हिरोशिमा दिवस
जापान के हिरोशिमा और नागाशाकी पर अमेरिका द्वारा किए गए एटम बम के हमले को 76 वर्ष पूरे हो गए हैं। अमेरिकी वायु सेना ने 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा शहर पर और तीन दिन बाद नागाशाकी शहर पर एटम बम गिराए। जिससे करीब 80 हजार लोग पलभर में राख हो गए, वही बाद के समय को मिलाकर करीब 1.40 लाख लोग मारे गए। हिरोशिमा पर गिरे बम का नाम लिटिल बॉय और नागाशाकी पर गिरे बम का नाम फैट मैन था।
पर्ल हार्बर का लिया बदला
अमेरिका ने यह बम जापानी नौसेना द्वारा 8 दिसंबर 1941 को अमेरिका के नौसैनिक बेस पर्ल हार्बर पर हुए हमले का बदला लेने के लिए गिराया। अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन ने अपनी घोषणा में इस बम को 20 हजार टन की क्षमता का बताया था।
जापान में थी पेट्रोल की किल्लत
6 अगस्त सुबह 7 बजे जापानी रडारों ने अमरीकी विमानों को देख लिया और चेतावनी के सायरन बजाए, लेकिन जापान में तब तक पेट्रोल की इतनी कमी हो चुकी थी कि उन विमानों को रोकने के लिए कोई जापानी विमान नहीं भेजा गया
इंटरकॉम पर एनोला गे की घोषणा
अमरीकी वायु सेना के कर्नल पॉल टिबेट्स ने अपने बी-29 विमान के इंटरकॉम पर 8 बज कर 9 मिनट पर एनोला गे की घोषणा करते हुए सभी को गॉगल्स लगा लेने और उन्हें अपने माथे पर रखने का आदेश दिया।
ठीक 8 बज कर 15 मिनट पर गिरा लिटिल बॉय
लिटिल बॉय को 8.15 मिनट पर गिराया गया और उसे नीचे आने में 43 सेकेंड लगे। यह अपने लक्ष्य अओई ब्रिज से 250 मीटर दूर शीमा सर्जिकल क्लीनिक के ऊपर फटा। इसकी शक्ति 12500 टन टीएनटी के बराबर थी और जब ये फटा तो तापमान अचानक दस लाख सेंटीग्रेड पहुंच गया। शहर के मध्य में एक क्षण के अंदर कंक्रीट इमारतों को छोड़ कर धरती के ऊपर मौजूद हर चीज़ ग़ायब हो गई। एक क्षण में हिरोशिमा की कुल आबादी 2 लाख 50 हज़ार के 30 फ़ीसदी यानी 80 हज़ार लोग मौत की गर्त में समा गए।
बम फटने पर खत्म हो गया ऑक्सीजन
बम धमाके के बाद ही आसमान में सैकड़ों मीटर तक मशरूम कलाउड बन गए थे। इसकी वजह से हवा से आक्सीजन खत्म हो गई थी और इसकी वजह से शेल्टर में छिपे हुए लोग भी सांस न ले पाने की वजह से मारे गए थे।एनोला गे प्लेन के सह पायलट कैप्टेन रॉबर्ट लुइस ने बम गिरने के बाद अपनी लॉग बुक में लिखाए माई गॉड व्हाट हैव वी डन। वहीं वेपेनियर विलियम पारसंस ने एक कूट संदेश भेजा, परिणाम सफल, विमान में हालात सामान्य।
भाप बनकर उड़ गया सबकुछ
बम गिरने पर उसके केंद्र बिंदु के 1 किलोमीटर के क्षेत्र की एक एक चीज़ भाप बन कर उड़ गई। एक माइक्रो सेकेंड के अंदर नागासाकी जेल धराशाई हो गईं। रूट नंबर 206 पर बिजली से चलने वाली ट्राम का नामोनिशान नहीं बचा। इस हमले में जो कुछ गिने चुने लोग बचे थे उनके शरीर के कई अंग चीथड़े बन चुके थे। इस बम धमाके से शहर के 76,000 घरों में से 70,000 तहस-नहस हो गए इस हमले के कई सालों बाद भी यहां से निकलने वाली घातक किरणों की वजह से लोग अपंग पैदा होते रहे थे।
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