहूर थे। दरअसल 15 अगस्त 1947 को देश के आजाद होने के बाद ब्रिटिश इंडियन आर्मी दो हिस्से में बंट गई थी। एक पाकिस्तान आर्मी और दूसरा हिस्सा इंडियन आर्मी बनी थी।

28 जनवरी 1899 को कर्नाटक के कुर्ग में जन्मे करिअप्पा फील्ड मार्शल के पद पर पहुंचने वाले इकलौते भारतीय हैं। फील्ड मार्शल सैम मानेकशा दूसरे ऐसे अधिकारी थे, जिन्हें फील्ड मार्शल का रैंक दिया गया था।

करिअप्पा ने 1947 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में अदम्य साहस और दमदार नेतृत्व का परिचय दिया था। पाकिस्तान के युद्ध के समय उन्हें पश्चिमी कमान का जीओसी-इन-सी बनाया गया था। उनके नेतृत्व में भारत ने जोजीला, द्रास और करगिल पर पाकिस्तानी सेना को हराया था।

15 जनवरी को ही क्यों होता है सेना दिवस

दरअसल फील्ड मार्शल केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख 15 जनवरी 1949 को बने थे। ये भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसलिए 15 जनवरी को हर साल भारतीय सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जब करियप्पा सेना प्रमुख बने तो उस समय भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। करियप्पा साल 1953 में रिटायर हो गए थे और 94 साल की उम्र में साल 1993 में उनका निधन हुआ था।करियप्पा की उपलब्धियां

करियप्पा ने भारत पाकिस्तान युद्ध 1947 का नेतृत्व किया था। रिटायरमेंट के बाद में उन्हें 1986 में फील्ड मार्शल का रैंक प्रदान किया गया। इसके अलावा दूसरे विश्व युद्ध में बर्मा में जापानियों को शिकस्त देने के लिए उन्हें ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर का सम्मान भी मिला था।

Friday, December 8, 2023

पुस्तक समीक्षा, 08 दिसंबर 2023

पुस्तक समीक्षा


पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में दिनांक 8 दिसंबर 2023 को  प्रार्थना सभा मे कक्षा नवी डी की छात्रा तितिक्षा शर्मा और कक्षा नवी ए की छात्रा पराजित शर्मा द्वारा एक पुस्तक समीक्षा प्रस्तुत की गई, जिस पुस्तक का नाम "मलाला, एक बहादुर लड़की की कहानी" है जिसकी लेखिका संचित सिंह है और इस पुस्तक की पुस्तक समीक्षा की  प्रस्तुति  बहुत ही बेहतर ढंग विद्यालय की प्रार्थना सभा में प्रस्तुत की गई । 



Thursday, December 7, 2023

भाषा उत्सव मनाया गया (07.12.2023)

भाषा उत्सव


केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में दिनांक 7 दिसंबर 2023 को भाषा उत्सव के दौरान कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें पठन और अभिव्यक्ति के बारे में कक्षा 11 ई की छात्रा प्राजंलि शुक्ला ने विस्तार से बताया गया ।






DEAR (Drop Everything and Read) Prog. in PM shri KV No. 2 Jaipur

DEAR (Drop Everything and Read)  पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में आज दिनांक 10 सितंबर 2025 को विद्यालय में DEAR (Drop Everyth...