Sunday, April 25, 2021

Quiz No 34 : Current G.K. of April 2021

 

World Day for Safety and Health at Work 28 April 2021

 World Day for Safety and Health at Work

The World Day for Safety and Health at Work is celebrated annually on        28 April to promote the prevention of occupational accidents and diseases globally. It is an awareness-raising campaign intended to focus international attention on the magnitude of the problem and on how promoting and creating a safety and health culture can help reduce the number of work-related deaths and injuries.


In 2003, the International Labour Organization (ILO), began to observe World Day in order to stress the prevention of accidents and diseases at work, capitalizing on the ILO's traditional strengths of tripartism and social dialogue. 28 April is also the International Commemoration Day for Dead and Injured Workers organized worldwide by the trade union movement since 1996.

Background

In 2003, the International Labour Organization (ILO), began to observe World Day in order to stress the prevention of accidents and diseases at work, capitalizing on the ILO's traditional strengths of tripartism and social dialogue.

This celebration is an integral part of the Global Strategy on Occupational Safety and Health of the ILO, as documented in the Conclusions of the International Labour Conference in June 2003. One of the main pillars of the Global Strategy is advocacy, the World Day for Safety and Health at Work is a significant tool to raise awareness of how to make work safe and healthy and of the need to raise the political profile of occupational safety and health.

28 April is also the International Commemoration Day for Dead and Injured Workers organized worldwide by the trade union movement since 1996.

Prevention of occupational accidents and diseases

The annual World Day for Safety and Health at Work on 28 April promotes the prevention of occupational accidents and diseases globally. It is an awareness-raising campaign intended to focus international attention on the magnitude of the problem and on how promoting and creating a safety and health culture can help reduce the number of work-related deaths and injuries.

Each of us is responsible for stopping deaths and injuries on the job. As governments we are responsible for providing the infrastructure — laws and services — necessary to ensure that workers remain employable and that enterprises flourish; this includes the development of a national policy and programme and a system of inspection to enforce compliance with occupational safety and health legislation and policy. As employers we are responsible for ensuring that the working environment is safe and healthy. As workers we are responsible to work safely and to protect ourselves and not to endanger others, to know our rights and to participate in the implementation of preventive measures.

Emerging risks at work

New and emerging occupational risks may be caused by technical innovation or by social or organizational change, such as:

  • New technologies and production processes, e.g. nanotechnology, biotechnology
  • New working conditions, e.g. higher workloads, work intensification from downsizing, poor conditions associated with migration for work, jobs in the informal economy
  • Emerging forms of employment, e.g. self-employment, outsourcing, temporary contracts

They may be more widely recognized through better scientific understanding, e.g. the effects of ergonomic risks on musculoskeletal disorders.

They may be influenced by changes in perceptions about the importance of certain risk factors, e.g. the effects of psychosocial factors on work-related stress.

Thursday, April 15, 2021

World Book and Copyright Day 2021 (23 April 2021)

 

विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस


विश्व पुस्तक दिवस 2021 पूरी दुनिया भर में 23 अप्रैल, शुक्रवार को मनाया जायेगा। उच्च उद्देशीय अंतरराष्ट्रीय सहयोग तथा विकास की भावना से प्रेरित 193 सदस्य देश तथा 6 सहयोगी सदस्यों की संस्था यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक तथा (कॉपीराइट) दिवस का औपचारिक शुभारंभ 23 अप्रैल 1995 को हुआ था। इसकी नींव तो 1923 में स्पेन में पुस्तक विक्रेताओं द्वारा प्रसिद्ध लेखक मीगुयेल डी सरवेन्टीस को सम्मानित करने हेतु आयोजन के समय ही रख दी गई थी। उनका देहांत भी 23 अप्रैल को ही हुआ था।



विश्व पुस्तक दिवस क्या है

23 अप्रैल को पूरे विश्व के लोगों के द्वारा हर वर्ष मनाया जाने वाला विश्व पुस्तक दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है। पढ़ना, प्रकाशन और प्रकाशनाधिकार को पूरी दुनिया में लोगों के बीच बढ़ावा देने के लिये यूनेस्को द्वारा सालाना आयोजित ये बहुत ही महत्वपूर्णं कार्यक्रम है। 23 अप्रैल को इसे मनाने के बजाय, यूनाईटेड किंग्डम में मार्च के पहले गुरुवार को इसे मनाया जाता है। 23 अप्रैल 1995 में पहली बार यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत की गयी।

आमतौर पर, इसे लेखक, चित्रकार के द्वारा आम लोगों के बीच में पढ़ने को प्रोत्साहन देने के लिये मनाया जाता है। किताबों को और पढ़ने के लिये ये विश्व स्तर का उत्सव है और 100 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है।

विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास

पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्षिक आधार पर विश्व पुस्तक दिवस को मनाने के पीछे बहुत सी कहानियाँ हैं। मीगुएल डी सरवेंटस नाम से सबसे प्रसिद्ध लेखक को श्रद्धांजलि देने के लिये स्पेन के विभिन्न किताब बेचने वालों के द्वारा वर्ष 1923 में पहली बार 23 अप्रैल की तारीख अर्थात् विश्व पुस्तक दिवस और किताबों के बीच संबंध स्थापित हुआ था। ये दिन मीगुएल डी सरवेंटस की पुण्यतिथि है।

विश्व पुस्तक दिवस और प्रकाशनाधिकार दिवस को मनाने के लिये यूनेस्को द्वारा 1995 में पहली बार विश्व पुस्तक दिवस की सटीक तारीख की स्थापना हुयी थी। यूनेस्को के द्वारा इसे 23 अप्रैल को मनाने का फैसला किया गया था क्योंकि, ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, विलियम शेक्सपियर, व्लादिमीर नबोकोव, मैमुएल सेजिया वैलेजो का जन्म और मृत्यु वर्षगाँठ, मीगुअल डी सरवेंटस (22 अप्रैल को मृत्यु और 23 अप्रैल को दफनाए गये), जोसेफ प्ला, इंका गारसीलासो डी ला वेगा का मृत्यु वर्षगाँठ और मैनुअल वैलेजो, मॉरिस द्रुओन और हॉलडोर लैक्सनेस का जन्म वर्षगाँठ होता है।

विश्व पुस्तक दिवस कैसे मनाया जाता है

बाजार या प्रसिद्ध किताब की दुकानों से कुछ मजाकिया और रोचक किताबों को खरीदने और पढ़ने के द्वारा विश्व पुस्तक दिवस को मनाने में कोई भी शामिल हो सकता है जहाँ सभी पसंसदीदा किताब ब्रैंड, चरित्र या लेखक पर आधारित होती है। लेखकों और दूसरी महत्वपूर्णं बातों के बारे में जानने के लिये उनमें जिज्ञासा उत्पन्न करने के साथ ही पढ़ने की आदत के लिये बच्चों को पास लाने में विश्व पुस्तक दिवस एक बड़ी भूमिका अदा करता है।

बच्चों के बीच पढ़ने की आदत को आसानी से बढ़ावा देना, कॉपीराइट का प्रयोग कर बौद्धिक संपत्ति का प्रकाशन और सुरक्षित रखने के लिये यूनेस्को द्वारा पूरे विश्व भर में इसे मनाने की शुरुआत हुयी। विश्व साहित्य के लिये 23 अप्रैल एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि 23 अप्रैल 1616 कई महान हस्तियों की मृत्यु वर्षगाँठ थी।

किताबों और लेखकों को श्रद्धांजलि देने के लिये पूरे विश्व भर के लोगों का ध्यान खींचने के लिये यूनेस्को द्वारा इस तारीख की घोषणा की गयी। लोगों और देश की सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की ओर अपने विशेष योगदानों के लिये नये विचारों को उत्पन्न करने के साथ ही किताबों के बीच असली खुशी और ज्ञान की खोज करने तथा किताबें पढ़ने के लिये ये आम लोगों खासतौर से युवाओं को प्रोत्साहित करता है। ग्राहक को हर एक किताब पर एक गुलाब देने से वो किताबें पढ़ने के लिये प्रोत्साहित होंगे और सम्मानित महसूस करेंगे।

शिक्षकों, लेखकों, प्रकाशकों, लाइब्रेरियन, सभी निजी और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों, एनजीओ, कार्यरत लोगों का समूह, मास मीडिया आदि के द्वारा खासतौर से विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है। यूनेस्को राष्ट्रीय परिषद, यूनेस्को क्लब, केन्द्रीय संस्थान, लाइब्रेरी, स्कूल और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

प्रसिद्ध लेखकों के द्वारा लिखी गयी नवीनतम किताबों के संग्रह को प्राप्त करने के लिये लाइब्रेरी की सदस्यता के लिये कार्यरत समूह के लोग प्रोत्साहन देते हैं। विभिन्न क्रिया-कलाप जैसे दृश्यात्मक कला, नाटक, कार्यशाला कार्यक्रम आदि लोगों को प्रोत्साहित करने के लिये अधिक सहायक हो सकता है।

विश्व पुस्तक दिवस का महत्व

आम सभा में यूनेस्को के द्वारा विश्व पुस्तक दिवस उत्सव की तारीख को निश्चित किया गया जो 1995 में पेरिस में रखा गया था। लगभग 100 देशों से अधिक इच्छुक लोग ऐच्छिक संगठनों, विश्वविद्यालयों स्कूलों, सरकारी या पेशेवर समूहों, निजी व्यापार आदि से जुड़ें। विश्व पुस्तक और कॉपीरइट दिवस उत्सव विश्व भर के सभी महाद्वीपों और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से लोगों को आकर्षित करता है। ये लोगों को नये विचार को खोजने और अपने ज्ञान को फैलाने में सक्षम बनाता है। किताबें विरासत का ख़जाना, संस्कृति, ज्ञान की खिड़की, संवाद के लिये यंत्र, संपन्नता का स्रोत आदि हैं।

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस उत्सव ने विभिन्न देशों से ढ़ेर सारे पेशेवर संगठनों को प्रेरित किया है और यूनेस्कों से सहायिकी प्राप्त की है। दूसरे लोगों तक विभिन्न प्रकार की संस्कृति को फैलाने के साथ ही उनको साथ लाने के लिये लोगों के बीच किताबों की शक्ति को प्रचारित करने के लिये हर साल यूनेस्कों का विश्वव्यापी सदस्य राज्य इस कार्यक्रम को मनाता है। सुविधा से वंचित भाग में रहने वाले लोगों के साथ ही युवा लोगों के बीच शिक्षा को प्रचारित करने के लिये ये दिन मनाया जाता है।

इस दिन, उपन्यास, लघु कहानियाँ या शांति फैलाने वाला चित्र किताब, उदारता, दूसरी संस्कृति और परंपरा के लिये एक-दूसरे के बीच समझदारी और सम्मान के लिये बच्चों सहित कुछ युवा अपने बेहतरीन कार्यों के लिये पुरस्कृत किये जाते हैं। वर्ष के खास विषय पर आधारित एक अलग पोस्टर हर साल डिजाइन किया जाता है और पूरी दुनिया में लोगों के बीच वितरित किया जाता है। पोस्टर इस तरह से डिजाइन किये जाते हैं जिससे लोगों और बच्चों को और किताबें पढ़ने के लिये बढ़ावा दिया जा सके।

  • “एक किताब से ईमानदार मित्र कोई नहीं होता।”- अर्नेष्ट हेमिंग्वे

World Earth Day 2021 (22 April 2021)

 विश्व पृथ्वी दिवस 2021

विश्व पृथ्वी दिवस 2021 पूरे विश्व के लोगों द्वारा 22 अप्रैल, गुरुवार को मनाया जायेगा। पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय को दर्शाने के लिये साथ ही पर्यावरण सुरक्षा के बारे में लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिये 22 अप्रैल को पूरे विश्व भर के लोगों के द्वारा एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में हर साल विश्व पृथ्वी पृथ्वी दिवस को मनाया जाता है। पहली बार, इसे 1970 में मनाया गया और उसके बाद से लगभग 192 देशों के द्वारा वैश्विक आधार पर सालाना इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई।


विश्व पृथ्वी दिवस को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने की शुरुआत इसके मुद्दे को सुलझाने के द्वारा पर्यावरणीय सुरक्षा का बेहतर ध्यान देने के लिये, राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करने के लिये के लिये की गयी। 1969 में, सैन फ्रांसिस्को के जॉन मैककोनल नाम के एक शांति कार्यकर्ता जो सक्रियता से इस कार्यक्रम को शुरु करवाने में शामिल थे, ने एक साथ मिलकर पर्यावरणीय सुरक्षा के लिये इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा। 21 मार्च 1970 को वसंत विषुव में मनाने के लिये इस कार्यक्रम को जॉन मैककोनेल ने चुना था जबकि 22 अप्रैल 1970 को इस कार्यक्रम को मनाने के लिये अमेरिका के विंसकॉन्सिन सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने चुना था।

बेहतर भविष्य के लिये अपने पर्यावरणीय मसले को सुलझाने के लिये इन्होंने लोगों को इस कार्यक्रम में एक-साथ होकर जुड़ने के लिये संपर्क किया था। विश्व पृथ्वी दिवस के पहले समारोह के दौरान लाखों लोगों ने इसमें अपनी इच्छा जताई और इस कार्यक्रम का लक्ष्य समझने के लिये भाग लिया। विश्व पृथ्वी दिवस के लिये कोई एक तारीख निर्धारित करने के बजाय, इसको दोनों दिन मनाने की शुरुआत हुयी। आमतौर पर, पूरे विश्वभर में जरुरी क्षेत्रों में नये पौधे को लगाने के आम कार्य के साथ पृथ्वी दिवस कार्यक्रम को मनाने की शुरुआत हुयी।

22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस उत्सव की तारीख की स्थापना करने के अच्छे कार्य में भागीदारी के लिये अमेरिका के विस्कॉन्सिन सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन को स्वतंत्रता पुरस्कार के राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित किया गया। बाद में लगभग 141 राष्ट्रों के बीच वर्ष 1990 में डेनिस हेज़ (वास्तविक राष्ट्रीय संयोजक) के द्वारा वैश्विक तौर पर पृथ्वी दिवस के रुप में 22 अप्रैल को केन्द्रित किया था। बहुत सारे पर्यावरणी मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित करने के लिये पृथ्वी सप्ताह के नाम से पूरे सप्ताह भर के लिये ज्यादातर पृथ्वी दिवस समुदाय ने इसे मनाया। इस तरीके से 22 अप्रैल 1970 को आधुनिक पर्यावरणीय आंदोलन के वर्षगाँठ के रुप में चिन्हित किया गया।

लोगों के समक्ष पर्यावरणीय मुद्दे को रखने के साथ ही युद्ध-विरोधी आंदोलन को नियंत्रित करना, दूसरे जीव-जन्तु, स्व-बोध के लिये लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लिये पृथ्वी दिवस 1970 की स्थापना की गयी थी। 1969 में कैलिफोर्निया के सेंट बारबरा में संस्थापक गेलॉर्ड नेल्सन (विस्कॉन्सिन से एक यू.एस सीनेटर) के द्वारा पृथ्वी दिवस उत्सव के कार्यक्रम के स्थापना के पीछे एक बड़ी त्रासदी, भारी तेल गिराव की त्रासदी थी। इस त्रासदी ने हवा, पानी और मिट्टी के प्रदूषण के लिए जन चेतना बढ़ाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के उपायों को लागू करने की दिशा में गेलॉर्ड नेल्सन को नेतृत्व करने की प्रेरणा दी।

पृथ्वी दिवस के रुप में क्यों 22 अप्रैल को ही मनाया जाता है?

हमारी पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ आज भी जीवन संभव है। धरती पर जीवन को बचाये रखने के लिये पृथ्वी की प्राकृतिक संपत्ति को बनाये रखना बहुत जरुरी है। इस भीड़ में, भगवान द्वारा बनायी गयी सबसे बुद्धिमान कृति इंसान हैं, अपनी मानवता और अपने ग्रह का ध्यान रखना भूल गया है। धरती जिसने इसको जीवन दिया, आज वो उसी धरती के संसाधनों का निर्दयतापूर्वक इस्तेमाल कर रहा है। अपने ग्रह के महत्व के बारे में मानव जाति को जागरुक करने के लिय पृथ्वी दिवस के रुप में 22 अप्रैल को चिन्हित किया गया है।

धरती पर लोगों के रहन-सहन के लापरवाह नजरिये के साथ ही औद्योगिकीकरण की दिनों-दिन बढती दर के बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये विस्कॉन्सिन से यूएसए सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने इस दिन की नींव रखी। उनके द्वारा यह कदम अपने ग्रह की संपत्ति का सम्मान, प्रोत्साहन करने के साथ ही लोगों के बीच प्राकृतिक संतुलन के विचार को बढ़ाने के लिये लिया गया। हमेशा स्वस्थ और जीवित रहने के लिये पर्यावरणीय मसलों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है क्योंकि क्रूर लोग निर्दयतापूर्वक इसके संसाधनो का प्रयोग कर रहें हैं और शताब्दियों से इसके जीवन समर्थक संसाधनों को जर्जर कर रहें हैं।

इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण ओजोन परत में क्षरण है जो हमें सूर्य की घातक किरणों से बचाता है। उद्योगों से निकलने वाले जहरीले पदार्थों को मिलने से नदियों का सूखना, पर्यावरण दूषित होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है जो भूमणडलीय तापक्रम में वृद्धि की ओर ले जा रहा है। रोजाना बढ़ते औद्योगिकीकरण वनों की कटाई की ओर ले जा रहें हैं जो अंतत: धरती के तापमान को बढ़ाने का कारण बनेगा।

जो धरती पर स्वाश्वत जीवन के लिये खतरा है जिसको कुछ छोटे उपायों को अपनाकर कम किया जा सकता है, जैसे पेड़-पौधे लगाना, वनों की कटाई को रोकना, वायु प्रदूषण को रोकने के लिये वाहनों के इस्तेमाल को कम करना, बिजली के गैर-जरुरी इस्तेमाल को घटाने के द्वारा ऊर्जा संरक्षण को बढ़ाना। यही छोटे कदम बड़े कदम बन सकते हैं अगर इसे पूरे विश्वभर के द्वारा एक साथ अनुसरण किया जाये।

आज के दिनों में, सब कुछ या तो प्लास्टिक के थैलों में पैक होता है या दुकानदार के द्वारा इसमें दिया जाता है। प्लास्टिक थैलों का उत्पादन दिनों-दिन बढ़ता चला जा रहा है जो कि हमारे लिये एक बहुत ही शर्मनाक स्थिति है क्योंकि इन वस्तुओं का निष्पादन नहीं किया जा सकता है। एक बड़ी चिंता के रुप में पर्यावरण आंदोलन को चिन्हित करने के लिये 22 अप्रैल 1970 को यूएस में पृथ्वी दिवस का पहला उत्सव मनाया गया।

अमेरिका के कॉलेज परिसरों से छात्र समूह जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए तथा पर्यावरण ह्रास का विरोध करने के लिए भाग लिया था। दूसरे समूह ने तेल गिरावट, जहरीले सामानों का निष्पादन, औद्योगिकीकरण के कारण वायु और जल प्रदूषण, कच्चा मैला, कीटनाशकों के इस्तेमाल और उत्पादन इत्यादि के लिये भी विरोध किया था। तब से 22 अप्रैल को आधिकारिक रुप से पृथ्वी दिवस के रुप में मनाना जारी है।

Monday, April 12, 2021

Dr. B.R. Ambedkar Jayanti (14 April 2021)

डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जयंती 


हर साल 14 अप्रैल को डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयंती मनायी जाती है। अम्बेडकर जी को सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इस दिन को पुरे भारत में आधिकारिक अवकाश के रुप में घोषित किया गया है। जाति व्यवस्था को समाप्त करने और भारत में सभी को एकसमान नागरिकता का अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। इस बार 14 अप्रैल को उनकी 130 वीं जयंती मनाई जा रही है.


बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू, मध्यप्रदेश के एक गांव में हुआ था। बचपन से ही आर्थिक और सामाजिक भेदभाव देखने वाले आंबेडकर ने विषम परिस्थितियों में पढ़ाई शुरू की थी। इतना ही नहीं बाबा साहेब को स्कूल में काफी भेदभाव झेलना पड़ा था। दलित समाज के उत्थान और उन्हें जागरुक करने में डॉ. भीमराव आंबेडकर का योगदान अतुल्य है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जीवन संघर्ष और सफलता की ऐसी अद्भुत मिसाल है, जो शायद ही कहीं और देखने को मिले। इस साल बाबा साहेब की 129 वीं जयंती मनाई जा रही है। बाबा साहेब के विचार हमेशा इंसान को समाज के प्रति प्रेरित करते हैं। 

बी.आर. अम्बेडकर या डॉ भीम राव अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के सामाज सुधारक थे, उन्होंने भारत में सामाजिक असमानता, जाति व्यवस्था को पूर्ण रुप से समाप्त करने में योगदान दिया। वो स्वतंत्र भारत संविधान के निर्माता भी बने। वे कानून, राजनीति और अर्थशास्त्र सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट थे। वो भारत गणराज्य के प्रमुख नेताओं और वास्तुकारों में से एक थे। अम्बेडकर जी का जन्म मध्यप्रदेश के सेना छावनी क्षेत्र में हुआ था। उस समय उनके पिता भारतीय सेना में एक कर्मचारी थे।

बाबा साहब अम्बेडकर हिंदू धर्म के निचली जाति में पैदा हुए थे और उन्हें समाज के विशिष्ट वर्ग द्वारा अछूतो माना जाता था। यद्यपि उन्हें विद्यालय जाने की इजाजत थी परन्तु उन्हें स्कूल में सार्वजनिक चीजों को छुने की मनाही थी,

कक्षा में भी शिक्षकों द्वारा उनके ऊपर उचित ध्यान दिया जाता था और उन्हें सभी बच्चों से अलग कक्षा से बाहर बैठाया जाता था। इस प्रकार के अपमानित व्यवहार ने उन्हें इन निरर्थक विचारधाराओं के खिलाफ लड़ने और अपने अधिकारों को प्राप्त करने में सहायता की। 1990 में डॉ अम्बेडकर के मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

ओशो और ओबामा जैसे कई प्रभावशाली और सुशिक्षित व्यक्तियो ने डॉ बी आर अम्बेडकर के कार्यों और विचारों को प्रोत्साहित किया और उनकी प्रशंसा की। इसके अलावा, उन्होंने एक विशेष दिन (अम्बेडकर जयंती) के लिए समर्पित किया, उनको सम्मान देते हुए कई सार्वजनिक संस्थानों का नाम उनके नाम पर रखा गया और कई फिल्मों तथा पुस्तकों में भी उस महान व्यक्ति के विचारों का वर्णन किया गया। जिसने देश के कई लोगों को जातिवाद की पीड़ा से संर्घष किया और उन्हे अपने मूल अधिकारों को प्राप्त करने में सहायता प्रदान किया।


Tuesday, April 6, 2021

World Health Day 2021 (07 April 2021)

 

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2021



हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरुआत 1950 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा की गई थी। जिसका मुख्य उद्देश्य था लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूक करना। हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस की एक थीम निर्धारित की जाती है। 

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2021 की थीम

बता दें कि इस साल स्वास्थ्य दिवस का थीम है एक निष्पक्ष, स्वस्थ दुनिया का निर्माण (Building a fairer, healthier world)। वहीं साल 2020 की थीम की बात करे तो डब्लूएचओ ने  कोविड 19 की जंग के खिलाफ दुनिया को स्वस्थ रखने के लिए उन नर्सों और मिडवाइव्स के योगदान को सम्मान के रूप में रखा गया था। इसके लिए आखिरी साल सपोर्ट नर्सेज एंड मिडवाइव्स थीम रखी गई। 

पहली बार कब मनाया गया वर्ल्ड हेल्थ डे

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी शुरुआत 7 अप्रैल 1948 को की थी। इतना ही नहीं इस दिन WHO की पहली सभी भी हुई थी। वहीं 1950 से हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाने लगा। इस साल जो स्वास्थ्य दिवस पड़ रहा है वो 71वां हेल्थ डे है। हर साल एक खास थीम का चुनाव होता है। साल 1995 की थीम की बात करें तो वह है- वैश्विक पोलियो उन्मूलन तब से अब तक इस घातक बीमारी से ज्यादातर देश मुक्त हो सके। 

7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे मनाने का कारण

दुनिया भर में लाखों-करोड़ों लोग दिल की बीमारी, कुष्ठ, टीबी, पोलियो, नेत्रहीनता, मलेरिया, एड्स जैसे भयानक रोगों के शिकार है। इसके साथ ही कोरोना का कहर भी तेजी से फैलता जा रहा है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूर्ण स्वस्थ होना ही मानव स्वास्थ्य की परिभाषा है। जिसके कारण हर किसी को इसके तहत जागरुक करना है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस को वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजों के बारे में लोगों को अवगत कराना है। दुनिया भर के लोगों के स्वास्थ्य को समर्पित इस दिन की लोग एक-दूसरे को शुभकामना संदेशों के जरिए बधाई भी देते हैं। 

अच्छे स्वास्थ्य के बिना,
संसार के सब सुख व्यर्थ हैं।
विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं

सबसे पहले रखो अपने शरीर का ध्यान,
फिर करो और सारे काम...
विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं

योग और व्यायाम अपनाओ,
खुद को स्वस्थ-निरोगी बनाओ.
विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं

Friday, April 2, 2021

International Children's Book Day (02 April 2021)

International Children's Book Day 2021 


What is International Children’s Book Day?

First celebrated in 1967, International Children’s Book Day is held on the 2nd of April every year to promote children’s reading and books. Organised by IBBY (The International Board on Books for Young People), different National sponsors are chosen each year to represent Children’s Book Day internationally.

Representatives from the chosen country - usually including a renowned author - choose a theme and create messages to send to the world. The date of the event signifies the birthday of Hans Christian Andersen: the renowned Danish author responsible for such well-known stories as ‘The Emperor’s New Clothes’, ‘The Little Mermaid’ and ‘The Ugly Duckling’.


Why do we celebrate International Children's Book Day?

International Children's Book Day is designed to promote a love of reading in young people and emphasise the importance of books.

How do you celebrate International Children's Book Day?

While special events and book readings are held by IBBY around the globe in celebration of International Children’s Book Day, in reality, all you need to celebrate the day is a good old-fashioned story. You could introduce different folktales from all over the world, marveling at the differences and similarities among them. You could schedule storytelling activities based on beloved children's books. Maybe there's a class favorite you could even dramatize. Or, for older children, you could hold reading and creative writing workshops. You could even study the life of author and poet, Hans Christian Andersen on this day - talk about his work, choose a favourite and enjoy the story.

Schools and libraries also accept book donations on Children’s Book Day in an attempt to further enhance children’s reading opportunities. There is no better opportunity to discuss literacy, reading or a specific book with your children!

Benefits of International Children’s Book Day:

The benefits of taking part in International Children’s Book Day are synonymous with the benefits of reading as a whole. Some of them include:

  • Brain exercise - reading engages and exercises the brain, helping it to better make neural connections.
  • Vocabulary improvement - the amount of terminology that a child uses and possesses can increase with regular reading.
  • Empathy and imagination - reading opens children up to new horizons, helping them think outside the box and engage with the outside world in ways they had not done previously.
  • Morale improvement - it should not be forgotten that reading is fun! Taking part in it will boost a child’s morale and uplift their mood.

International Children’s Book Day Resources:

To get children in the spirit of things, why not try the resources we have available on the website? We have a collection of activities and resources devoted to  International Children's Book Day that will have your students all set for celebrating an exciting day!

You could get your students moving with this Scavenger Hunt. Who said appreciating books means you have to stay in one corner of the classroom and not move a muscle? 

Maybe you could spark their imagination, help them get to know themselves and nurture their self-esteem by asking them questions about the things they like. If so, our Top 5s Activity would be perfect for you. 

Perhaps you're creating a book display, or you're quite simply in a decorative mood. In that case, you'll enjoy our Children's Book Day Banner

If you want something a bit more hands-off for you but is still educational and fun, why not let your children watch our video below and then engage in the discussion afterward?

Monday, March 8, 2021

International Women's Day 2021

 अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस


हमारे जीवन में वैसे तो हर व्यक्ति का अपना-अपना खास स्थान है, लेकिन महिलाएं हमारे जीवन में कई अहम रोल निभाती हैं। कभी मां के रूप में, कभी बहन के रूप में, तो कभी एक पत्नी के रूप में। महिलाओं के सम्मान में ही हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने, उनकी जागरुकता बढ़ाने जैसे कई विषयों पर जोर दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर साल 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? आखिर इसके पीछे ऐसी क्या वजह है, तो चलिए इस बारे में जानते हैं।



ऐसे हुई शुरुआत

साल 1908 में एक मजदूर आंदोलन के बाद ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी, क्योंकि काफी संख्या में महिलाओं ने न्यूयॉर्क में इस बात को लेकर मार्च निकाला था कि उनकी नौकरी के घंटे कम किए जाए और साथ ही उनका वेतनमान भी बढ़ाया जाए। महिलाओं के इस आंदोलन को सफलता मिली, और एक साल बाद ही सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया, जिसके बाद इसकी शुरुआत हो गई।

8 मार्च ही क्यों?

सबसे मन में ये सवाल जरूर उछल-कूद करता है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए 8 मार्च ही क्यों? तो यहां आपको बता दें कि साल 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान 28 फरवरी को रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल की थी। यही नहीं, हड़ताल के दौरान उन्होंने अपने पतियों की मांग का समर्थन करने से भी मना कर दिया था, और उन्हें युद्ध को छोड़ने के लिए राजी भी कराया था।

इसके बाद वहां के सम्राट निकोलस को अपना पद छोड़ना पड़ा था, और साथ ही महिलाओं को मतदान का अधिकार भी प्राप्त हुआ था। जैसे कि ये विरोध 28 फरवरी को किया गया था और यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थी। इसी वजह से इसी दिन यानी 8 मार्च को ही हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।

क्या है महत्व?

हमारा समाज जितना भी जागरूक हो जाए, लेकिन आज भी महिलाएं अपने सम्मान के हक की लड़ाईयां लड़ते हुए नजर आती हैं। ऐसे में महिलाओ को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसी चीजों के प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। जब हमारे समाज में महिलाओं को बराबरी का हक मिलेगा, वो सम्मान से इस समाज में रह पाएंगी, तभी तो हमारा समाज एक सभ्य समाज कहलाएगा।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की यह सफलता निश्चित ही संतोष प्रदान करती है। ऐसे में यह भी आवश्यक है कि सुदृढ़ समाज और राष्ट्र के हित में महिला, पुरुष के मध्य प्रतिद्वंद्विता स्थापित नहीं की जाए वरन सहयोगात्मक संबंध बढ़ाए जाएं। शिक्षित एवं संपन्न महिलाओं को चाहिए कि वे पिछड़ी महिलाओं के लिए जो भी कर सकती हैं करें। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की दशा सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है क्योंकि महिलाओं की समस्याएं महिलाएं ही भलीभांति समझती हैं इसलिए शिक्षित एवं संपन्न महिलाएं इस दिशा में विशेष योगदान दे सकती हैं। निश्चित ही इस संदर्भ में पुरुषों को भी अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहना होगा।

Saturday, February 27, 2021

National Science Day of India 2021

National Science day 2021


We observe National Science Day in India on 28th February every year to commemorate the important contribution of science, scientists and scientific progressions in our life.


Themes of National Science day 2021

"Science is for the Welfare of the Whole World"

If we describe’ Science’ shortly, then it would be, the systematic knowledge based on experimental observations for an investigation, which is derived from the Latin word. The world-famous scientist once said – Science is blind without religion and religion is handicapped without science. Yes, it is absolutely correct and we must say the whole world is tied with the strong rope of science.

As we know nowadays science and applied science developing gradually & it is helping us to lead our life much better and easier. So, we can’t avoid science at all. It is a very important day to recall all the memory which science has given to us. Definitely, I will say that we must know about this Indian National Science Day.

History of National Science Day

The most eminent and outstanding Indian scientist Sir Chandrasekhar Venkat Raman (famously known as CV Raman) established his experimental thesis known as ‘ Raman Effect’, which he declared officially on 28th February in 1928.

He did a great discovery and globally became known for this contribution. Due to his discovery of the Raman Effect, he was honoured and awarded,

  • The world-famous ‘Nobel Prize’ in 1930 in physics and he was the first Asian to receive this award in physics.
  • Respectfully awarded with the 1st ‘Bharat Ratna’ award in 1954.
  • And was also greatly honoured with the greatest award of Russia’ Lenin Peace’ in the year 1956.

The National Council for Science & Technology Communication made a proposal to our central government to observe National Science Day every year on 28th February to commemorate CV Raman’s great historic discovery Raman Effect.

Thereafter our government agreed to their declaration in 1986 and announced to celebrate National Science Day according to NCSTC’s proposal date. Then in 1987 on February 28 the first National Science Day was observed countrywide.

Objectives and purpose of celebrating this day

The main objective of this National Science Day is to aware people of our country about science. Add to this, it inspires children or students to choose science as their career. We can’t ignore them as they are our future to lead our nation in a progressive way. Many science-related programmes are organised to attract and inspire the thirsty students.

Likewise, our future generations by their extraordinary efforts achieve glorious success in the field of science and then yes, it will be our nation’s pride. The celebration purpose is to support and inspire new innovations of innovative scientists or students. The important aim of this celebration also is to make known publicly about the importance of science and scientific achievement of the whole world.

Monday, February 22, 2021

Pariksha Pe Charcha

 Pariksha Pe Charcha



जिस संवाद का हर नौजवान को बेसब्री से रहता है इंतजार, वह एक बार फिर वापस आ रहा है। जी हाँ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ परीक्षा पे चर्चा का आयोजन जल्द ही किया जाएगा!

परीक्षा के तनाव और घबराहट को भूल कर प्रधानमंत्री से अपने सवालों के जवाब पाने के लिए हो जाएं तैयार!

आप सभी की मांग पर इस बार प्रधानमंत्री के साथ इस लोकप्रिय संवाद में न केवल छात्र, बल्कि माता-पिता और शिक्षक भी शामिल हो सकेंगे।

हम सभी के प्रेरणा स्रोत प्रधानमंत्री से न केवल आप सुझाव व सलाह पाएंगे, बल्कि आप उनसे अपने मन के सवाल भी पूछ सकते हैं!

तो आपको (एक छात्र, अभिभावक या शिक्षक) परीक्षा पे चर्चा के चौथे संस्करण में शामिल होने का मौका कैसे मिलेगा?

इसमें शामिल होना बहुत ही आसान है।

जानिए कैसे :

  • सबसे पहले ऊपर दिए गए 'भाग लें' बटन पर क्लिक करें।
  • याद रखें, कक्षा 9 से 12 तक के स्कूली छात्रों के लिए यह प्रतियोगिता खुली है।
  • छात्र, उनके लिए निर्धारित विषयों में से किसी एक पर अपने जवाब भेज सकते हैं।
  • छात्र अधिकतम 500 अक्षरों में माननीय प्रधानमंत्री को अपना प्रश्न भी भेज सकते हैं।
  • माता/पिता और शिक्षक भी इसमें भाग ले सकते हैं। विशेष रूप से उनके लिए निर्धारित ऑनलाइन गतिविधियों जरिए वे अपनी प्रविष्टि भेज सकते हैं।

Friday, February 19, 2021

THE INDIA TOY FAIR 2021

THE INDIA TOY FAIR 2021


The Hon’ble Prime Minister of India, Shri Narendra Modi has often shared his vision of building a new Atmanirbhar Bharat by the year 2022 to mark 75 glorious years of India’s Independence: A new India that will merge the best of tradition with a modern, global outlook.


India’s local toy & games industry is set to play a crucial role in realising these aspirations. And in the efforts to make India stand out for its rich and multifarious toy production, it's time to team up for Indian toys.

In a landmark initiative, Government of India presents ‘The India Toy Fair 2021’. Experience the next chapter of the Indian Toy Story unfold on your screen, from 27th February to 2nd March 2021 through the first-ever digitally accessible exhibition and platform where you can not only browse and buy toys but also participate in events, activities and network with the various stakeholders of the Toy Industry.

The Government of India has also launched ‘Toycathon’, an online toy hackathon for innovative toys/games concepts. Toycathon-2021 is conceived to challenge India’s innovative minds to conceptualize novel Toy and Games based on Bharatiya civilization, history, culture, mythology and ethos.It has seen a great response from toy-loving students, teachers, start-ups and toy experts/professionals.

Come and join us to discover, explore and celebrate the world of toys and games at The India Toy Fair 2021!


After registration please fill your detail in this google form and submit.


Tuesday, February 16, 2021

Online Introductory Workshop on Kathakali attended by the KV No 1 Students.

Online introductory workshop on Kathakali attended by the students of 

Kendriya Vidyalaya No 1 Jaipur on 11 February 2021 

organized by SPAC MACAY.

Tuesday, February 9, 2021

 Safer Internet Day


Safer Internet Day 2021 celebrates on 09 February every year, in this the amazing range of information and opportunities online, and its potential to inform, connect and inspire us, whilst also looking at how young people can separate fact from fiction.

The campaign focuses on how we can decide what to trust online, supporting young people to question, challenge and change the online world for the better. It will explore how influence, persuasion and manipulation can impact young people’s decisions, opinions and what they share online.

The day will also look at the emotional impact navigating a misleading online world can have on young people and why it is important to create a supportive, critical and questioning culture online that encourages debate and discussion. We want to give young people the skills to support one another, and the strategies to spot and speak out against harmful and misleading content online.


What is Safer Internet Day?


Coordinated in the UK by the UK Safer Internet Centre, Safer Internet Day is celebrated globally in February each year to promote the safe and positive use of digital technology for children and young people and inspire a national conversation.

The campaign sees over 1,700 organisations unite to raise awareness of online safety issues and run events and activities right across the UK. 

Globally, Safer Internet Day is celebrated in over a hundred countries, coordinated by the joint Insafe/INHOPE network, with the support of the European Commission, and national Safer Internet Centres across Europe.

 The theme for Safer Internet Day is “Together for a Better Internet“, 

History of Safer Internet Day

Safer Internet Day came to exist officially in 2012, when the US Department of Homeland Security and the European Commission decided it was time to help shepherd the growing beast that was the Internet into a playground that was safer for our youth. In America things got really going in 2013 when ConnectSafely.org was appointed to coordinate the efforts in the American theater, and they’ve been driving it forward a little more every year. Each year they choose a theme to help promote, and a goal that they intend to reach. What kinds of goals?

In 2015 they began to promote that year’s theme “Actions & Activism Toward a Better Net & World”, where they focused on concerns like bullying and integration with the National Parent Teacher Association, and working to use technology to help effect social change. This is a particularly powerful use of the tool, given that people from every walk of life and culture from around the world can connect and communicate in ways they never could before. That’s what the Internet was for, what it brought to us, and the world it helped bring together.

Wednesday, February 3, 2021

World Cancer Day (04 Feburary 2021)

 विश्व  कैंसर  दिवस


विश्व भर में 04 फरवरी को हर साल  विश्व  कैंसर  दिवस  मनाया जाता है।   साल 2019   से 2021   तक तीन साल के लिए विश्व कैंसर दिवस का विषय रखा गया है "मैं हूं और मैं रहूंगा" है। जिसका मतलब है कि हर किसी में क्षमता है कि वह कैंसर से लड़ सकता है। इसी थीम के अनुसार इन तीन सालों में कार्यक्रम होंगे। 

Theme of World Cancer Day 2021 :  "I Am and I Will' campaign"


दुनिया की सभी जानलेवा बीमारियों में कैंसर सबसे ख़तरनाक है क्योंकि कई बार इसके लक्षणों का पता ही नहीं चलता। जब इस बिमारी के होने का खुलासा होता है, तब तक काफी देर हो चुकी है और कैंसर पूरे शरीर में फैल चुका होता है। इसी वजह से कई लोगों को उचित इलाज का समय ही नहीं मिल पाता और उनकी मौत हो जाती है। अगर वक्त पर कैंसर की बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। साल 2018 में कैंसर की बीमारी की वजह से दुनियाभर में 96 लाख से ज़्यादा मौतें हुई थीं।

विश्व कैंसर दिवस की स्थापना अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) द्वारा की गई। यह एक अग्रणीय वैश्विक एनजीओ है। इसका लक्ष्य विश्व कैंसर घोषणा, 2008 के लक्ष्यों की प्राप्ति करना है। इसका प्राथमिक लक्ष्य 2021 तक कैंसर से होने वाली मौतों को कम करना है। अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) की स्थापना साल 1933 में हुई थी। इस दिवस पर विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कैंसर से बचाव के विभिन्न अभियान चलाए।

इसके पूर्व पहचान या रोकथाम के लिए कैंसर से बचाव के उपाय और ख़तरों के बारे में आम लोगों को जागरुक करने के लिए विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। लोगों को लगता है कि यह बीमारी छूने से फैलती है इसलिए कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को समाज में घृणा और अछूत के रूप में देखा जाता है। आम लोगों में कैंसर से संबंधित विभिन्न प्रकार के सामाजिक मिथक हैं जैसे कि कैंसर पीड़ित के साथ रहने या स्पर्श से उन्हें भी ये घातक बीमारी हो सकती है। इस तरह के मिथक को ख़त्म करने के लिए भी ये दिन मनाया जाता है। इसके होने के कारण, लक्षण और उपचार आदि जैसे कैंसर की सभी वास्तविकता के बारे में सामान्य जागरुकता बनाने के लिए इसे मनाया जाता है।

लोगों को जागरुक करने के लिए इस दिन पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं कि कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को अलग से उपचारित न किया जाए, उन्हें समाज में एक आम इंसान की तरह जीने का अधिकार होना चाहिए और कोई भी रिश्ता उनके लिए बदलना नहीं चाहिए। अपने रिश्तेदारों के द्वारा उनकी हर इच्छाओं को पूरा करना चाहिए भले ही उनके जीने की उम्मीद कम क्यों न हों। ये बहुत ज़रूरी है कि उन्हें एक आम इंसान की तरह अच्छा महसूस कराना चाहिए और ऐसा प्रतीत नहीं कराना चाहिए जैसे उनको कुछ उपचार दिया जा रहा है क्योंकि वो मरने वाले हैं। उन्हें आत्म-सम्मान को महसूस करने की ज़रूरत है और अपने समाज और घर में एक सामान्य वातावरण की ज़रूरत है।

कैंसर पर नियंत्रण पाना ज़रूरी

आंकड़ों के अनुसार, ये ध्यान देने योग्य है कि ज्यादातर कैंसर के मामले और मौतें (47% और 55% क्रमश:) विश्व के कम विकसित क्षेत्रों में सामने आए हैं। अगर ये नियंत्रित नहीं किया गया, तो 2030 तक ये और खतरनाक स्तर पर पहुंच सकती हैं। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है कि इसे दुनिया के हर कोने में नियंत्रित किया जाए।

कैंसर की उपस्थिति के ख़तरे को घटाने के लिए अपनी अच्छी जीवनशैली, नियंत्रित आहार, नियमित वर्कआउट के बारे में इस कार्यक्रम के दौरान लोगों को अच्छे से बढ़ावा दिया जाता है। उन्हें अपने शराब की लत, अस्वास्थ्यकर आहार और शारीरिक स्थिरता से मुक्त कराने के लिए बढ़ावा दिया जाता है।

DEAR (Drop Everything and Read) Prog. in PM shri KV No. 2 Jaipur

DEAR (Drop Everything and Read)  पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में आज दिनांक 10 सितंबर 2025 को विद्यालय में DEAR (Drop Everyth...