Saturday, April 23, 2022

World Book And Copyright Day 2022 (23 APRIL 2022)

वर्ल्ड बुक और कॉपीराइट डे


वर्ल्ड बुक और कॉपीराइट डे को इंटरनेशनल डे ऑफ बुक के रूप में भी जाना जाता है। इसे 23 अप्रैल को मनाया जाता है। बुक डे को किताबें पढ़ने, लिखने, ट्रांसलेट, पब्लिशिंग और कॉपीराइट के महत्व को दर्शाने के लिए इस दिन को खास तौर पर मनाया जाता है। इस वार्षिक इवेंट को यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन (UNESCO) द्वारा आयोजित किया जाता है।


वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे को मनाने के पीछे उद्देश्य है किताब पढ़ने की खुशी को लोगों तक पहुंचाना। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर ही इस वर्ष का थीम चुना गया है। वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे 2022 का थीम है 'Read, so you never feel low'।

वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे हर साल यूनेस्को द्वारा आयोजित किया जाता है। यह पहली बार 23 अप्रैल 1995 में मनाया गया था। यूनेस्को (UNESCO) ने विलियम शेक्सपीयर और मिगुएल सर्वेंटिस जैसे साहित्यकारों को रिस्पेक्ट देने के लिए 23 अप्रैल की तारीख को चुना था लेकिन वास्तव में इस दिन को पहली बार 1922 में स्पेनिश राइटर विसेंट क्लेव एंड्रेस ने मिगुएल सर्वेंटिस को याद करने और उन्हें सम्मान देने के मकसद से इस्तेमाल किया था। 23 अप्रैल 1995 में पेरिस में आयोजित यूनेस्को के जनरल कॉन्फ्रेंस के लिए एक नेचुरल च्वाइस थी। इस दिन पुस्तकों और लेखकों को विश्वव्यापी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए और सभी को पुस्तकों तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रण लिया जाता है।

इस दिन, यूनेस्को और पुस्तक उद्योग के तीन प्रमुख क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन - प्रकाशन, पुस्तक विक्रेता और पुस्तकालय प्रत्येक वर्ष 23 अप्रैल से शुरू होकर एक वर्ष की अवधि के लिए विश्व पुस्तक राजधानी का चयन करते हैं। मैक्सिकन शहर ग्वाडलाजारा को 2022 के लिए विश्व पुस्तक राजधानी के रूप में चुना गया है। पूरे वर्ष कई कार्यक्रम होंगे जो सामाजिक परिवर्तन को गति देने, हिंसा का मुकाबला करने और शांति की संस्कृति के निर्माण में पुस्तकों और पढ़ने की भूमिका पर केंद्रित होंगे।


Tuesday, April 19, 2022

WORLD EARTH DAY 2022 (22 April 2022)

                               विश्व पृथ्वी दिवस 2022

विश्व पृथ्वी दिवस 2022 पूरे विश्व के लोगों द्वारा 22 अप्रैल, गुरुवार को मनाया जायेगा। पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय को दर्शाने के लिये साथ ही पर्यावरण सुरक्षा के बारे में लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिये 22 अप्रैल को पूरे विश्व भर के लोगों के द्वारा एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में हर साल विश्व पृथ्वी पृथ्वी दिवस को मनाया जाता है। पहली बार, इसे 1970 में मनाया गया और उसके बाद से लगभग 192 देशों के द्वारा वैश्विक आधार पर सालाना इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई।


विश्व पृथ्वी दिवस को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने की शुरुआत इसके मुद्दे को सुलझाने के द्वारा पर्यावरणीय सुरक्षा का बेहतर ध्यान देने के लिये, राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करने के लिये के लिये की गयी। 1969 में, सैन फ्रांसिस्को के जॉन मैककोनल नाम के एक शांति कार्यकर्ता जो सक्रियता से इस कार्यक्रम को शुरु करवाने में शामिल थे, ने एक साथ मिलकर पर्यावरणीय सुरक्षा के लिये इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा। 21 मार्च 1970 को वसंत विषुव में मनाने के लिये इस कार्यक्रम को जॉन मैककोनेल ने चुना था जबकि 22 अप्रैल 1970 को इस कार्यक्रम को मनाने के लिये अमेरिका के विंसकॉन्सिन सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने चुना था।

बेहतर भविष्य के लिये अपने पर्यावरणीय मसले को सुलझाने के लिये इन्होंने लोगों को इस कार्यक्रम में एक-साथ होकर जुड़ने के लिये संपर्क किया था। विश्व पृथ्वी दिवस के पहले समारोह के दौरान लाखों लोगों ने इसमें अपनी इच्छा जताई और इस कार्यक्रम का लक्ष्य समझने के लिये भाग लिया। विश्व पृथ्वी दिवस के लिये कोई एक तारीख निर्धारित करने के बजाय, इसको दोनों दिन मनाने की शुरुआत हुयी। आमतौर पर, पूरे विश्वभर में जरुरी क्षेत्रों में नये पौधे को लगाने के आम कार्य के साथ पृथ्वी दिवस कार्यक्रम को मनाने की शुरुआत हुयी।

22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस उत्सव की तारीख की स्थापना करने के अच्छे कार्य में भागीदारी के लिये अमेरिका के विस्कॉन्सिन सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन को स्वतंत्रता पुरस्कार के राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित किया गया। बाद में लगभग 141 राष्ट्रों के बीच वर्ष 1990 में डेनिस हेज़ (वास्तविक राष्ट्रीय संयोजक) के द्वारा वैश्विक तौर पर पृथ्वी दिवस के रुप में 22 अप्रैल को केन्द्रित किया था। बहुत सारे पर्यावरणी मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित करने के लिये पृथ्वी सप्ताह के नाम से पूरे सप्ताह भर के लिये ज्यादातर पृथ्वी दिवस समुदाय ने इसे मनाया। इस तरीके से 22 अप्रैल 1970 को आधुनिक पर्यावरणीय आंदोलन के वर्षगाँठ के रुप में चिन्हित किया गया।

लोगों के समक्ष पर्यावरणीय मुद्दे को रखने के साथ ही युद्ध-विरोधी आंदोलन को नियंत्रित करना, दूसरे जीव-जन्तु, स्व-बोध के लिये लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लिये पृथ्वी दिवस 1970 की स्थापना की गयी थी। 1969 में कैलिफोर्निया के सेंट बारबरा में संस्थापक गेलॉर्ड नेल्सन (विस्कॉन्सिन से एक यू.एस सीनेटर) के द्वारा पृथ्वी दिवस उत्सव के कार्यक्रम के स्थापना के पीछे एक बड़ी त्रासदी, भारी तेल गिराव की त्रासदी थी। इस त्रासदी ने हवा, पानी और मिट्टी के प्रदूषण के लिए जन चेतना बढ़ाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के उपायों को लागू करने की दिशा में गेलॉर्ड नेल्सन को नेतृत्व करने की प्रेरणा दी।

पृथ्वी दिवस के रुप में क्यों 22 अप्रैल को ही मनाया जाता है?

हमारी पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ आज भी जीवन संभव है। धरती पर जीवन को बचाये रखने के लिये पृथ्वी की प्राकृतिक संपत्ति को बनाये रखना बहुत जरुरी है। इस भीड़ में, भगवान द्वारा बनायी गयी सबसे बुद्धिमान कृति इंसान हैं, अपनी मानवता और अपने ग्रह का ध्यान रखना भूल गया है। धरती जिसने इसको जीवन दिया, आज वो उसी धरती के संसाधनों का निर्दयतापूर्वक इस्तेमाल कर रहा है। अपने ग्रह के महत्व के बारे में मानव जाति को जागरुक करने के लिय पृथ्वी दिवस के रुप में 22 अप्रैल को चिन्हित किया गया है।

धरती पर लोगों के रहन-सहन के लापरवाह नजरिये के साथ ही औद्योगिकीकरण की दिनों-दिन बढती दर के बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये विस्कॉन्सिन से यूएसए सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने इस दिन की नींव रखी। उनके द्वारा यह कदम अपने ग्रह की संपत्ति का सम्मान, प्रोत्साहन करने के साथ ही लोगों के बीच प्राकृतिक संतुलन के विचार को बढ़ाने के लिये लिया गया। हमेशा स्वस्थ और जीवित रहने के लिये पर्यावरणीय मसलों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है क्योंकि क्रूर लोग निर्दयतापूर्वक इसके संसाधनो का प्रयोग कर रहें हैं और शताब्दियों से इसके जीवन समर्थक संसाधनों को जर्जर कर रहें हैं।

इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण ओजोन परत में क्षरण है जो हमें सूर्य की घातक किरणों से बचाता है। उद्योगों से निकलने वाले जहरीले पदार्थों को मिलने से नदियों का सूखना, पर्यावरण दूषित होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है जो भूमणडलीय तापक्रम में वृद्धि की ओर ले जा रहा है। रोजाना बढ़ते औद्योगिकीकरण वनों की कटाई की ओर ले जा रहें हैं जो अंतत: धरती के तापमान को बढ़ाने का कारण बनेगा।

जो धरती पर स्वाश्वत जीवन के लिये खतरा है जिसको कुछ छोटे उपायों को अपनाकर कम किया जा सकता है, जैसे पेड़-पौधे लगाना, वनों की कटाई को रोकना, वायु प्रदूषण को रोकने के लिये वाहनों के इस्तेमाल को कम करना, बिजली के गैर-जरुरी इस्तेमाल को घटाने के द्वारा ऊर्जा संरक्षण को बढ़ाना। यही छोटे कदम बड़े कदम बन सकते हैं अगर इसे पूरे विश्वभर के द्वारा एक साथ अनुसरण किया जाये।

आज के दिनों में, सब कुछ या तो प्लास्टिक के थैलों में पैक होता है या दुकानदार के द्वारा इसमें दिया जाता है। प्लास्टिक थैलों का उत्पादन दिनों-दिन बढ़ता चला जा रहा है जो कि हमारे लिये एक बहुत ही शर्मनाक स्थिति है क्योंकि इन वस्तुओं का निष्पादन नहीं किया जा सकता है। एक बड़ी चिंता के रुप में पर्यावरण आंदोलन को चिन्हित करने के लिये 22 अप्रैल 1970 को यूएस में पृथ्वी दिवस का पहला उत्सव मनाया गया।

अमेरिका के कॉलेज परिसरों से छात्र समूह जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए तथा पर्यावरण ह्रास का विरोध करने के लिए भाग लिया था। दूसरे समूह ने तेल गिरावट, जहरीले सामानों का निष्पादन, औद्योगिकीकरण के कारण वायु और जल प्रदूषण, कच्चा मैला, कीटनाशकों के इस्तेमाल और उत्पादन इत्यादि के लिये भी विरोध किया था। तब से 22 अप्रैल को आधिकारिक रुप से पृथ्वी दिवस के रुप में मनाना जारी है।

Monday, April 4, 2022

World Health Day 2022 (07 April 2022)

 विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022



हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरुआत 1950 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा की गई थी। जिसका मुख्य उद्देश्य था लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूक करना। हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस की एक थीम निर्धारित की जाती है। 


विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 की थीम

बता दें कि इस साल स्वास्थ्य दिवस का थीम है हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य (Our Planet, Our Health) तथा 2021 की थीम निष्पक्ष, स्वस्थ दुनिया का निर्माण (Building a fairer, healthier world)। वहीं साल 2020 की थीम की बात करे तो डब्लूएचओ ने  कोविड 19 की जंग के खिलाफ दुनिया को स्वस्थ रखने के लिए उन नर्सों और मिडवाइव्स के योगदान को सम्मान के रूप में रखा गया था। इसके लिए आखिरी साल सपोर्ट नर्सेज एंड मिडवाइव्स थीम रखी गई। 

पहली बार कब मनाया गया वर्ल्ड हेल्थ डे

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी शुरुआत 7 अप्रैल 1948 को की थी। इतना ही नहीं इस दिन WHO की पहली सभी भी हुई थी। वहीं 1950 से हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाने लगा। इस साल जो स्वास्थ्य दिवस पड़ रहा है वो 71वां हेल्थ डे है। हर साल एक खास थीम का चुनाव होता है। साल 1995 की थीम की बात करें तो वह है- वैश्विक पोलियो उन्मूलन तब से अब तक इस घातक बीमारी से ज्यादातर देश मुक्त हो सके। 

7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे मनाने का कारण

दुनिया भर में लाखों-करोड़ों लोग दिल की बीमारी, कुष्ठ, टीबी, पोलियो, नेत्रहीनता, मलेरिया, एड्स जैसे भयानक रोगों के शिकार है। इसके साथ ही कोरोना का कहर भी तेजी से फैलता जा रहा है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूर्ण स्वस्थ होना ही मानव स्वास्थ्य की परिभाषा है। जिसके कारण हर किसी को इसके तहत जागरुक करना है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस को वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजों के बारे में लोगों को अवगत कराना है। दुनिया भर के लोगों के स्वास्थ्य को समर्पित इस दिन की लोग एक-दूसरे को शुभकामना संदेशों के जरिए बधाई भी देते हैं। 

अच्छे स्वास्थ्य के बिना,
संसार के सब सुख व्यर्थ हैं।
विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं

सबसे पहले रखो अपने शरीर का ध्यान,
फिर करो और सारे काम...
विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं

योग और व्यायाम अपनाओ,
खुद को स्वस्थ-निरोगी बनाओ.
विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं

Saturday, March 26, 2022

BOOK DONATION DRIVE IN KV NO 2 JAIPUR (26 MARCH 2022)

 पुस्तकोउपहार कार्यक्रम 


केंद्रीय विधालय  क्रमांक 2, आर्मी एरिया, झोटवाडा, जयपुर मे आज दिनांक 26 मार्च 2022 को रिजल्ट के दिन पुस्तकोउपहार का आयोजन किया जिसमे बहुत सारे विधार्थीयो ने पुस्तके उपहार के रुप मे प्रदान की तथा बहुत सारे विधार्थीयो ने पुस्तके उपहार के रुप मे ग्रहण की, इस कार्यक्रम मे  प्राचार्य श्री बाबू सिह राठौड़, श्री एम. बी. अग्रवाल, डॉ. एस. के. सिंघल, श्री सतीश चन्द शर्मा, श्री महेंद्र कुमार भूकर, श्री ओमकार मल, अभिभावकगण तथा अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित रहे ।  

Tuesday, March 22, 2022

WORLD WATER DAY (22 MARCH 2022)

 विश्व जल दिवस 2022


हर वर्ष के तरह इस वर्ष भी 22 मार्च के दिन विश्व जल दिवस पर देश भर में तमाम तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। वर्ष 1933 से विश्व भर में मनाये जा रहे इस दिन को आज के समय में भी काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। देश भर में विश्व जल दिवस को लेकर अभी से तैयारियां शुरु कर दी गयी है।


The World Water Day theme 2022 is 

"GROUNDWATER – MAKING THE INVISIBLE VISIBLE."

इसी के तहत राजस्थान के जैसलमेर में दिनदयाल शोध संस्थान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली के तत्वाधान में जल संरक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ भुवनेश जैन द्वारा जल संस्कृति पर आधारित प्राचीन तकनीकों पर प्रकाश डाला गया। इसके साथ ही इस कार्यक्रम में जल संरक्षण के अच्छे प्रभावों पर भी चर्चा की गयी की क्यों यह आवश्यक है और इनका महत्व क्या है।

इसी तरह विश्व जल दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में भी विश्व जल दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रकृति के दोहन को रोकने और जल संरक्षण का संकल्प लेते हुए गायत्री महाकुंड में यज्ञ किया। ग्रामीणों ने इस बात पर सहमति जताई कि वृक्ष तथा पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों के प्रति हमारे मन में श्रद्धा होनी चाहिए।

पूरे विश्व के लोगों द्वारा हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा के द्वारा इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने का निर्णय किया गया। लोगों के बीच जल का महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रुप में मनाने के लिये इस अभियान की घोषणा की गयी थी।

इसे पहली बार वर्ष 1992 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में “पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन” की अनुसूची 21 में आधिकारिक रुप से जोड़ा गया था और पूरे दिन के लिये अपने नल के गलत उपयोग को रोकने के द्वारा जल संरक्षण में उनकी सहायता प्राप्त करने के साथ ही प्रोत्साहित करने के लिये वर्ष 1993 से इस उत्सव को मनाना शुरु किया।

विश्व जल दिवस क्यों मनाया जाता है

यह अभियान यूएन अनुशंसा को लागू करने के साथ ही वैश्विक जल संरक्षण के वास्तविक क्रियाकलापों को प्रोत्साहन देने के लिये सदस्य राष्ट्र सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाया जाता हैं। इस अभियान को प्रति वर्ष यूएन एजेंसी की एक इकाई के द्वारा विशेष तौर से बढ़ावा दिया जाता है जिसमें लोगों को जल मुद्दों के बारे में सुनने व समझाने के लिये प्रोत्साहित करने के साथ ही विश्व जल दिवस के लिये अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का समायोजन शामिल है। इस कार्यक्रम की शुरुआत से ही विश्व जल दिवस पर वैश्विक संदेश फैलाने के लिये थीम (विषय) का चुनाव करने के साथ ही विश्व जल दिवस को मनाने के लिये यूएन जल उत्तरदायी होता है।

यूएन सदस्य राज्य और एजेंसी सहित, जल के सभी जटिल मुद्दों के पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिये स्वच्छ जल संरक्षण के प्रोत्साहन में विभिन्न एनजीओ और गैर-सरकारी संगठन भी शामिल होते हैं। इस कार्यक्रम को मनाने के दौरान, जल से संबंधित सभी मुद्दों को जनता के सामने उजागर किया जाता है जैसे किस तरह से साफ पानी लोगों की पहुँच से दूर हो रहा है आदि।

विश्व जल दिवस कैसे मनाया जाता है

पर्यावरण, स्वास्थ्य, कृषि और व्यापार सहित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में जल के महत्व की ओर लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लिये पूरे विश्व भर में विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इसे विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और क्रियाकलापों के आयोजनों के द्वारा मनाया जाता है जैसे दृश्य कला, जल के मंचीय और संगीतात्मक उत्सव, स्थानीय तालाब, झील, नदी और जलाशय की सैर, जल प्रबंधन और सुरक्षा के ऊपर स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परिचर्चा, टीवी और रेडियो चैनल या इंटरनेट के माध्यम से संदेश फैलाना, स्वच्छ जल और संरक्षण उपाय के महत्व पर आधारित शिक्षण कार्यक्रम, प्रतियोगिता तथा ढ़ेर सारी गतिविधियाँ। नीले रंग की जल की बूँद की आकृति विश्व जल दिवस उत्सव का मुख्य चिन्ह है।

Monday, March 7, 2022

International Women's Day (08 March 2022)

              अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

हमारे जीवन में वैसे तो हर व्यक्ति का अपना-अपना खास स्थान है, लेकिन महिलाएं हमारे जीवन में कई अहम रोल निभाती हैं। कभी मां के रूप में, कभी बहन के रूप में, तो कभी एक पत्नी के रूप में। महिलाओं के सम्मान में ही हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने, उनकी जागरुकता बढ़ाने जैसे कई विषयों पर जोर दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर साल 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? आखिर इसके पीछे ऐसी क्या वजह है, तो चलिए इस बारे में जानते हैं।



ऐसे हुई शुरुआत

साल 1908 में एक मजदूर आंदोलन के बाद ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी, क्योंकि काफी संख्या में महिलाओं ने न्यूयॉर्क में इस बात को लेकर मार्च निकाला था कि उनकी नौकरी के घंटे कम किए जाए और साथ ही उनका वेतनमान भी बढ़ाया जाए। महिलाओं के इस आंदोलन को सफलता मिली, और एक साल बाद ही सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया, जिसके बाद इसकी शुरुआत हो गई।

8 मार्च ही क्यों?

सबसे मन में ये सवाल जरूर उछल-कूद करता है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए 8 मार्च ही क्यों? तो यहां आपको बता दें कि साल 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान 28 फरवरी को रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल की थी। यही नहीं, हड़ताल के दौरान उन्होंने अपने पतियों की मांग का समर्थन करने से भी मना कर दिया था, और उन्हें युद्ध को छोड़ने के लिए राजी भी कराया था।

इसके बाद वहां के सम्राट निकोलस को अपना पद छोड़ना पड़ा था, और साथ ही महिलाओं को मतदान का अधिकार भी प्राप्त हुआ था। जैसे कि ये विरोध 28 फरवरी को किया गया था और यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थी। इसी वजह से इसी दिन यानी 8 मार्च को ही हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।

क्या है महत्व?

हमारा समाज जितना भी जागरूक हो जाए, लेकिन आज भी महिलाएं अपने सम्मान के हक की लड़ाईयां लड़ते हुए नजर आती हैं। ऐसे में महिलाओ को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसी चीजों के प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। जब हमारे समाज में महिलाओं को बराबरी का हक मिलेगा, वो सम्मान से इस समाज में रह पाएंगी, तभी तो हमारा समाज एक सभ्य समाज कहलाएगा।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की यह सफलता निश्चित ही संतोष प्रदान करती है। ऐसे में यह भी आवश्यक है कि सुदृढ़ समाज और राष्ट्र के हित में महिला, पुरुष के मध्य प्रतिद्वंद्विता स्थापित नहीं की जाए वरन सहयोगात्मक संबंध बढ़ाए जाएं। शिक्षित एवं संपन्न महिलाओं को चाहिए कि वे पिछड़ी महिलाओं के लिए जो भी कर सकती हैं करें। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की दशा सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है क्योंकि महिलाओं की समस्याएं महिलाएं ही भलीभांति समझती हैं इसलिए शिक्षित एवं संपन्न महिलाएं इस दिशा में विशेष योगदान दे सकती हैं। निश्चित ही इस संदर्भ में पुरुषों को भी अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहना होगा।

Thursday, March 3, 2022

World Wildlife Day 2022 (03 March 2022)

 विश्व वन्यजीव दिवस 2022


हर साल पूरी दुनिया में 3 मार्च को ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ मनाया जाता है. ऐसे में कल इस दिन को मनाया जाएगा. इस दिन को मनाने का उद्देश्‍य दुनियाभर में तेजी से विलुप्त हो रही वनस्पतियों और जीव जन्तुओं की प्रजातियों की सुरक्षा के लिए लोगों में जागरूकता (Awareness) पैदा करना है. जैव विविधता की समृद्धि ही धरती को रहने व जीवनयापन के योग्य बनाती है लेकिन समस्या यह है कि लगातार बढ़ता प्रदूषण, वातावरण पर इतना खतरनाक प्रभाव डाल रहा है कि जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही हैं. भारत में इस समय 900 से भी ज्यादा दुर्लभ प्रजातियां खतरे में बताई जा रही हैं. यही नहीं, विश्व धरोहर को गंवाने वाले देशों की लिस्ट में दुनियाभर में भारत का चीन के बाद 7वां स्थान है.


विश्व वन्यजीव दिवस का इतिहास

जानवरों और पेड़-पौधों की खराब दुर्दशा को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2013 के 20 दिसंबर को 68वें सत्र में 03 मार्च के दिन को ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ के रूप में अपनाए जाने की घोषणा की थी. 3 मार्च को विलुप्तप्राय वन्यजीव और वनस्पति के व्यापार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को स्वीकृत किया गया था. वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने के लिए पहली बार साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) पारित हुआ था. तब से लेकर आज तक हर साल 3 मार्च को पूरी दुनिया में वन्‍य जीव को संरक्षित करने और इसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्‍य से इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है.

विश्व वन्यजीव दिवस की थीम

विश्व वन्यजीव दिवस के प्रति लोगों को जागरूक करने लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा हर साल एक थीम जारी की जाती है, जिससे कि विलुप्त हो रहे वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं की प्रजातियों की सुरक्षा के लिए लोगों में जागरूकता पैदा की जा सके. विश्व वन्यजीव दिवस 2022 की थीम है- पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को पुनर्प्राप्त करना (Recovering Key Species For Ecosystem Restoration).

क्यों मनाया जाता है विश्व वन्यजीव दिवस

विश्व वन्यजीव दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में वन्यजीवों की सुरक्षा और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है. इस बात को समझना होगा कि पृथ्वी पर जैव विविधता को बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है कि हम धरती के पर्यावरण संबंधित स्थिति के तालमेल को बनाए रखें और इसके लिए वातावरण में पेड़-पौधों के साथ साथ वन्यजीव का होना भी जरूरी है.

"चलो एक पहल चलाये, सारे जीवो को बचाए.।"

"जीव- जंतुओ को बचाओ, सच्ची मानवता का धर्म निभाओ.।" 

"वन्य जीवों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है..।"

Monday, February 28, 2022

National Science Day 2022 ( 28 Feb. 2022)

 National Science day 2022


We observe National Science Day in India on 28th February every year to commemorate the important contribution of science, scientists and scientific progressions in our life.


Themes of National Science day 2022

'Integrated Approach in Science and Technology for Sustainable Future'

If we describe’ Science’ shortly, then it would be, the systematic knowledge based on experimental observations for an investigation, which is derived from the Latin word. The world-famous scientist once said – Science is blind without religion and religion is handicapped without science. Yes, it is absolutely correct and we must say the whole world is tied with the strong rope of science.

As we know nowadays science and applied science developing gradually & it is helping us to lead our life much better and easier. So, we can’t avoid science at all. It is a very important day to recall all the memory which science has given to us. Definitely, I will say that we must know about this Indian National Science Day.

History of National Science Day

The most eminent and outstanding Indian scientist Sir Chandrasekhar Venkat Raman (famously known as CV Raman) established his experimental thesis known as ‘ Raman Effect’, which he declared officially on 28th February in 1928.

He did a great discovery and globally became known for this contribution. Due to his discovery of the Raman Effect, he was honoured and awarded,

  • The world-famous ‘Nobel Prize’ in 1930 in physics and he was the first Asian to receive this award in physics.
  • Respectfully awarded with the 1st ‘Bharat Ratna’ award in 1954.
  • And was also greatly honoured with the greatest award of Russia’ Lenin Peace’ in the year 1956.

The National Council for Science & Technology Communication made a proposal to our central government to observe National Science Day every year on 28th February to commemorate CV Raman’s great historic discovery Raman Effect.

Thereafter our government agreed to their declaration in 1986 and announced to celebrate National Science Day according to NCSTC’s proposal date. Then in 1987 on February 28 the first National Science Day was observed countrywide.

Objectives and purpose of celebrating this day

The main objective of this National Science Day is to aware people of our country about science. Add to this, it inspires children or students to choose science as their career. We can’t ignore them as they are our future to lead our nation in a progressive way. Many science-related programmes are organised to attract and inspire the thirsty students.

Likewise, our future generations by their extraordinary efforts achieve glorious success in the field of science and then yes, it will be our nation’s pride. The celebration purpose is to support and inspire new innovations of innovative scientists or students. The important aim of this celebration also is to make known publicly about the importance of science and scientific achievement of the whole world.

Monday, February 7, 2022

Safer Internet Day (08 February 2022)

सुरक्षित इंटरनेट दिवस


आज इंटरनेट हर किसी की अहम जरूरत बन गया है. किसी भी जानकारी को हासिल करना हो , रुपयो का ट्रांसफर करना हो सब जगह इंटरनेट का इस्तेमाल होता है. वहीं इंटरनेट के बढ़ते चलन के साथ ही इसके दुरुपयोग के मामलों में भी बेतहाशा इजाफा हुआ है साथ ही साइबर अपराध के मामले भी बढ़े हैं. सेफर इंटरनेट डे के दिन लोगों को इंटरनेट के सुरक्षित इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाता है.

Theme of safer Internet Day 2022 : "Together for a better internet"

8 फरवरी, 2022  यानी आज दुनियाभर में सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाया जा रहा है. यह सभी के लिए ऑनलाइन सुरक्षित रहने के महत्व को पहचानने का अवसर है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य ऑनलाइन प्रौद्योगिकी और मोबाइल फोन के सुरक्षित और अधिक जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देना है.  गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर काफी चर्चा और बहस हो रही कैसे साल 2020 इंटरनेट सुरक्षा के मामले में आगे बढ़ा है. दरअसल प्रौद्योगिकी के इस युग में, वर्तमान पीढ़ी लगभग हर चीज के लिए इंटरनेट पर निर्भर है और इस वजह से साइबर क्राइम भी बढ़ा है.

कब हुई सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाने की शुरुआत

पिछले साल, कोरोना संकट के दौरान वर्क फ्राम होम  के कारण साइबर हमलों में भी इजाफा हुआ और साल 2022 में इसमें और इजाफा होने की आशंका है. इसे ध्यान में रखते हुए, 8 फरवरी को सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाया जा रहा है. बता दें कि इस दिवस की शुरुआत पहली बार 2004 में यूरोप में हुई थी. बाद में 2009 तक, यह यूरोप के बाहर दुनिया भर में मनाया जाने लगा. वर्तमान में, 150 से अधिक देश वैश्विक स्तर पर सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाते हैं.

इस दिवस पर  जागरूकता फैलाने के साथ ही लोगों को साइबर हमलों का सामना करने के लिए शिक्षित किया जा सकता है.  कई संगठन सेफर इंटरनेट दिवस पर ऑनलाइन सेफ्टी को लेकर वेबिनार या पॉडकास्ट भी होस्ट करते हैं.

इंटरनेट के भारत में इस्तेमाल को लेकर OLX ने जारी की रिपोर्ट

बता दें कि भारतीयों के इंटरनेट उपयोग की आदतों पर OLX द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक , महामारी की वजह से भारतीयों के इंटरनेट उपयोग में 50% की वृद्धि हुई है और इसके कारण 61% भारतीय घरों में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि निजता के अधिकार पर फोकस करते हुए 81% भारतीय इंटरनेट यूजर्स को कुछ ऐप का नहीं करने के लिए कहा गया. इसके अलावा, 45% यूजर्स ने कहा कि वे किसी भी समाचार या सूचना को ऑनलाइन शेयर करने से पहले उसे वेरिफाई करते हैं.

इंटरनेट सर्फिंग करने को लेकर की गई रिसर्च

वहीं स्टडी के मुताबिक, 58% रेस्पॉन्डेंट्स ने कहा कि उनके परिवार के सभी सदस्य अक्सर इंटरनेट का उपयोग करते हैं, जबकि 15% ने कहा कि उनके घर में इंटरनेट के पाइमरी यूजर्स बुजुर्ग सदस्य थे. इस बीच, 82% ने कहा कि वे बढ़े हुए साइबर धोखाधड़ी के बारे में जानते हैं जो महामारी के दौरान उत्पन्न हुए थे. परिणामस्वरूप, कुछ ने सावधानी बरती. जबकि 57% यूजर्स ने कहा कि वे अब नकली या भ्रामक लिंक के साथ संदिग्ध मैसेज, ईमेल या कम्यूनिकेशन के किसी भी रूप को ओपन नहीं करते हैं, 45% ने कहा कि वे अब ऑनलाइन शेयर की गई किसी भी समाचार या जानकारी को वेरिफाई जरूर करते हैं.

08 फरवरी को सेफर इंटरनेट डे यानी इंटरनेट सरक्षा दिवस बनाया जाता है। तो चलिए हम आपको ऑनलाइन दुनिया में सुरक्षित रहने के कुछ उपाय बताते हैं।

मजबूत पासवर्ड और टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन

एक मजबूत पासवर्ड रखना जरूरी है और अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर आपके पासवर्ड एक जैसे नहीं होने चाहिए। ट्विटर, फेसबुक और गूगल जैसे कंपनियां अकाउंट कीह अतिरिक्त रूप से सुरक्षित रखने के लिए टू फैक्टर आथेंटिकेशन (दो कारक प्रमाणीकरण) की सुविधा देती हैं। तो आपके लिए बेहतर है कि आप टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।

 स्पैम, घोटालों और फिशिंग (फंसने) से सावधान रहें

आप इस बात का ध्यान रखें कि आप कहां हैं। जो भी लिंक आपके पास हो उसकी जांच करें, वेबसाइटों पर पॉप-अप्स से सावधान रहें। यदि आप कुछ ऑनलाइन यह देखते हैं कि आापने कुछ जीता है, और ऐसा लगता है कि यह सत्य है, लेकिन काश ऐसा होता। फिशिंग स्कैमर बड़ी संख्या में लोगों को जालसाजी वाले मैसेज भेजते हैं ताकि उनकी निजी जानकरी जैसे पासवर्ड आदि हासिल कर सकें।

कोई ईमेल या वेबसाइट दिखने के लिए वैध हो सकती है। आप ई-मेल के स्रोत के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए ईमेल के हैडर्स की जांच कर सकते हैं, और आपको नए या अप्रत्याशित ईमेलों के बारे में संदेह होना ही चाहिए। उदाहरण के तौर पर यदि आपके पास ट्विटर के नाम से ई-मेल आता है और उसमें कोई अटैचमेंट है जो आप सावधान हो जाएं, क्योंकि ट्विटर अटैचमेंट्स के साथ ईमेल नहीं भेजता है।

कूकीज पर नजर

आप अपने डाटा को सुरक्षित रखना चाहते है, तो आपको ब्राउजिंग कूकीज पर नजर बनाए रखनी होगी। क्योंकि ये कूकीज ही अन्य साइट्स को आपकी जानकारी देती हैं। प्राइवेसी टूल आपकी कूकीज पर पूरी तरह से नजर बनाए रखता है। इसके अलावा आप ब्राउजर के सिक्योरिटी फीचर्स का भी उपयोग कर सकते हैं। इससे आपका डाटा कभी लीक या चोरी नहीं होगा।

साइट सिक्योर है या नहीं

जब भी आप किसी वेबसाइट पर जाते है, तो आपको उसके यूआरएल पर जरूर ध्यान देना होगा। आपको बता दें कि सुरक्षित साइट्स के यूआरल की शुरुआत https से होती है। अगर आपको यूआरल में सिर्फ http दिखता है, तो आपको इन वेबसाइट से बचना चाहिए। वहां एस (S) का मतलब है कि वेबसाइट पूरी तरह से सिक्योर है।

विज्ञापन पर कड़ी नजर

भूलकर भी किसी ऐसे विज्ञापन पर क्लिक ना करें, जो मोबाइल या कंप्यूटर में वायरस की जानकारी देता है। हैकर्स अक्सर इस तरह के विज्ञापनों का इस्तेमाल कर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। अगर आप इन विज्ञापन पर क्लिक कर जानकारी एंटर करते है, तो इससे आपको चूना लग सकता है। 

Saturday, February 5, 2022

Basant Panchami Celebrated in KV No 2 Jaipur on 05 February 2022

05 फरवरी 2022 को केंद्रीय विधालय क्रमांक 2 जयपुर मे बसंत पंचमी का त्यौहार बडे धुमधाम के साथ मनाया गया जिसमे केंद्रीय विधालय के उप प्राचार्य श्री बाबू  सिह  राठौड़, श्रीमती मधु रितु, प्रधानाध्यापिका  तथा अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे । कार्यक्रम  मे विधार्थी भी उपस्थित रहे जो विधार्थी विधालय नही आये वे घर से ओंन लाईन माध्यम से जुडे हुए थे । 

Friday, February 4, 2022

विश्व  कैंसर  दिवस


विश्व भर में 04 फरवरी को हर साल  विश्व  कैंसर  दिवस  मनाया जाता है।   इस वर्ष विश्व कैंसर दिवस मनाने के लिए प्रतिवर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है। इस बार की थीम क्लोज द केयर गैप (Close The Care Gap) है। इस थीम के साथ यह दिन पूरे विश्‍व में मनाया जाएगा।

Theme of World Cancer Day 2022 :  "Close The Care Gap"


दुनिया की सभी जानलेवा बीमारियों में कैंसर सबसे ख़तरनाक है क्योंकि कई बार इसके लक्षणों का पता ही नहीं चलता। जब इस बिमारी के होने का खुलासा होता है, तब तक काफी देर हो चुकी है और कैंसर पूरे शरीर में फैल चुका होता है। इसी वजह से कई लोगों को उचित इलाज का समय ही नहीं मिल पाता और उनकी मौत हो जाती है। अगर वक्त पर कैंसर की बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। साल 2018 में कैंसर की बीमारी की वजह से दुनियाभर में 96 लाख से ज़्यादा मौतें हुई थीं।

विश्व कैंसर दिवस की स्थापना अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) द्वारा की गई। यह एक अग्रणीय वैश्विक एनजीओ है। इसका लक्ष्य विश्व कैंसर घोषणा, 2008 के लक्ष्यों की प्राप्ति करना है। अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) की स्थापना साल 1933 में हुई थी। इस दिवस पर विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कैंसर से बचाव के विभिन्न अभियान चलाए।

इसके पूर्व पहचान या रोकथाम के लिए कैंसर से बचाव के उपाय और ख़तरों के बारे में आम लोगों को जागरुक करने के लिए विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। लोगों को लगता है कि यह बीमारी छूने से फैलती है इसलिए कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को समाज में घृणा और अछूत के रूप में देखा जाता है। आम लोगों में कैंसर से संबंधित विभिन्न प्रकार के सामाजिक मिथक हैं जैसे कि कैंसर पीड़ित के साथ रहने या स्पर्श से उन्हें भी ये घातक बीमारी हो सकती है। इस तरह के मिथक को ख़त्म करने के लिए भी ये दिन मनाया जाता है। इसके होने के कारण, लक्षण और उपचार आदि जैसे कैंसर की सभी वास्तविकता के बारे में सामान्य जागरुकता बनाने के लिए इसे मनाया जाता है।

लोगों को जागरुक करने के लिए इस दिन पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं कि कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को अलग से उपचारित न किया जाए, उन्हें समाज में एक आम इंसान की तरह जीने का अधिकार होना चाहिए और कोई भी रिश्ता उनके लिए बदलना नहीं चाहिए। अपने रिश्तेदारों के द्वारा उनकी हर इच्छाओं को पूरा करना चाहिए भले ही उनके जीने की उम्मीद कम क्यों न हों। ये बहुत ज़रूरी है कि उन्हें एक आम इंसान की तरह अच्छा महसूस कराना चाहिए और ऐसा प्रतीत नहीं कराना चाहिए जैसे उनको कुछ उपचार दिया जा रहा है क्योंकि वो मरने वाले हैं। उन्हें आत्म-सम्मान को महसूस करने की ज़रूरत है और अपने समाज और घर में एक सामान्य वातावरण की ज़रूरत है।

कैंसर पर नियंत्रण पाना ज़रूरी

आंकड़ों के अनुसार, ये ध्यान देने योग्य है कि ज्यादातर कैंसर के मामले और मौतें (47% और 55% क्रमश:) विश्व के कम विकसित क्षेत्रों में सामने आए हैं। अगर ये नियंत्रित नहीं किया गया, तो 2030 तक ये और खतरनाक स्तर पर पहुंच सकती हैं। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है कि इसे दुनिया के हर कोने में नियंत्रित किया जाए।

कैंसर की उपस्थिति के ख़तरे को घटाने के लिए अपनी अच्छी जीवनशैली, नियंत्रित आहार, नियमित वर्कआउट के बारे में इस कार्यक्रम के दौरान लोगों को अच्छे से बढ़ावा दिया जाता है। उन्हें अपने शराब की लत, अस्वास्थ्यकर आहार और शारीरिक स्थिरता से मुक्त कराने के लिए बढ़ावा दिया जाता है।

कैंसर के कारण

कैंसर होने के कई कारण होते हैं। हालांकि इनमें सबसे आम कारणों में धूम्रपान, तम्बाकू, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, खराब डाइट, एक्स-रे से निकली रेज, सूरज से निकलने वाली यूवी रेज, इंफेक्शन, फैमिली के जीन आदि होते हैं।

Saturday, January 29, 2022

Martyr's Day (30 January 2022)

 शहीद दिवस

30 जनवरी भारतीय इतिहास का अहम दिन है। 1948 में इसी दिन नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी पुण्यतिथि को हर साल शहीद दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। वैसे आपको बता दें कि 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है क्योंकि उसी दिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी। इस दिन महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर में कई सभाएं आयोजित की जाती है। साथ ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित देश के कई गणमान्य नागरिक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए भी जाते हैं।


अक्सर लोगों के मन में ये विचार आ रहा है कि आखिर 23 मार्च को भी तो शहीद दिवस मनाया जाता है और वह 30 जनवरी से आखिर कैसे अलग हैं। तो आपको बता कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, वहीं 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी, इसलिए इन अमर शहीदों की याद में 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है। 30 जनवरी, 1948 की शाम में बिड़ला हाउस में नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या कर दी। नाथूराम गोडसे से गांधीजी की हत्या करने से पहले उनके पैर भी छुए थे। जब गांधीजी की हत्या की गई थी, तब उनकी उम्र 78 साल थी। नाथूराम गोडसे भारत के विभाजन को लेकर गांधीजी के विचार से सहमत नहीं था।

महात्मा गांधी के बारे में 

* महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा गुजरात से हासिल की और बॉम्बे यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की।

* गांधीजी वकालत की पढ़ाई करने 4 सितंबर, 1888 को लंदन गए।

* 1893 में गांधीजी एक साल के अग्रीमेंट पर दक्षिण अफ्रीका गए। वहां उन्होंने देखा कि दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के साथ बहुत ही अपमानजनक व्यवहार किया जाता था। वह भी भेदभाव का शिकार हुए।


* गांधीजी 1916 में भारत लौटे और अपना पूरा जीवन भारत के स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित कर दिया।

* स्वतंत्रता संग्राम में चंपारण आंदोलन उनकी पहली उपलब्धि थी जिसे 1918 में शुरू किया गया था।

* उन्होंने 1920 में असहयोग आंदोलन भी चलाया था। लेकिन आंदोलन के दौरान हिंसा की कुछ घटना सामने आने के बाद इसको असफल माना गया।

* उसके बाद 1930 में गांधीजी ने सिविल अवज्ञा आंदोलन चलाया जिसे दांडी यात्रा के नाम से जाना गया।

* 1942 में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया और जिसे उनके जीवन का सबसे सफल और सबसे बड़ा आंदोलन कहा जाता है।



Tuesday, January 25, 2022

National Voter Day (25 January 2022)

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 


हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। भारत निर्वाचन आयोग इस साल पूरे देश में 11वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाएगा। 25 जनवरी 2011 में तात्कालिक राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' का शुभारंभ किया था। राष्ट्रीय मतदाता दिवस को 25 जनवरी के ही दिन इस लिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन साल 1950 में चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी। चुनाव आयोग के 61 वें स्थापना दिवस के दिन मतदाता दिवस की शुरुआत की गई।


राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उद्देश्य

इस दिन मतदाताओं को जागरुक किया जाता है कि हर एक वोट देश की तरक्की के लिए जरूरी होता है। मतदाता दिवस मनाने का उद्देश्य पात्र मतदाताओं की पहचान कर उन्हें मत देने के लिए प्रोत्साहित करना है। लोकतांत्रिक देश के नागरिकों को उनके कर्तव्य को याद दिलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।

 मतदाता दिवस को कैसे मनाया जाता है?

मतदाता दिवस के दिन देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में पात्र मतदाताओं की पहचान की जाती है। पात्र मतदाताओं में 18 साल की उम्र के हो चुके युवा शामिल किए जाते हैं। इन मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में दर्ज करके उन्हें निर्वाचन फोटो पहचान पत्र सौंपे जाते हैं। हर साल मतदाता दिवस के दिन वोटरों को मतदान करने की शपथ भी दिलाई जाती है ताकि वह एक नागरिक के तौर पर लोकतंत्र की रक्षा के लिए जागरूक रहें।

इस दिन चुनाव आयोग हर साल वोटरों को वोट के प्रति जागरूक बनाने के लिए 18 साल के हो चुके युवाओं की पहचान कर पहचान पत्र सौंप कर वोट (vote) देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. हर साल वोटर डे पर एक थीम रखी जाती है. इस साल की थीम (voter day Theme) है. ‘चुनावों को समावेशी, सुलभ और सहभागी बनाना’. भारत निर्वाचन आयोग इस साल पूरे देश में 11वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाएगा.

National Tourism Day (25 January 2022)

 राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 


भारत विविधताओं का देश है। यहां पर्यटन स्थलों की भरमार है। दुनियाभर के पर्यटकों की नजर भारत के पर्यटन स्थलों पर रहती है। भारत के पर्यटन स्थलों के प्रचार प्रसार के लिए हर साल 25 दिसंबर को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए पर्यटन दिवस मनाने का फैसला लिया। भारतीय पर्यटन से करोड़ों लोगों को रोजगार मिलता है तो वहीं देश की जीडीपी में भी बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा पर्यटन दिवस के जरिए देश विदेश तक भारत की ऐतिहासिकता, खूबसूरती, प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति का प्रचार प्रसार होता है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक कई पर्यटन स्थल हैं जो यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पर्यटन दिवस इन्हीं आकर्षण को दुनिया के सामने लाने का एक जरिया है।


पर्यटन दिवस मनाने की कब से हुई शुरुआत

वैसे तो पूरी दुनिया में विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाता है लेकिन भारत का पर्यटन दिवस 25 जनवरी को होता है। इस दिन की शुरुआत 1948 में ही हो गई थी, जब देश आजाद होने के बाद भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक पर्यटन यातायात समिति का गठन किया गया। इसके तीन साल बाद यानी 1951 में कोलकाता और चेन्नई में पर्यटन दिवस के क्षेत्रीय कार्यालयों में बढ़ोतरी की गई। दिल्ली, मुंबई के अलावा कोलकाता और चेन्नई में पर्यटन कार्यालय बनाए गए। साल 1998 में पर्यटन और संचार मंत्री के अंतर्गत पर्यटन से एक विभाग जोड़ा गया।\

पर्यटन दिवस मनाने के उद्देश्य

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत लोगों को पर्यटन का महत्व और भारतीय अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हुई थी। वैश्विक समुदायों के बीच पर्यटन और इसके सामाजिक, राजनीतिक, वित्तीय और सांस्कृतिक मूल्य के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।

भारतीय पर्यटन दिवस का प्रभाव

-भारत की जीडीपी में पर्यटन दिवस का गहरा प्रभाव है। साल भर विश्व स्तर से लोग भारत के दार्शनिक स्थल देखने आते हैं, जिससे भारत का आर्थिक स्तर बढ़ता है।

-यहां का पर्यटन भारत की संस्कृति और सभ्यता को दर्शाता है, जिसका प्रचार प्रसार विदेशों तक होता है।

-भारत के पर्यटन से लगभग 7.7 प्रतिशत लोग अपनी आजीविका चला रहे हैं। इससे रोजगार मिलता है।

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 2022 की थीम

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 2022 आंध्र प्रदेश में "आजादी का अमृत महोत्सव" के रूप में मनाया जाएगा। 2021 में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की थीम 'देखो अपना देश' थी। 

Monday, January 24, 2022

National Girl Child Day (24 January 2022)

राष्ट्रीय बालिका दिवस


गर्ल चाइल्ड डे को मनाने के लिए 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। इस दिन देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लड़कियों के बचाव, उनको स्वास्थ और सुरक्षित वातावरण बनाने सहित जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं।इस दिन को मनाने का उद्देश्य समाज में बालिकाओं को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करना है। 


राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य

भारत सरकार ने समाज में समानता लाने के लिए नेशनल गर्ल चाइल्ड डे की शुरुआत की थी। इस अभियान का उद्देश्य लड़कियों को जागरूक करना और यह बताना है कि समाज के निर्माण में महिलाओं का समान योगदान है। इसमें सभी क्षेत्र के लोगों को शामिल किया गया है और उन्हें जागरुक किया गया कि लड़कियों को भी फैसले लेने का अधिकार होना चाहिए। इसके अलावा लैंगिक असमानता को लेकर जागरूकता पैदा करना और यह सुनिश्चित करना कि हर लड़की को मानवीय अधिकार मिले, इस दिन को मनाने का उद्देश्य है।

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस

समाज में लड़कियों की स्थिति सुधारने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद बालिकाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरुक करना और लोगों में लड़कियों की शिक्षा के महत्व और उनके स्वास्थ्य व पोषण के बारे में जागरूकता को बढ़ाना है। देश में आज भी लड़कियों को असमानता और लैंगिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है, ऐसे में लोगों की सोच बदलने और उन्हें जागरुक बनाने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।

-लोगों के बीच लड़कियों के अधिकार को लेकर जागरूकता पैदा करना और लड़कियों को नया अवसर मुहैया कराना

-यह सुनिश्चित करना कि हर लड़की को मानवीय अधिकार मिले

-लैंगिक असमानता को लेकर जागरूकता पैदा करना

-बालिकाओं की समस्या का समाधान

-महिलाओं को समाज में जिन असमानताओं का सामना करना पड़ता है, उन सभी से छुटकारा


DEAR (Drop Everything and Read) Prog. in PM shri KV No. 2 Jaipur

DEAR (Drop Everything and Read)  पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में आज दिनांक 10 सितंबर 2025 को विद्यालय में DEAR (Drop Everyth...