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Friday, November 26, 2021
Tuesday, November 23, 2021
Saturday, November 20, 2021
Friday, November 19, 2021
Constitution Day of India (26 November 2021)
भारत में संविधान दिवस
भारत में 26 नवम्बर को हर साल संविधान दिवस मनाया जाता है, क्योंकि वर्ष 1949 में 26 नवम्बर को संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को स्वीकृत किया गया था जो 26 जनवरी 1950 को प्रभाव में आया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत के संविधान का जनक कहा जाता है।
भारत की आजादी के बाद काग्रेस सरकार ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत के प्रथम कानून मंत्री के रुप में सेवा करने का निमंत्रण दिया। उन्हें 29 अगस्त को संविधान की प्रारुप समिति का अध्यक्ष बनाया गया। वह भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे और उन्हें मजबूत और एकजुट भारत के लिए जाना जाता है।
भारतीय संविधान का पहला वर्णन ग्रानविले ऑस्टिन ने सामाजिक क्रांति को प्राप्त करने के लिये बताया था। भारतीय संविधान के प्रति बाबा साहेब अम्बेडकर का स्थायी योगदान भारत के सभी नागरिकों के लिए एक बहुत मददगार है। भारतीय संविधान देश को एक स्वतंत्र कम्युनिस्ट, धर्मनिरपेक्ष स्वायत्त और गणतंत्र भारतीय नागरिकों को सुरक्षित करने के लिए, न्याय, समानता, स्वतंत्रता और संघ के रूप में गठन करने के लिए अपनाया गया था।
जब भारत के संविधान को अपनाया गया था तब भारत के नागरिकों ने शांति, शिष्टता और प्रगति के साथ एक नए संवैधानिक, वैज्ञानिक, स्वराज्य और आधुनिक भारत में प्रवेश किया था। भारत का संविधान पूरी दुनिया में बहुत अनोखा है और संविधान सभा द्वारा पारित करने में लगभग 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय ले लिया गया।
हम संविधान दिवस को क्यों मनाते है
भारत में संविधान दिवस 26 नवंबर को हर साल सरकारी तौर पर मनाया जाने वाला कार्यक्रम है जो संविधान के जनक डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर को याद और सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। भारत के लोग अपना संविधान शुरू करने के बाद अपना इतिहास, स्वतंत्रता, स्वतंत्रता और शांति का जश्न मनाते है।
संविधान दिवस भारत के संविधान के महत्व को समझाने के लिए प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर के दिन मनाया जाता है। जिसमें लोगो को यह समझाया जाता है कि आखिर कैसे हमारा संविधान हमारे देश के तरक्की के लिए महत्वपूर्ण है तथा डॉ अंबेडकर को हमारे देश के संविधान निर्माण में किन-किन कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।
आजादी के पहले तक भारत में रियासतों के अपने अलग-अलग नियम कानून थे, जिन्हें देश के राजनितिक नियम, कानून और प्रक्रिया के अंतर्गत लाने की आवश्यकता थी। इसके अलावा हमारे देश को एक ऐसे संविधान की आवश्कता थी। जिसमें देश में रहने वाले लोगों के मूल अधिकार, कर्तव्यों को निर्धारित किया गया हो ताकि हमारा देश तेजी से तरक्की कर सके और नयी उचाइयों को प्राप्त कर सके। भारत की संविधान सभा ने 26 जनवरी 1949 को भारत के संविधान को अपनाया और इसके प्रभावीकरण की शुरुआत 26 जनवरी 1950 से हुई।
भारत में संविधान दिवस कैसे मनाया जाता है
संविधान दिवस वह दिन है, जब हमें अपने संविधान के विषय में और भी ज्यादे जानने का अवसर प्राप्त होता है। इस दिन सरकारी तथा नीजी संस्थानों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। संविधान दिवस के दिन जो सबसे महत्वपूर्ण कार्य किया जाता है वह है लोगो को “भारत के संविधान के प्रस्तावना” की जानकारी देना, जिसके विषय में देशभर के विद्यालयों, कालेजों और कार्यलयों में समूहों द्वारा लोगो काफी आसान भाषा में समझाया जाता है।
इसके साथ ही विद्यालयों में कई तरह के प्रश्नोत्तर प्रतियोगिताएं, भाषण और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है, जो भारत के संविधान और डॉ भीमराव अंबेडकर के उपर केंद्रित होती हैं। इसके साथ ही इस दिन कई सारे व्याख्यानों और सेमिनारों का भी आयोजन किया जाता है, जिनमें हमारे संविधान के महत्वपूर्ण विषयों के बारे में समझाया जाता है। इसी तरह कई सारे विद्यालयों में छात्रों के लिए वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें छात्रों द्वारा कई सारे विषयों पर चर्चा की जाती है।
हमारे विद्यलया पुस्तकालय द्वारा आज शाम (26.11.2020) चार बजे ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया जायेगा अतः आप इसमे जरुर भाग ले । सभी भाग लेने वाले प्रतिभागियों को विद्यलया द्वारा डिजिटल प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा ।
धन्यवाद
Sunday, November 14, 2021
NATIONAL LIBRARY WEEK CELEBRATION (14-20 NOV 2021)
NATIONAL LIBRARY WEEK CELEBRATION
(14 Nov 2021 to 20 Nov 2021)
The ILA (Indian Library Association) declared 14-20 November has been celebrated as National Library Week all over India Since 1968 and various programmes are organized to let the public know about the libraries.
भारत में प्रत्येक वर्ष 14 से 20 नवंबर तक राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह मनाया जाता है। पुस्तकालय केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर कैंट विधार्थिओ के लिये कुछ कार्यक्रम आयोजित कर रहा है जिनका विवरण निचे दिया जा रहा है विधार्थी उनकों पूरा करके 22 नवंबर 2021 तक पुस्तकालय की ईमेल पर भेज सकते है !
Note : Last date of submission of Activity is 22 November 2020
The Theme for National Library Week 2021 is as follows
"Welcome to Your Library" promotes the idea that libraries extend far beyond for four walls of a building and that everyone is welcome to use their services.
School Library Association-India celebrates National Library Week in November 2021 and announces a national level online competition Ignite, Imagine, Inspire for school students . The contest aims at developing imagination, creativity, and scientific temper through reading selected stories and completing the given tasks.
KENDRIYA VIDYALAYA NO-2, JAIPUR CANTT (RAJ) LIBRARY WEEK (14 Nov - 20 Nov 2021) ACTIVITIES |
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Date |
Programme |
Classes |
Instructions |
14.11.2021 |
Book Mark Design Contest |
Class III to V |
1. Make a Bookmark, take a pic or design digital bookmark and upload. 2. Students are requested to rename the file name with your name class & section before uploading. |
15.11.2021 |
Book Jacket Design Contest |
Class VI to VIII |
1. Draw the Jacket cover page of a story Book, Take a photograph and upload 2. Students are requested to rename the file name with your name class & section before uploading. 3. Take a selfie with your activities. |
16.11.2021 |
Essay Writing Topic –Role of Libraries in School Education |
Class IX to XII |
1. Essay for Secondary (IX- X) and Sr. Secondary (XI – XII). 2. World limit is 400 words. 3. Can write in Hindi or English. 4. Student should write their name and Class on essay. 5. Submit your essay on this link https://forms.gle/jthas9XHMoXkVjZ2A |
17.11.2021 |
Reading selfie contest |
Class VI to XII |
Do you love Reading Books? If yes, show it to world. Take a reading selfie. |
18.11.2021 |
Audio Story Contest |
Class IV to VIII |
1. Select a story on public domain. 2. Perform and record audio/video. |
19.11.2021 |
Poster Making regarding Library Activities |
Class VI to XII |
1. Draw a colourful poster on the given and upload. 2. Take a selfie with your activities. 3. Students are requested to rename the file name with class & section before uploading. |
20.11.2021 |
Literary Quiz |
Staff and Students |
Play the quiz on 20 November 2021 at 11.00 a.m. and get a digital certificate b y Library KV No 2 Jaipur Cantt. |
1. You can send your activity on library email – librarykv2jaipur@gmail.com in the form of pdf, jpeg and png form. 2. Before sending the file, rename your file as your name, class with section. 3. Essay can write directly through this link = https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfPGCu5LW5ptNOKnbFFWZUGR5iNAlgk3xxPcJKaiz6RhKdgBw/viewform?usp=pp_url 4. The top three entries from every competition will be awarded e-certificate and will be given Prize after reopening of the school. |
Saturday, November 13, 2021
Friday, November 12, 2021
Children's Day (14 November 2021)
बाल दिवस (14 नवम्बर)
हर वर्ष 14 नवम्बर को हम बाल दिवस के रूप में मानते हैं। 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन मनाया जाता है जिसे बाल दिवस या Children’s Day के रूप में मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार और लगाव था। बच्चे भी उन्हें उतना ही प्यार करते थे। वे हर वर्ष अपने जन्मदिन पर अनेक बच्चों से मिलते थे और उनके साथ ही अपना समय बिताते थे। इसी वजह से ही हर वर्ष 14 नवम्बर को पूरे देश में उत्साह के साथ बाल दिवस मनाया जाता है। वे बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय थे।
भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करते हुए भी पंडित नेहरू बच्चों से बहुत लगाव रखते थे। बच्चों के साथ समय बिताना उन्हें बहुत अच्छा लगता था। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए वर्ष 1956 से ही उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। पंडित नेहरू के अनुसार आज के बच्चे ही देश के भविष्य हैं इसलिए उन्हें प्यार और देखभाल की जरुरत होती है ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सके। उनका मन बहुत ही साफ़ होता है और कोई भी चीज़ बच्चों के मन में असर डालती है। इसलिए उनका विशेष ध्यान रखना जरुरी होता है।
देश का भविष्य बच्चे ही हैं। सभी बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। बच्चों के रहन – सहन का स्तर उठाना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल होना चाहिए। बाल दिवस पर केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा बच्चों के भविष्य के लिए कई तरह की योजनाओं की घोषणा की जाती है। देश के भावी निर्माताओं के लिए उनके विद्यालयों में भी कई तरह कके कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। नए कपडे, भोजन , किताबे इत्यादि प्रदान की जाती है। बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति भी जागरूक किया जाता है।
देश के हर छोटे बड़े स्कूलों में बाल दिवस मनाया जाता है। बच्चे अलग अलग तरह के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। गीत-संगीत, नृत्य, नाटक, चित्रकला के प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। बच्चे रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे कार्यक्रमों की शोभा बढ़ाते हैं। बच्चों में पुरस्कार और मिठाईयां बाँटी जाती है। लेकिन अब कोरोना के कराण हम सब घर पर रह्कर यह सब काम करेंगे। इस दिन विशेष रूप से गरीब बच्चों को जरुरी सुविधाएँ पहुंचाने ,बाल श्रम और बाल शोषण जैसे गंभीर मुद्दों के बारे में अवश्य सोचना चाहिए। बच्चों के समग्र विकास को ध्यान में रखना चाहिए। तभी हम पंडित जवाहरलाल नेहरू को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
National Education Day Celebrated in KV No 2 Jaipur on 11 Nov 2021
National Education day was celebrated on 11 November 2021 in Kendriya Vidyalaya No 2 Jaipur Cantt. Mr. Baboo Singh Rathore, Vice Principal, Teachers and students of the Vidyalaya were participated in this Prog. Some clips of the prog. as under:-
Thursday, November 11, 2021
National Education Day 2021 (11 Nov 2021)
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
प्रतिवर्ष भारत में 11 नवम्बर को नेशनल एजुकेशन डे अर्थात राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता हैं. देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता हैं. वर्ष 2008 से इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गई थी. हर वर्ष 11 नवम्बर को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है. इस दिन मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जी का जन्म दिन भी है. वर्ष 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अबुल कलाम जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की परम्परा की शुरुआत हुई.
एक राष्ट्रीय नेता होने के साथ साथ आजाद उच्च कोटि के प्रतिभावान कवि और पत्रकार भी थे. जिन्हें 1992 में देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान दिया गया. हालांकि इनकी मृत्यु 1958 में ही हो गई थी. सादा जीवन और उच्च विचार की शैली को अपनाने वाले मौलाना आजाद गांधीवादी विचारधारा से प्रेरित भारत के सच्चे हितेषी थे. वे हमेशा से भारत पाकिस्तान विभाजन के विरोधी रहे थे.
भारत की शिक्षा प्रणाली को सुद्रढ़ करने में राजा राममोहनराय, स्वामी विवेकानन्द, स्वामी दयानन्द, अरविन्द गांधी, रवीन्द्रनाथ टैगोर जैसे राष्ट्र नेताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा था.
मौलाना अबुल कलाम आजाद की जीवनी
मौलाना आजाद के वंशज अफगान थे उनकी माँ अरबी तथा इनके पिता बाबर के भारत पर आक्रमण के समय आकर बंगाल में बस गये थे. कुछ वर्षो बाद खेरिद्दीन के विद्रोह के चलते इन्होने भारत को छोड़कर मक्का को अपनी शरण स्थली बनाया,
यही पर 1888 में मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म हुआ था. इनका वास्तविक नाम अबुल कलाम ग़ुलाम मुहियुद्दीन था. कलाम के पिताजी पेशे से शिक्षक थे उन्ही से इन्होने फारसी तथा दर्शनशास्त्र, रेखागणित, गणित और बीजगणित का ज्ञान प्राप्त किया. ये कई वर्षो तक ईराक और तुर्की के क्रांतिकारी नेताओं के साथ रहे. जब वे भारत लौटे तो उनकी मुलाकात अरविन्द घोष श्याम शुन्दर चक्रवर्ती से हुई, इन्ही के आग्रह पर कलाम भारत के स्वाधीनता संग्राम में शामिल हो गये.
अबुल कलाम आजाद कुछ ही वर्षो में कांग्रेस के विरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर व्यापक स्वतंत्रता प्राप्ति संग्राम की योजना पर कार्य करने लगे. इस दौरान उन्होंने मुस्लिम युवकों और धार्मिक संगठनो को भी भारत की स्वतंत्रता के इस संग्राम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया.
इन्होने जीवन पर्यन्त हिन्दू मुस्लिम एकता की भावना को सुद्रढ़ करने का कार्य किया. आजाद ने अल हिलाल उर्दू पत्र के जरिये मुस्लिम सम्प्रदाय में देशभक्ति की भावना को प्रबल करने का कार्य किया. अंग्रेज सरकार इस तरह के क्रियाकलापों से खुश नही थी.
वो नही चाहते थे कि हिन्दू मुस्लिम कभी एक हो और उनमे एक राष्ट्र की मांग को मजबूती मिले. इसी बात को मद्देजनर रखते हुए अल हिलाल को प्रतिबंधित करने के साथ ही मौलाना अबुल कलाम को भी नजर बंद कर दिया गया. इन्हें 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान गांधीजी का साथ देने के कारण पुनः जेल में बंद कर दिया गया.
शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना आज़ाद का योगदान
खुद उर्दू और फारसी के ज्ञाता होने के बावजूद शिक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए इन्होने उर्दू की जगह अंग्रेजी को प्रचलन में लाने पर जोर दिया. साथ ही आजादी के बाद अपनाई गई नई शिक्षा प्रणाली में इन्होने शिक्षा और संस्क्रति के मेल पर जोर दिया.
इन्ही के प्रयासों की बदौलत संगीत नाटक और ललित कला अकादमी का गठन किया गया. भारत में शिक्षा का अधिकार अब लागू किया गया, मगर मौलाना आजाद उस समय भारत में बिना भेदभाव के सभी वर्गो के बालक बालिकाओं को 14 वर्ष की आयु तक अनिवार्य बाल शिक्षा दिलवाने के हिमायती थे.
आजादी के आरम्भिक वर्षो में ही तकनिकी और महिला शिक्षा पर जोर देने वाले अबुल कलाम के ही कार्यकाल में 1956 में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की स्थापना की गई थी.
शिक्षा को केंद्र तथा राज्य दोनों स्तरों से फलीभूत करने के लिए इन्होने केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी का गठन इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य था.
The Theme of National Education day 2021
“Education of women”, “Compulsory universal primary education”, “the importance of vocational education”, “free and fair education for all children till the age of 14” and “making technical education affordable to the masses”.
Friday, November 5, 2021
National Youth Festival (NYF) 2025 The Viksit Bharat Young Leaders Dialogue is a transformative reimagining of the National Youth Festival (...