Sunday, November 29, 2020

केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 जयपुर मे संविधान दिवस मनाया गया

 केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 जयपुर मे 26 नवंबर 2020 को संविधान दिवस मनाया गया और उस दिन संविधान की प्रस्तावना को विद्यालय के छात्रो/ छात्राओ तथा  शिक्षको  द्वारा पढ़ा गया 

WORLD AIDS DAY (01 DECEMBER 2020)

WORLD AIDS DAY


World AIDS Day takes place on 1 December each year. It’s an opportunity for people worldwide to unite in the fight against HIV, to show support for people living with HIV, and to commemorate those who have died from an AIDS-related illness. Founded in 1988, World AIDS Day was the first-ever global health day.




WHY IS WORLD AIDS DAY IMPORTANT?

Over 103,800 people are living with HIV in the UK. Globally, there are an estimated 38 million people who have the virus. Despite the virus only being identified in 1984, more than 35 million people have died of HIV or AIDS, making it one of the most destructive pandemics in history.

Today, scientific advances have been made in HIV treatment, there are laws to protect people living with HIV and we understand so much more about the condition. Despite this, each year in the UK over 4,450 people are diagnosed with HIV, people do not know the facts about how to protect themselves and others, and stigma and discrimination remain a reality for many people living with the condition.

World AIDS Day is important because it reminds the public and government that HIV has not gone away – there is still a vital need to raise money, increase awareness, fight prejudice, and improve education.

What is HIV/AIDS?

Infection caused by the Human Immunodeficiency Virus (HIV) in the human body results in the weakening of people’s immune system ( defense system) against infections and some types of cancer. This immunodeficiency results in increased susceptibility to a wide range of infections, cancers and other diseases that people with healthy immune systems can fight off.

The most advanced stage of HIV infection is called as Acquired Immunodeficiency Syndrome (AIDS). It is defined by the occurrence of any of more than 20 opportunistic infections or HIV-related cancers.

Red Ribbon Express- It travels across the country through a specified route chart to spread awareness on HIV/AIDS, promote safe behavioral practices, strengthen people's knowledge about the measures to be taken to prevent this epidemic, and develop an understanding of the disease to reduce stigma and discrimination against People Living with HIV/AIDS. 

Key messages-

  • Awareness is the best prevention for AIDS.
  • There is no cure for HIV infection. However, effective antiretroviral (ARV) drugs can control the virus and help prevent transmission.
  • With antiretroviral (ARV) therapy, people with HIV, and those at substantial risk, can enjoy healthy, long and productive lives.

Thursday, November 26, 2020

Quiz No 30 : on Constitution Day

Reading of Preamble on 26 Nov 2020

 

Constitution day in India (26 November 2020)

भारत में संविधान दिवस


भारत में 26 नवम्बर को हर साल संविधान दिवस मनाया जाता है, क्योंकि वर्ष 1949 में 26 नवम्बर को संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को स्वीकृत किया गया था जो 26 जनवरी 1950 को प्रभाव में आया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत के संविधान का जनक कहा जाता है।



भारत की आजादी के बाद काग्रेस सरकार ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत के प्रथम कानून मंत्री के रुप में सेवा करने का निमंत्रण दिया। उन्हें 29 अगस्त को संविधान की प्रारुप समिति का अध्यक्ष बनाया गया। वह भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे और उन्हें मजबूत और एकजुट भारत के लिए जाना जाता है।

भारतीय संविधान का पहला वर्णन ग्रानविले ऑस्टिन ने सामाजिक क्रांति को प्राप्त करने के लिये बताया था। भारतीय संविधान के प्रति बाबा साहेब अम्बेडकर का स्थायी योगदान भारत के सभी नागरिकों के लिए एक बहुत मददगार है। भारतीय संविधान देश को एक स्वतंत्र कम्युनिस्ट, धर्मनिरपेक्ष स्वायत्त और गणतंत्र भारतीय नागरिकों को सुरक्षित करने के लिए, न्याय, समानता, स्वतंत्रता और संघ के रूप में गठन करने के लिए अपनाया गया था।

जब भारत के संविधान को अपनाया गया था तब भारत के नागरिकों ने शांति, शिष्टता और प्रगति के साथ एक नए संवैधानिक, वैज्ञानिक, स्वराज्य और आधुनिक भारत में प्रवेश किया था। भारत का संविधान पूरी दुनिया में बहुत अनोखा है और संविधान सभा द्वारा पारित करने में लगभग 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय ले लिया गया।

हम संविधान दिवस को क्यों मनाते है

भारत में संविधान दिवस 26 नवंबर को हर साल सरकारी तौर पर मनाया जाने वाला कार्यक्रम है जो संविधान के जनक डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर को याद और सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। भारत के लोग अपना संविधान शुरू करने के बाद अपना इतिहास, स्वतंत्रता, स्वतंत्रता और शांति का जश्न मनाते है।

संविधान दिवस भारत के संविधान के महत्व को समझाने के लिए प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर के दिन मनाया जाता है। जिसमें लोगो को यह समझाया जाता है कि आखिर कैसे हमारा संविधान हमारे देश के तरक्की के लिए महत्वपूर्ण है तथा डॉ अंबेडकर को हमारे देश के संविधान निर्माण में किन-किन कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।

आजादी के पहले तक भारत में रियासतों के अपने अलग-अलग नियम कानून थे, जिन्हें देश के राजनितिक नियम, कानून और प्रक्रिया के अंतर्गत लाने की आवश्यकता थी। इसके अलावा हमारे देश को एक ऐसे संविधान की आवश्कता थी। जिसमें देश में रहने वाले लोगों के मूल अधिकार, कर्तव्यों को निर्धारित किया गया हो ताकि हमारा देश तेजी से तरक्की कर सके और नयी उचाइयों को प्राप्त कर सके। भारत की संविधान सभा ने 26 जनवरी 1949 को भारत के संविधान को अपनाया और इसके प्रभावीकरण की शुरुआत 26 जनवरी 1950 से हुई।

भारत में संविधान दिवस कैसे मनाया जाता है

संविधान दिवस वह दिन है, जब हमें अपने संविधान के विषय में और भी ज्यादे जानने का अवसर प्राप्त होता है। इस दिन सरकारी तथा नीजी संस्थानों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। संविधान दिवस के दिन जो सबसे महत्वपूर्ण कार्य किया जाता है वह है लोगो को “भारत के संविधान के प्रस्तावना” की जानकारी देना, जिसके विषय में देशभर के विद्यालयों, कालेजों और कार्यलयों में समूहों द्वारा लोगो काफी आसान भाषा में समझाया जाता है।

इसके साथ ही विद्यालयों में कई तरह के प्रश्नोत्तर प्रतियोगिताएं, भाषण और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है, जो भारत के संविधान और डॉ भीमराव अंबेडकर के उपर केंद्रित होती हैं। इसके साथ ही इस दिन कई सारे व्याख्यानों और सेमिनारों का भी आयोजन किया जाता है, जिनमें हमारे संविधान के महत्वपूर्ण विषयों के बारे में समझाया जाता है। इसी तरह कई सारे विद्यालयों में छात्रों के लिए वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें छात्रों द्वारा कई सारे विषयों पर चर्चा की जाती है।

हमारे विद्यलया पुस्तकालय द्वारा आज शाम (26.11.2020) चार बजे ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया जायेगा अतः आप इसमे जरुर भाग ले । सभी भाग लेने वाले प्रतिभागियों को विद्यलया द्वारा डिजिटल प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा । 

धन्यवाद 

Wednesday, November 18, 2020

Deputy Commissioner Jaipur Region visited to KV No 1 Jaipur

Deputy Commissioner Jaipur Region visited to KV No 1 Jaipur

Sh. B. L. Marodia, Deputy Commissioner Jaipur region visited the Kendriya Vidyalaya No 1 Jaipur along with Sh. D. R. Meena, Assistance Commissioner, and Sh Mukesh Kumar, Assistance Commissioner Jaipur region on 18 November 2020.

Friday, November 13, 2020

Children's Day (14 November 2020)

बाल दिवस (14 नवम्बर)


हर वर्ष 14 नवम्बर को हम बाल दिवस के रूप में मानते हैं। 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन मनाया जाता है जिसे बाल दिवस या Children’s Day के रूप में मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार और लगाव था। बच्चे भी उन्हें उतना ही प्यार करते थे। वे हर वर्ष अपने जन्मदिन पर अनेक बच्चों से मिलते थे और उनके साथ ही अपना समय बिताते थे। इसी वजह से ही हर वर्ष 14 नवम्बर को पूरे देश में उत्साह के साथ बाल दिवस मनाया जाता है। वे बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय थे। 



देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बच्चों के प्रति प्रेम को देखते हुए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूम में मनाया जाता है। हमारे देश में हर वर्ष 14 नवम्बर के दिन बाल दिवस का कार्यक्रम मनाया जाता है। इस दिन पंडित नेहरू के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। देश के प्रति समर्पण तथा अंतराष्ट्रीय राजनीति में उपलब्धियों को याद किया जाता है। बच्चे अपने स्कूलों के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्यार से सभी बच्चे चाचा नेहरू के नाम से सम्बोधित करते थे।

भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करते हुए भी पंडित नेहरू बच्चों से बहुत लगाव रखते थे। बच्चों के साथ समय बिताना उन्हें बहुत अच्छा लगता था। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए वर्ष 1956 से ही उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। पंडित नेहरू के अनुसार आज के बच्चे ही देश के भविष्य हैं इसलिए उन्हें प्यार और देखभाल की जरुरत होती है ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सके। उनका मन बहुत ही साफ़ होता है और कोई भी चीज़ बच्चों के मन में असर डालती है। इसलिए उनका विशेष ध्यान रखना जरुरी होता है।

देश का भविष्य बच्चे ही हैं। सभी बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। बच्चों के रहन – सहन का स्तर उठाना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल होना चाहिए। बाल दिवस पर केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा बच्चों के भविष्य के लिए कई तरह की योजनाओं की घोषणा की जाती है। देश के भावी निर्माताओं के लिए उनके विद्यालयों में भी कई तरह कके कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। नए कपडे, भोजन , किताबे इत्यादि प्रदान की जाती है। बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति भी जागरूक किया जाता है।

देश के हर छोटे बड़े स्कूलों में बाल दिवस मनाया जाता है। बच्चे अलग अलग तरह के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। गीत-संगीत, नृत्य, नाटक, चित्रकला के प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। बच्चे रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे कार्यक्रमों की शोभा बढ़ाते हैं। बच्चों में पुरस्कार और मिठाईयां बाँटी जाती है। लेकिन अब कोरोना के कराण हम सब घर पर रह्कर यह सब काम करेंगे। इस दिन विशेष रूप से गरीब बच्चों को जरुरी सुविधाएँ पहुंचाने ,बाल श्रम और बाल शोषण जैसे गंभीर मुद्दों के बारे में अवश्य सोचना चाहिए। बच्चों के समग्र विकास को ध्यान में रखना चाहिए। तभी हम पंडित जवाहरलाल नेहरू को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।

देश के प्रगति के हम है आधार, हम करेंगे चाचा नेहरु के सपने को साकार,

NATIONAL LIBRARY WEEK ( 14-20 November 2020)

 KENDRIYA VIDYALAYA NO 1, JAIPUR

NATIONAL LIBRARY WEEK

(14 Nov.  to 20 Nov. 2020)

The ILA (Indian Library Association) declared 14-20 November has been celebrated as National Library Week all over India Since 1968 and various programmes are organized to let the public know about the libraries.

"On behalf of Kendriya Vidyalaya No 1, Jaipur

Family Wishes You a Very Happy Diwali"

Note : Last date of submission of Activity is 22 November 2020

KENDRIYA VIDYALAYA NO-1, BAJAJ NAGAR, JAIPUR (RAJ)

LIBRARY WEEK (14 Nov - 20 Nov 2020)

ACTIVITIES

Date

Programme

Classes

Instructions

14.11.2020

Book Mark Design Contest

Class III to V

1. Make a Bookmark, take a pic or design digital bookmark and upload.

2.  Students are requested to rename the file name with your name class & section before uploading.

15.11.2020

Book Jacket Design Contest

Class VI to VIII

1. Draw the Jacket cover page of a story Book, Take a photograph and upload

2. Students are requested to rename the file name with your name class & section before uploading.

3. Take a selfie with your activities.

16.11.2020

Essay Writing

Topic –Role of  Libraries in School Education

Class IX to XII

1.  Essay for Secondary (IX- X) and        Sr. Secondary (XI – XII).

2.   World limit is 400 words.

3.   Can write in Hindi or English.

4.   Student should write their name and Class on essay.

5.  Submit your essay on this link  https://forms.gle/jthas9XHMoXkVjZ2A

17.11.2020

Reading selfie  contest

Class VI to XII

Do you love Reading Books?

If yes, show it to world.

Take a reading selfie.

18.11.2020

Audio Story Contest

Class IV to VIII

1.   Select a story on public domain.

2.   Perform and record audio/video.

19.11.2020

Poster Making regarding Library Activities

Class VI to XII

1. Draw a colourful poster on the given and upload.

2.  Take a selfie with your activities.

3. Students are requested to rename the file name with class & section before uploading.

20.11.2020

Literary Quiz

Staff and Students

Play the quiz on 20 November 2020 at 11.00 a.m.  and get a digital certificate b y Library KV No 1 Jaipur.

1.    You can send your activity on library email – librarykv1jaipur@gmail.com in the form of pdf, jpeg and png form.

2.    Before sending the file, rename your file as your name, class with section.

3.    Essay can write directly through this link = https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSc0sFgE1l4cNs-Iqe9MaCZpfEegM5n3CX7MWsM8cfeUo_ZbIA/viewform?usp=sf_link

4.   The top three entries from every competitions will be awarded e-certificate and will be given Prize after reopening of the school.

 

Wednesday, November 11, 2020

राष्‍ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) 11 नवंबर 2020

 राष्‍ट्रीय शिक्षा दिवस


National Education Day 2020: भारत में हर साल 11 नवंबर को राष्‍ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) के रूप में मनाया जाता है. दरअसल, देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) की जयंती 11 नवंबर को होती है, जिसे देश में ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा दिवस'' के रूप में मनाया जाता है. बता दें कि मानव संसाधान मंत्रालय ने 11 नवंबर 2008 को ऐलान किया था कि हर साल 11 नवंबर को राष्‍ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाएगा. शिक्षा के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान के लिए मौलाना आजाद को साल 1922 में भारत के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया था.


अबुल कलाम ने 1947 से 1958 तक स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। उनका मानना था कि मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने न केवल महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया बल्कि उन्होंने 14 साल की आयु तक सभी बच्चों के लिए निशुल्क सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा की वकालत की।

मौलाना आजाद अपने समय के एक प्रमुख पत्रकार थे और भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन का कारण भी बने। उन्होंने शिक्षा और राष्ट्र के विकास के बीच संबंध को समझा। बता दें कि 1950 में संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी का गठन हुआ था। ये सब आजाद की अगुवाई में ही हुआ था। इसके साथ ही 1949 में, सेंट्रल असेंबली में, उन्होंने आधुनिक विज्ञान के महत्व पर ज्यादा जोर दिया था।  मौलाना ने शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए अत्यधिक स्कूलों, कालेजों एवं विश्वविद्यालयों की स्थापना करवाई थी। इसके अलावा मौलाना अबुल कलाम आजाद AICTE और UGC जैसे उचे निकायों की स्थापना के लिए जिम्मेदार थे। इसे अलावा आईआईटी, आईआईएससी और स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग की भी उनके द्वारा स्थापना की गई थी। 

इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2020 की थीम 'कौशल जागरूकता और सशक्तिकरण' रखी गई है। इस थीम को रखने का उद्देश्य केवल लोगों में कौशल विकास को विकसित करना है। भारत के हर नागरीक और खासकर छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास और राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व के बारे में जरूर पता होना चाहिए।


देश में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने में मौलाना आजाद का बहुमूल्य योगदान है। मौलाना आजाद का मानना था कि एक शिक्षित समाज से ही राष्ट्र का निर्माण संभव है। उनके शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के कारण यह घोषणा की गई। इस दिन का अवकाश नहीं रखा गया है। इस दिन स्कूलों में सेमिनार, निबंध प्रतियोगिता, रैली आदि होती हैं। इसके  अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 जयपुर द्वारा कुछ कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है :-


    (a)   Slogen Witing - (Topic-  शिक्षा का महत्वं/Importance of Education)

 

    (b)    Essay Writing 200 words - (Topic-  शिक्षा का महत्वं/Importance of Education)


 Instructions

    (a)    At least two slogans for each participant.
    (b)    Students can write a slogan in Hindi or English.
    (c)    There are two categories of students 
            (i)    Category   I -  Class III to VIII.
            (ii)    Category II -  Class IX to XII.

Last date of submission of entries is 15 November 2020.

Tuesday, November 10, 2020

विश्व दयालुता दिवस /World Kindness Day (13 November 2020)

विश्व दयालुता दिवस


आज हम बात करने वाले हैं world kindness day के बारे में। आपको बता दें world kindness day हर साल 13 नवंबर को मनाया जाता है।आपको बता दें कि इस दिन को हिंदी में विश्व दयालुता दिवस बोला जाता हैं। विश्व दयालुता दिवस की शुरुवात 1998 मे की गई थीं वर्तमान मे समें कुल 28 देश शामील है जो कि किसी भी धर्म आौर राजनीति से सम्बंध नहीं है  आपने यह कहावत तो सुनी होगी कि इंसान ही इंसान के काम आता है, लेकिन यह कहावत सिर्फ कहावत बनकर रह गई है और आज इस बात को कोई फॉलो नही करता है। आपको बता दें कि भाग दौड़ वाली जिंदगी में किसी के पास कोई समय नही होता है किसी की मदद करने का। आपको बता दें कि world kindness day इसीलिए मनाया जाता है ताकि लोगो के अंदर एक दूसरे की मदद करने के लिए भावना जागे। इंसान के अंदर इंसानियत का जो दीया बुझ गया है उसको जगाने के लिए यह त्यौहार पूरे विश्व भर में मनाया जाता है।



दयालुता अन्य लोगों और जीवित प्राणियों के प्रति विचारशील, दयालु और सहानुभूतिपूर्ण होने का कार्य है।

अब, संगठन मुफ्त चॉकलेट बार सौंपने, गले लगाने और लेक्चर, संदेशों के माध्यम से दया फैलाने का जश्न मनाते हैं।

दया वह रौशनी है जिसमे सद्गुण पनपते हैं।  सत्य और अहिंसा ही मेरे धर्म हैं।

दया बुद्धिमता से ज्यादा महत्वपूर्ण है, और इसकी पहचान बुद्धिमान होने की शुरुआत है।

एक छोटा सा विचार और एक छोटी सी दयालुता अक्सर बहुत ज्यादा धन से ज्यादा कीमती होती है।

बुद्धिमान व्यक्ति अपनी स्वयं की दौलत को बचाकर नहीं रखते हैं। जितना अधिक वह दूसरों को देते जाते हैं, उतना ही अधिक अपने स्वयं के लिये पा लेते हैं।

ऐसी कौन सी बुद्धिमानी आप हासिल कर सकते हैं जो दया से भी ज्यादा महान है।

सत्य वह अगाध दयालुता है जो हमें हमारे प्रतिदिन के जीवन में संतोषी होना और उसी सुख-शांति को लोगों के साथ बाँटना सिखाता है। एक गर्मजोशी से भरी मुस्कान दयालुता की वैश्विक भाषा है।

आपको बता दें कि आज के जमाने में एक दूसरे की मदद करना सबसे बड़ा धर्म माना जाता है।  आपको बता दें कि हमे किस किस की मदद करनी चाहिए। सबसे पहले तो अगर आप घर मे बड़े है तो आपको अपने छोटे की मदद करनी चाहिए। इसके अलावा हमेशा बड़े बुजर्गो की मदद करनी चाहिए। और वक़्त पड़ने पर जात पात भुलाकर हर किसी की मदद करनी चाहिए। एक बार आप सभी को वर्ल्ड kindness डे की हार्दिक शुभकामनाएं।

Saturday, November 7, 2020

विश्व विज्ञान दिवस/World Science Day (10 November 2020)

विश्व विज्ञान दिवस

World Science day Theme 2020 

  “Science for and with Society in dealing with the global pandemic”.


आज हम आसमान में पक्षियों से तेज उड़ सकते हैं, समुद्र में शार्क से तेज तैर सकते हैं। जमीन पर घोड़े से भी तेज भाग सकते हैं, अपनों से बस कुछ ही सेंकेंडों में बात कर सकते हैं भले ही वे दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हों। सालों महीनों लगने वाले कामों को मिनटों में कर सकते हैं किसकी मदद से? सिर्फ और सिर्फ विज्ञान की। विज्ञान प्रकृति का एक ऐसा वरदान है जिसकी कीमत का हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते।


आज 10 नवंबर है, जिसे हर साल विश्व विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।  सन् 2001 में United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization (UNESCO) के द्वारा प्रस्तावित किया गया था। कि पूरे  विश्व के लिए साल का एक दिन ऐसा होना चाहिए कि उस दिन को विश्व के सारे देश विश्व विज्ञान दिवस के रूप में मना सकें। सन् 2001 में यूनेस्को के द्वारा प्रस्तावित करने के बाद 10 नवंबर 2002 में पहली बार विश्व विज्ञान दिवस पूरे विश्व के द्वारा मनाया गया।

क्यों मनाया जाता है विश्व विज्ञान दिवस ?

1. 10 नवंबर को विश्व विज्ञान दिवस इसलिये मनाया जाता है ताकि लोगों को हमारे वैज्ञानिकों के द्वारा किये जाने वाले अभूतपूर्व कार्यों के बारे में जानकारी मिल सके।

2. हमारे जीवन को पूरी तरह से बदलने वाले विज्ञान के महत्व को समझा जा सके।

3. विश्व में विज्ञान की मदद से जो शांति कार्य किये जा रहे हैं उनकी जानकारी लोगों को हो।

4. विश्व के सभी देश आपस में अपनी विभिन्न तकनीकों को साझा करके विश्व कल्याण के लिए आगे बढें।

10 नवंबर को मनाये जाने वाले विज्ञान दिवस को World Science Day for Peace and Development यानि कि विश्व की शांति और उन्नति के लिए विज्ञान दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

10 नवंबर को मनाये जाने वाले विज्ञान दिवस को World Science Day for Peace and Development यानि कि विश्व की शांति और उन्नति के लिए विज्ञान दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

विज्ञान के चमत्कार हमारा जीवन सहज बनाते हैं पर प्रकृति के चमत्कार धूप, पानी और वनस्पति के बिना तो जीवन का अस्तित्व ही संभव नहीं।
आज़ादी विज्ञान की पहली उत्पादक है। विज्ञान मानवता के लिए एक खूबसूरत तौफ़ा है, इसका हमें सदुपयोग करना चाहिए।

National Youth Festival (NYF) 2025 The Viksit Bharat Young Leaders Dialogue is a transformative reimagining of the National Youth Festival (...