डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जयंती
हर साल 14 अप्रैल को डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयंती मनायी जाती है। अम्बेडकर जी को सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इस दिन को पुरे भारत में आधिकारिक अवकाश के रुप में घोषित किया गया है। जाति व्यवस्था को समाप्त करने और भारत में सभी को एकसमान नागरिकता का अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। इस बार 14 अप्रैल को उनकी 130 वीं जयंती मनाई जा रही है.
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू, मध्यप्रदेश के एक गांव में हुआ था। बचपन से ही आर्थिक और सामाजिक भेदभाव देखने वाले आंबेडकर ने विषम परिस्थितियों में पढ़ाई शुरू की थी। इतना ही नहीं बाबा साहेब को स्कूल में काफी भेदभाव झेलना पड़ा था। दलित समाज के उत्थान और उन्हें जागरुक करने में डॉ. भीमराव आंबेडकर का योगदान अतुल्य है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जीवन संघर्ष और सफलता की ऐसी अद्भुत मिसाल है, जो शायद ही कहीं और देखने को मिले। इस साल बाबा साहेब की 129 वीं जयंती मनाई जा रही है। बाबा साहेब के विचार हमेशा इंसान को समाज के प्रति प्रेरित करते हैं।
बी.आर. अम्बेडकर या डॉ भीम राव अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के सामाज सुधारक थे, उन्होंने भारत में सामाजिक असमानता, जाति व्यवस्था को पूर्ण रुप से समाप्त करने में योगदान दिया। वो स्वतंत्र भारत संविधान के निर्माता भी बने। वे कानून, राजनीति और अर्थशास्त्र सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट थे। वो भारत गणराज्य के प्रमुख नेताओं और वास्तुकारों में से एक थे। अम्बेडकर जी का जन्म मध्यप्रदेश के सेना छावनी क्षेत्र में हुआ था। उस समय उनके पिता भारतीय सेना में एक कर्मचारी थे।
बाबा साहब अम्बेडकर हिंदू धर्म के निचली जाति में पैदा हुए थे और उन्हें समाज के विशिष्ट वर्ग द्वारा अछूतो माना जाता था। यद्यपि उन्हें विद्यालय जाने की इजाजत थी परन्तु उन्हें स्कूल में सार्वजनिक चीजों को छुने की मनाही थी,
कक्षा में भी शिक्षकों द्वारा उनके ऊपर उचित ध्यान दिया जाता था और उन्हें सभी बच्चों से अलग कक्षा से बाहर बैठाया जाता था। इस प्रकार के अपमानित व्यवहार ने उन्हें इन निरर्थक विचारधाराओं के खिलाफ लड़ने और अपने अधिकारों को प्राप्त करने में सहायता की। 1990 में डॉ अम्बेडकर के मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ओशो और ओबामा जैसे कई प्रभावशाली और सुशिक्षित व्यक्तियो ने डॉ बी आर अम्बेडकर के कार्यों और विचारों को प्रोत्साहित किया और उनकी प्रशंसा की। इसके अलावा, उन्होंने एक विशेष दिन (अम्बेडकर जयंती) के लिए समर्पित किया, उनको सम्मान देते हुए कई सार्वजनिक संस्थानों का नाम उनके नाम पर रखा गया और कई फिल्मों तथा पुस्तकों में भी उस महान व्यक्ति के विचारों का वर्णन किया गया। जिसने देश के कई लोगों को जातिवाद की पीड़ा से संर्घष किया और उन्हे अपने मूल अधिकारों को प्राप्त करने में सहायता प्रदान किया।
Happy bhim raw ambedkar jayanti
ReplyDelete🎂🎉💐
Dr. B. R. Ambedkar jayanti ki shubhkamnaayein.
ReplyDeleteDr. B. R. Ambedkar jayanti ki shubhkamnaayein.
ReplyDeleteBaba sahab jayanti ki shubkamna
ReplyDeleteAmbedkar jayanti ki shubhkamnaye
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