Thursday, September 9, 2021

हिन्दी पुस्तक प्रदर्शनी (09 सितम्बर 2021)

हिन्दी पुस्तक प्रदर्शनी (09 सितम्बर 2021)  

केंद्रीय विधालय क्रमांक 1 जयपुर मे दिनांक 09 सितम्बर 2021 को हिन्दी पखवाड़े के अन्तर्गत हिन्दी पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन विधालय के पुस्तकालय मे किया गया ! 

Saturday, September 4, 2021

Sports Day Celebration in KV No1 Jaipur on 04 September 2021

केंद्रीय विधालय क्रमांक 1 जयपुर मे खेल दिवस मनाया


केंद्रीय विधालय क्रमांक 1 जयपुर मे दिनांक 04 सितम्बर 2021 को खेल दिवस मनाया गया जिसमे मुख्य अतिथि  डॉक्टर प्रतिभा सिंह रत्त्नू, सहायक निदेशक खेल, राजस्थान  विश्वविद्यालय,  जयपुर ने भाग लिया ! विधालय  के प्राचार्य श्री अशोक कुमार, श्री खुशीराम मीना, शारीरिक शिक्षक तथा विधालय के अन्य शिक्षकगण मौजूद रहे और  विधालय के विधार्थियो ने भी भाग लिया !





















अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस/International Literacy Day (8 सितंबर 2021)

 विश्व साक्षरता दिवस

The theme of International Literacy Day 2021 according to the UN is

Literacy for a human-centered recovery: Narrowing the digital divide

मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना



साक्षरता दिवस हर साल 8 सितम्बर को राष्ट्रिय और अन्तर्राष्ट्रीय डे के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता हैं | साक्षरता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य अपने समाज व देश के लोगो में जागरूकता बढ़ाना समाज के सभी वर्गो तक शिक्षा के संदेश को पहुचाना और एक साक्षर दुनिया का निर्माण करना है | 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने की घोषणा 17 नवम्बर 1965 को सयुक्त राष्ट्र संघ के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन द्वारा की गई | हर साल साक्षरता दिवस को एक नई थीम और लक्ष्य निर्धारित कर मनाया जाता हैं |

आज के समय में व्यक्ति की प्राथमिक आवश्यकताएं रोटी, कपड़ा और मकान से अधिक महत्वपूर्ण शिक्षा (साक्षरता) को माना जाता हैं | इसलिए साक्षरता दिवस मनाने का लक्ष्य उन लोगों को शिक्षा के साथ जोड़ना जो अब तक इससे वाचित रहे हैं | कई देशो में साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए मिशन योजनाए चलाई जा रही है | क्योकि जब तक देश की अधिकांश आबादी साक्षर नही हो जाती हैं तब तक गरीबी, अंधविश्वास, लिंग भेद, जनसंख्या बढ़ोतरी जैसी सामजिक समस्याओं पर नियंत्रण पाना असम्भव हैं | भारत में साक्षरता स्तर को मजबूत बनाने के लिए साकार भारत मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, मिड डे मिल प्रोढ़ शिक्षा जैसे साक्षरता कार्यक्रम कई वर्षो से चल रहे हैं |

भारत प्राचीन समय में विश्व गुरु कहलाता था, मगर आज हालत यह हैं कि कुल आबादी का एक चौथाई तक़रीबन 30 करोड़ लोग आज भी अशिक्षित हैं | इस असफलता के पीछे हमारी सरकारों और समाज दोनों की गलतियाँ बराबर जिम्मेदार हैं | 2011 में हुई जनगणन के आकड़ो पर हम नजर डाले तो मात्र 4 फीसदी ही महिलाएँ साक्षर हो पाई हैं | 2001 की जनगणना में महिलओं की साक्षरता दर 60 फीसदी के आस-पास थी जो अब 64 तक ही बढ़ पाई हैं | गणतंत्र राष्ट्र के शिक्षित नागरिक ही अपने कर्तव्यो और अधिकारों के लिए जागरूक होकर इनका सही उपयोग कर सकता हैं | शिक्षित युवाओं द्वारा सक्रिय भूमिका निभाने से वर्तमान स्थति में काफी हद तक सुधार लाया जा सकता हैं | साक्षरता के महत्व को समझते हुए International Literacy Day की पहल शिक्षा के प्रचार-प्रचार में अहम हथियार हैं |

आज जो भी देश विकास व् तकनीक के विषय में सर्वोच्च हैं उनका आधार मूलत शिक्षा ही हैं | सामजिक द्रष्टि से भी शिक्षा जरुरी हैं क्योकि पढ़ा-लिखा व्यक्ति ही समाज के प्रति जिम्मेदारियों को समझते हुए सदुपयोग कर सकता हैं | हमारे देश की अधिकतर आबादी गाँवों में निवास करती हैं | जहाँ शिक्षा का आज भी निम्न स्तर हैं, जिस कारण लोग जाति धर्म जैसे बन्धनों में खुद को बांधे रखते हैं | साक्षरता व्यक्ति को अँधेरे से बाहर निकालकर एक उज्जवल भविष्य की राह दिखाने का कार्य करता हैं |

साक्षरता दर बढ़ाने के लिए किये गये प्रयासों में हमारे देश व् विभिन्न राज्यों की बात करे तो आज सभी राज्यों में अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम को शिक्षा के अधिकार के रूप में जगह दी गई हैं | लेकिन एक कानून को मौलिक अधिकार बना देने के बावजूद क्या 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चे स्कुलो तक पहुच पाए. क्या बाल श्रम पर पूर्ण रोक लग पाई | ये सवाल हमारे दिलों दिमाग को तब तक कोसते रहेंगे, जब तक समाज के हर तबके का व्यक्ति शिक्षा के प्रति जाग्रत नही हो जाता | जरुरत हैं इस तरह के कानूनों को आमजन तक पहुचाने की ओर उन्हें इसके प्रति जागरूक करने की | तभी असल में विश्व साक्षरता दिवस मनाने का उद्देश्य सच्चे अर्थो में साकार होगा |

अज्ञानता का अंधकार मिटेगा, शिक्षा से सुधार हो जाएगा। रोटी, कपड़ा और मकान, पर शिक्षा से बनेगा देश महान। शिक्षा है अतुल्य गहना, इसे हमेशा पहनाते रहना। विश्व साक्षरता दिवस की बधाई।

Teacher's Day (05 Sep 2021)

शिक्षक दिवस


भारत में, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में समाज में शिक्षकों द्वारा किए गए योगदान को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है। 5 सितंबर एक महान शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है, जो शिक्षा के कट्टर विश्वासी थे और एक प्रसिद्ध राजनयिक, विद्वान, भारत के राष्ट्रपति और सबसे बढ़कर एक शिक्षक थे। जब उनके कुछ छात्रों और दोस्तों ने उनसे संपर्क किया और उनसे उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया, तो उन्होंने कहा, "मेरा जन्मदिन अलग से मनाने के बजाय, यह मेरे लिए गर्व की बात होगी, अगर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है"। तभी से भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।


5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं? 

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। वे एक प्रसिद्ध विद्वान, भारत रत्न पाने वाले, प्रथम उपराष्ट्रपति और स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था। एक शिक्षाविद् के रूप में, वह एक शिक्षक थे, और वे एक महान शिक्षक, शिक्षाविद और एक महान शिक्षक थे। जैसा कि आम कहावत है, एक देश का भविष्य अपने बच्चों और शिक्षकों के हाथों में होता है, संरक्षक के रूप में, छात्रों को भविष्य के नेताओं में ढाला जा सकता है जो भारत के भाग्य को आकार देते हैं। कैरियर और व्यवसाय में सफल होने के लिए वे हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें एक अच्छा इंसान, समाज का बेहतर सदस्य और देश का एक आदर्श नागरिक बनने में मदद करते हैं। शिक्षक दिवस को हमारे जीवन में आने वाली चुनौतियों, कठिनाइयों और विशेष भूमिका को स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है।

कैसे हुई शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत ? 

जब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति (1962-1967) बने, तो उनके कुछ छात्रों और दोस्तों ने उनसे अनुरोध किया कि वे उन्हें 5 सितंबर को अपना जन्मदिन मनाने दें। उन्होंने जवाब दिया, "मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, तो यह मेरा गौरवपूर्ण सौभाग्य होगा।" तब से, 5 सितंबर को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, छात्र अपने शिक्षकों को सम्मान देने के लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित करेंगे। कुछ स्कूलों में, वरिष्ठ कक्षाओं के छात्र शिक्षकों के लिए अपनी प्रशंसा दिखाने के लिए जूनियर कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी लेते हैं।

प्रथम शिक्षक दिवस कब मनाया गया? 

वर्ष 1965 में, स्वर्गीय डॉ. एस. राधाकृष्णन के कुछ प्रमुख छात्रों ने उस महान शिक्षक के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक सभा का आयोजन किया। उस सभा में, डॉ. राधाकृष्णन ने अपने भाषण में अपनी जयंती समारोह के संबंध में अपना गहरा आरक्षण व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि भारत और बांग्लादेश के अन्य महान शिक्षकों को श्रद्धांजलि देकर उनकी जयंती को 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाना चाहिए। 1967 से, 5 सितंबर को आज तक शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व 


शिक्षक दिवस एक ऐसा आयोजन है जिसके लिए छात्र और शिक्षक समान रूप से तत्पर रहते हैं। छात्रों के लिए शिक्षक दिवस महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें अपने शिक्षकों द्वारा यह सुनिश्चित करने का प्रयास करने का मौका मिलता है कि वे उचित शिक्षा प्राप्त कर सकें। इसी तरह, शिक्षक भी शिक्षक दिवस समारोह के लिए तत्पर रहते हैं क्योंकि उनके प्रयासों को छात्रों और अन्य एजेंसियों द्वारा मान्यता प्राप्त और सम्मानित किया जाता है। शिक्षकों को सम्मानित और सम्मानित किया जाना चाहिए। भारत में, शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर, यानी 5 सितंबर को, भारत के राष्ट्रपति द्वारा मेधावी शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार दिए जाते हैं। पुरस्कारों को प्राथमिक विद्यालयों, मध्य विद्यालयों और माध्यमिक विद्यालयों में काम करने वाले प्रशंसनीय शिक्षकों के लिए सार्वजनिक आभार के रूप में सम्मानित किया जाता है।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शिक्षा में योगदान 

डॉ एस राधाकृष्णन समकालीन भारत के सबसे प्रसिद्ध लेखकों में से एक हैं। उन्होंने सैद्धांतिक, धार्मिक, नैतिक, शिक्षाप्रद, सांप्रदायिक और ज्ञानवर्धक विषयों से शुरू होने वाले विविध विषयों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कई मान्यता प्राप्त पत्रिकाओं के लिए कई लेख लिखे जो बहुत महत्वपूर्ण रहे हैं। भारत के सबसे प्रतिष्ठित बीसवीं सदी के तुलनात्मक धर्म और दर्शन के विद्वानों में से एक, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज, मैसूर विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और शिकागो विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय कॉलेजों और संस्करण में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया। समकालीन समझ के लिए इसकी पुनर्व्याख्या उनका दर्शन अद्वैत वेदांत पर आधारित था।

Sunday, August 29, 2021

National Sports Day 2021

राष्ट्रीय खेल दिवस 2021 


29 अगस्त को हर साल भारत में 'राष्ट्रीय खेल दिवस' (National Sports Day) के रूप में मनाया जाता है. इस बार का  राष्ट्रीय खेल दिवस (नेशनल स्पोर्ट्स डे) इसलिए भी ख़ास है क्योंकि, भारत ने हाल ही में हुए टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारत (India) ने टोक्यो गेम्स 2020 में अपने अब तक के बेस्ट  यानी 7 ओलंपिक पदक हासिल किये हैं.



इस दिन के महत्त्व की बात की जाए, तो यह दिन मेजर ध्यानचंद के सम्मान में मनाया जाता है और विभिन्न खेलों में खिलाडियों के महत्वपूर्ण योगदान के लिए राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है.


खेलों के प्रति खिलाड़ियों का सम्मान, छिपी प्रतिभा को ढूंढना, एथलीटों की सफलता के लिए परिवारों, कोचों और सहयोगी स्टाफ के उत्कृष्ट समर्थन की सराहना करने के लिए हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा ये दिवस अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शारीरिक गतिविधि और खेल के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हाॅकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 29 अगस्त को ‘राष्ट्रीय खेल दिवस 2021’ के रूप में मनाया जाता है। 


राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है


सन 1979 में, भारतीय डाक विभाग ने मेजर ध्यानचंद को उनकी मृत्यु के बाद श्रद्धांजलि दी और दिल्ली के राष्ट्रीय स्टेडियम का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, दिल्ली कर दिया. 2012 में, यह घोषणा की गई थी कि खेल की भावना के बारे में जागरूकता फैलाने और विभिन्न खेलों के संदेश का प्रचार करने के उद्देश्य से एक दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए और इसके लिए फिर से मेजर ध्यानचंद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी गई और 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई.


मेजर ध्यानचंद कौन थे?


29 अगस्त 2012 को पहली बार राष्ट्रीय खेल दिवस मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) के अवसर पर मनाया गया था. Major Dhyan Chand के सम्मान में इस दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ था और वह अपने समय के महान हॉकी खिलाड़ी थे. उन्हें हॉकी खिलाड़ी के स्टार या "हॉकी का जादूगर" के रूप में जाना जाता था, क्योंकि उनकी अवधि के दौरान, उनकी टीम ने वर्ष 1928, 1932 और 1936 के दौरान ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किए थे. उन्होंने 1926 से 1949 तक 23 वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेली. उन्होंने अपने करियर में कुल 185 मैच खेले और 570 गोल किए. वह हॉकी के प्रति इतने समर्पित थे कि वह चांदनी रात में खेल के लिए अभ्यास किया करते थे, जिससे उसका नाम ध्यानचंद पड़ गया. 1956 में, ध्यानचंद को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया, वह यह सम्मान पाने वाले तीसरे नागरिक थे.

Thursday, August 26, 2021

READ INDIA CELEBRATION 2021

READ INDIA CELEBRATION 2021


The Read India celebration 2021 in association with Republic Media Network has instituted an event for the students from classes III to XII to engage students in a transformative nonacademic reading, problem solving and leadership experience during 2021.

Reading is crucial to personal growth as it exposes individuals to the ideas, philosophies, and practices of some of the greatest minds across the globe. Several Business leaders believe that deep, broad reading helps cultivate the knowledge, habits, and talents needed to improve their organizations. The leadership benefits of reading are wide-ranging. Reports suggest reading can improve intelligence and lead to innovation and insight.

There is a well-established connection between reading, leadership & success that exists worldwide. Raghuram Ananthoj is a visionary with the mission to encourage students to pursue practical reading alongside academic learning that fosters independent thinking & innovation. With the mission to create future trailblazing leaders, he started the Read India Celebration Initiative. 

Leading Self and Republic Media Network proudly launch The Read India Celebration 2021, an exclusive book reading & leadership initiative that will spark independent ideas in the minds of young Indians. Read India Celebration 2021 is a unique opportunity for Schools (Class 3rd to Class 12th ) to engage students in a transformative non-academic reading and leadership experience. The initiative focuses on three main aspects - Read, Think & Act. It encourages students to pursue reading as a habit that helps them develop an unconventional thought process, diverse opinions & become future leaders. 

Here's how students can participate: 

  • Register at https://readindia.info/cms/student-register
  • Read a book/ research on the proposed topic 
  • Submit a one-page summary on the book or research along with an innovative idea to resolve any issue of their choice & a 1 to 2 min video on Read India Celebration experience
  • The last day for students to register is 31 August 2021 & the last day for students to submit their work is 15 Sept 2021.

When students adopt a knowledge-based culture, read books, read themselves, think independently & act, they change themselves & eventually transform the nation. Join Read India Celebration International 2021 & express the leader in you. To know more visit,  https://readindia.info/ 

Saturday, August 7, 2021

राष्ट्रगान गाएं, अपना वीडियो रिकॉर्ड करें

राष्ट्रगान गाएं, अपना वीडियो रिकॉर्ड करें


आजादी का अमृत महोत्सव भारत की आजादी की 75वां वर्ष मनाने के उपलक्ष्य में पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस महोत्सव के तहत जन भागीदारी बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। संस्कृति मंत्रालय द्वारा इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए राष्ट्रगान से जुड़ी ऐसी ही एक अनूठी पहल शुरू की गई है ताकि सभी भारतीयों में गर्व और एकता की भावना भरी जाए। इसमें लोगों को राष्ट्रगान गाने और वेबसाइट www.RASHTRAGAAN.IN पर वीडियो अपलोड करने के लिए आमंत्रित किया गया है। राष्ट्रगान का संकलन 15 अगस्त, 2021 को लाइव दिखाया जाएगा।


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गत 25 जुलाई को ‘मन की बात’कार्यक्रम में आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में इस पहल की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री ने कहा, “संस्कृति मंत्रालय की ओर से यह प्रयास है कि अधिक से अधिक संख्या में भारतीय एक साथ राष्ट्रगान गाएं। इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है- राष्ट्रगानडॉटइन (Rashtragan.in)। इस वेबसाइट की मदद से आप राष्ट्रगान को प्रस्तुत कर सकते हैं और इसे रिकॉर्ड कर सकते हैं, और इस अभियान से जुड़ सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि आप इस नई पहल से खुद को जोड़ेंगे।"


 सभी विधार्थी अपना वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए ईस लिंक पर जाये  https://rashtragaan.in/


DEAR (Drop Everything and Read) Prog. in PM shri KV No. 2 Jaipur

DEAR (Drop Everything and Read)  पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में आज दिनांक 10 सितंबर 2025 को विद्यालय में DEAR (Drop Everyth...