Thursday, October 16, 2025

World Food Day 16 October 2025

 

विश्व खाद्य दिवस (वर्ल्ड फ़ूड डे)


भारत उन चुनिंदा देशों में से है जहां हर साल बड़ी मात्रा में भोजन की बर्बादी होती है. संसाधनो के कमी और बढ़ती गरीबी के बावजूद यहां लोगों में जागरूकता की कमी के कारण रोजाना भोजन की बर्बादी होती है. ऐसे में वर्ल्ड फूड डे इन सभी विषयों पर चर्चा करने और जागरूकता फैलाने का काम करता है |


हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड फूड डे (World Food Day) मनाया जाता है. इसे हर साल यूनाइटेड नेशन के फूड एंड एग्रिक्लचर ऑर्गनाइजेशन (FAO) द्वारा आयोजित किया जाता है | इस दिन को खासतौर पर भूखमरी और कुपोषन जैसी समस्याओं पर चर्चा करने और जागरूकता फैलाने के लिए मनाते हैं. इस साल इसका थीम और भी रोचक रखा गया है | आज इतनी टेकनॉलजी और डेवेलेप्मेंट के बाद भी करीब करोड़ो लोग सही पोषण और भोजन से वंचित रह गए है. इस दिन को मनाने के पीछे का सबसे बड़ा उद्देश्य है लोगों में सही न्यूट्रीशन और खाने के महत्व को समझाना | आज जब फास्ट फूड और वेस्टेज की आदतें बढ़ रही हैं, तो यह दिन हमें जागरूक करता है कि हर निवाला की कीमत को कैसे समझें, स्थानीय और जैविक खाद्य पदार्थों को अपनाएं और मिलकर एक ऐसे विश्व की ओर कदम बढ़ाएं जहां हर कोई स्वस्थ और संतुलित आहार पा सके |

वर्ल्ड फूड डे 2025 क्यों मनाया जाता है?

हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड फूड फूड डे मनाया जाता है | इसे संयुक्त राष्ट्र की संस्था फूड एंड एग्रिक्लचर ऑर्गनाइजेशन (FAO) द्ववारा आयोजित किया जाता है | हर साल दुनिया भर में भूखमरी और कुपोषण से हो रही मौतों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना ही इसका असली उद्देश्य है. इस साल FAO इसकी 80वीं वर्षगांठ मना रहा है. लोगों में खाने को बर्बाद न करते हुए, सही तरिके से उसका उपयोग करना और कुछ तरीके अपनाना जिससे आप हेल्दी और सस्टेनेबल फ्यूचर की तरफ बढ़ सकें.दुनिया भर के देशों में इस विषय पर चर्चा करना एक अहम मुद्दा है | 

वर्ल्ड फूड डे 2025 का थीम क्या है?

 साल 2025 में इसका थीम बेहद खास है. इस बार हैंड इन हैंड फोर बेटर फूड्स एंड बेटर फ्यूचर (Hand in Hand For Better Foods And Better Future) को थीम में रखा गया है. इसका मतलब है कि कैसे सभी देश साथ आकर बेहतर भविष्य के लिए काम कर सकते हैं | रिपोर्ट्स के अनुसार आज दुनिया भर में 82 लाख से भी ज्यादा लोगों के  लिए पार्यप्त भोजन का उत्पादन होता है फिर भी 65 करोड़ से भी ज्यादा आबादी को किसी न किसी रूप में भूखमरी का सामना करना पड़ा. जहां दुनिया एक ओर तेजी से डेवेलप्मेंट की ओर बढ़ रही है तो वहीं लोगों में आज भी सही भोजन और पोषण को लेकर जागरूकता नहीं है | इसी समस्या से उभरने और भविष्य की पिढ़ियों के लिए सही सूचना देने के लिए हर साल इसका आयोजन होता है.

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