विश्व कैंसर दिवस
विश्व भर में 04 फरवरी को हर साल विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व कैंसर दिवस मनाने के लिए प्रतिवर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है। इस बार की थीम क्लोज द केयर गैप (Close The Care Gap) है। इस थीम के साथ यह दिन पूरे विश्व में मनाया जाएगा।
Theme of World Cancer Day 2022 : "Close The Care Gap"
दुनिया की सभी जानलेवा बीमारियों में कैंसर सबसे ख़तरनाक है क्योंकि कई बार इसके लक्षणों का पता ही नहीं चलता। जब इस बिमारी के होने का खुलासा होता है, तब तक काफी देर हो चुकी है और कैंसर पूरे शरीर में फैल चुका होता है। इसी वजह से कई लोगों को उचित इलाज का समय ही नहीं मिल पाता और उनकी मौत हो जाती है। अगर वक्त पर कैंसर की बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। साल 2018 में कैंसर की बीमारी की वजह से दुनियाभर में 96 लाख से ज़्यादा मौतें हुई थीं।
विश्व कैंसर दिवस की स्थापना अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) द्वारा की गई। यह एक अग्रणीय वैश्विक एनजीओ है। इसका लक्ष्य विश्व कैंसर घोषणा, 2008 के लक्ष्यों की प्राप्ति करना है। अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) की स्थापना साल 1933 में हुई थी। इस दिवस पर विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कैंसर से बचाव के विभिन्न अभियान चलाए।
इसके पूर्व पहचान या रोकथाम के लिए कैंसर से बचाव के उपाय और ख़तरों के बारे में आम लोगों को जागरुक करने के लिए विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। लोगों को लगता है कि यह बीमारी छूने से फैलती है इसलिए कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को समाज में घृणा और अछूत के रूप में देखा जाता है। आम लोगों में कैंसर से संबंधित विभिन्न प्रकार के सामाजिक मिथक हैं जैसे कि कैंसर पीड़ित के साथ रहने या स्पर्श से उन्हें भी ये घातक बीमारी हो सकती है। इस तरह के मिथक को ख़त्म करने के लिए भी ये दिन मनाया जाता है। इसके होने के कारण, लक्षण और उपचार आदि जैसे कैंसर की सभी वास्तविकता के बारे में सामान्य जागरुकता बनाने के लिए इसे मनाया जाता है।
लोगों को जागरुक करने के लिए इस दिन पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं कि कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को अलग से उपचारित न किया जाए, उन्हें समाज में एक आम इंसान की तरह जीने का अधिकार होना चाहिए और कोई भी रिश्ता उनके लिए बदलना नहीं चाहिए। अपने रिश्तेदारों के द्वारा उनकी हर इच्छाओं को पूरा करना चाहिए भले ही उनके जीने की उम्मीद कम क्यों न हों। ये बहुत ज़रूरी है कि उन्हें एक आम इंसान की तरह अच्छा महसूस कराना चाहिए और ऐसा प्रतीत नहीं कराना चाहिए जैसे उनको कुछ उपचार दिया जा रहा है क्योंकि वो मरने वाले हैं। उन्हें आत्म-सम्मान को महसूस करने की ज़रूरत है और अपने समाज और घर में एक सामान्य वातावरण की ज़रूरत है।
कैंसर पर नियंत्रण पाना ज़रूरी
आंकड़ों के अनुसार, ये ध्यान देने योग्य है कि ज्यादातर कैंसर के मामले और मौतें (47% और 55% क्रमश:) विश्व के कम विकसित क्षेत्रों में सामने आए हैं। अगर ये नियंत्रित नहीं किया गया, तो 2030 तक ये और खतरनाक स्तर पर पहुंच सकती हैं। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है कि इसे दुनिया के हर कोने में नियंत्रित किया जाए।
कैंसर की उपस्थिति के ख़तरे को घटाने के लिए अपनी अच्छी जीवनशैली, नियंत्रित आहार, नियमित वर्कआउट के बारे में इस कार्यक्रम के दौरान लोगों को अच्छे से बढ़ावा दिया जाता है। उन्हें अपने शराब की लत, अस्वास्थ्यकर आहार और शारीरिक स्थिरता से मुक्त कराने के लिए बढ़ावा दिया जाता है।
कैंसर के कारण
कैंसर होने के कई कारण होते हैं। हालांकि इनमें सबसे आम कारणों में धूम्रपान, तम्बाकू, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, खराब डाइट, एक्स-रे से निकली रेज, सूरज से निकलने वाली यूवी रेज, इंफेक्शन, फैमिली के जीन आदि होते हैं।
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