विश्व पुस्तक दिवस तथा विश्व कॉपीराइट दिवस (23 अप्रैल 2020)
विश्व पुस्तक दिवस
World Book Day 2020: दुनिया भर में आज विश्व पुस्तक दिवस (World Book Day) मनाया जा रहा है. यह दिवस किताबों के नाम समर्पित है. इस दिवस की महत्ता आप इसी बात से समझ सकते हैं कि किताबें हमारी बेस्ट फ्रेंड हैं. ये न सिर्फ हमारी दोस्त बल्कि पथ प्रदर्शक भी हैं और उस वक्त हमेशा हमारे साथ होती हैं जब हमें इनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है. खासकर आज के समय में जब पूरी दुनिया कोरोनावायरस (Coronavirus) के चलते अपने-अपने घरों में बंद है, तब ये किताबें ही हैं जो लोगों को इस कठिन वक्त के गुजरने में मदद कर रही हैं. लॉकडाउन (Lockdown) के इस काल में किताबें ही सही सूचना, मनोरंज और सकारात्मक सोच का जरिया हैं. ऐसे में अभिभावकों चाहिए कि वे अपने बच्चों के लिए अच्छी-अच्छी किताबें पढ़ें. लॉकडाउन का सही इस्तेमाल तभी होगा जब आप इस दौरान अपने बच्चों में किताबें पढ़ने के संस्कार विकसित करेंगे !
विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास
दुनिया भर में हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है. इस दिन को विश्व कॉपीराइट दिवस (World Copyright Day) भी कहते हैं. किताबों को पढ़ने वाले और चाहने वालों के लिए आज खास दिन है. UNESCO ने 23 अप्रैल 1995 को इसकी शुरुआत की थी. पहली बार 1995 में पेरिस में हुई यूनेस्को की जनरल कॉन्फ्रेंस में विश्व पुस्तक दिवस का जश्न मनाया गया था !
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड बुक डे ?
दुनिया भर मे वर्ल्ड बुक डे इसलिए मनाया जाता है ताकि किताबों की अहमियत को समझा जा सके. किताबें महज कागज का पुलिंदा नहीं बल्कि वे भूतकाल और भविष्यकाल को जोड़ने की कड़ी का काम करती हैं. साथ ही संस्कृतियों और पीढ़ियों के बीच में एक सेतु की तरह हैं !
विश्व कॉपीराइट दिवस
उच्च उद्देशीय अंतरराष्ट्रीय सहयोग तथा विकास की भावना से प्रेरित 193 सदस्य देश तथा 6 सहयोगी सदस्यों की संस्था यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक तथा स्वामित्व (कॉपीराइट) दिवस का औपचारिक शुभारंभ 23 अप्रैल 1995 को हुआ था।
इसकी नींव तो 1923 में स्पेन में पुस्तक विक्रेताओं द्वारा प्रसिद्ध लेखक मीगुयेल डी सरवेन्टीस को सम्मानित करने हेतु आयोजन के समय ही रख दी गई थी। उनका देहांत भी 23 अप्रैल को ही हुआ था। मध्यकाल में 23 अप्रैल के दिन प्रेमी अपनी प्रेमिका को गुलाब का फूल भेंट करता था तो प्रेमिका उत्तर में अपने प्रेमी को एक पुस्तक देती थी।
ऐसी एक फूल के बदले पुस्तक देने की परंपरा भी उस समय प्रचलित थी। 23 अप्रैल का दिन साहित्यिक क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण है चूंकि यह तिथि साहित्य के क्षेत्र से जुड़ी अनेक विभूतियों का जन्म या निधन का दिन है। उदाहरणार्थ 1616 में 23 अप्रैल को सरवेन्टीस, शेक्सपीयर तथा गारसिलआसो डी लाव्हेगा, मारिसे ड्रयन, के. लक्तनेस, ब्लेडीमीर नोबोकोव्ह, जोसेफ प्ला तथा मैन्युएल सेजीया के जन्म/ निधन के दिन के रूप में जाना जाता है।
विलियम शेक्सपीयर के तो जन्म तथा निधन की तिथि भी 23 अप्रैल थी। अतः विश्व पुस्तक तथा कॉपीराइट दिवस का आयोजन करने हेतु 23 अप्रैल का चयन एक निश्चित विचारधारा के अंतर्गत किया गया। वर्तमान में यह आयोजन विश्व के 100 देशों में इंग्लैंड तथा आयरलैंड को अपवादस्वरूप छोड़कर किया जाता है। स्थानीय कारणों से इंग्लैंड तथा आयरलैंड में यह आयोजन 3 मार्च को होता है।
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