Friday, July 8, 2022

Inter House Chess and Skating (Junior Group) & Prize distribution on 08 July 2022

Inter House Chess and Skating (Junior Group, Class 6 to 8) was conducted in Kendriya Vidyalaya No 2 Jaipur on 08 July 2022 by Mrs Sandhya Sharma, P&HE of this Vidyalaya. Interested students of all houses were participated in this event.  Shri B.S. Rathore, Principal of this Vidyalaya distributed the certificates and prizes to the winner teams. 

Thursday, July 7, 2022

Van Mahotsav Celebrated in KV No 2 Jaipur on 06 July 2022

Van Mahotsav Celebrated in Kendriya Vidyalaya No 2 Jaipur on 06 July 2022 in the Vidyalaya premises. On this occasion Major General Alok Raj, PVSM, AVSM (Retd) was the chief guest on this occasion. In this event School Principal B. S. Rathore, Teacher's and Students were participated and planted sapling. Major General Alok Raj, PVSM, AVSM (Retd) also planted sapling and motivated to the students to sapling more plant in your surrounding and also brief about the environment to the students.  

Wednesday, July 6, 2022

केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 मे दिनांक 06 जुलाई 2022 को वन महोत्सव मनाया गया

केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर मे दिनांक 06 जुलाई 2022 को प्राथमिक विभाग द्वारा महोत्सव मनाया गया जिसमे विद्यालय के प्राचार्य  श्री बी. एस. राठौड़, प्रधानाचार्या श्रीमती मधु रितु, शिक्षक-शिक्षिकाओ तथा विद्यालय छात्र-छात्राओ ने भाग लिया । सभी ने विद्यालय परिसर मे पौधे लगाये । 

Tuesday, July 5, 2022

Inter House Sports Activities conducted in KV No 2 Jaipur on 05 July 2022

Inter House Sports activities were conducted in Kendriya Vidyalaya No 2 Jaipur on 05 July 2022 for further selection of students for Regional Sports meet 2022. 

Tuesday, June 21, 2022

International Yoga Day celebrated in KV No 2 Jaipur

 International yoga day was celebrated in Kendriya Vidyalaya No 2 Jaipur on 21 June 2022 at 7.00 A.M in the Vidyalaya premises. All students, Teacher's and staff of the Vidyalaya was participated in this events. 

Monday, June 20, 2022

International Yoga Day 2022 (21 June 2022)

 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून 2022)


वर्ष 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को यह प्रस्ताव पसंद आया और 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। श्री मोदी द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव और यू.एन. द्वारा किए गए निर्णय की दुनिया भर के आध्यात्मिक नेताओं और योग के चिकित्सकों द्वारा इसकी सराहना की गई। भारतीय आध्यात्मिक नेता और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री रवि शंकर ने कहा कि योग पहले एक अनाथ बच्चे जैसा था लेकिन अब ऐसा नहीं है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे मान्यता देने के बाद इस कला को वह कद प्राप्त हुआ है जिसका यह सही मायनों में हकदार थी।


               अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 का थीम है "Yoga for Humanity".

संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि

योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर की एकता, विचार और कार्रवाई, संयम और पूर्ति; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करने का सरल माध्यम है। इसकी मदद से न सिर्फ स्वास्थ्य तन बल्कि शांत मन को भी पाया जा सकता है ।योग की मदद से पूरी दुनिया में शांति और व्यवस्था स्थापित की जा सकती है।

योग का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि जब से सभ्‍यता शुरू हुई है तभी से योग किया जा रहा है। योग के विज्ञान की उत्‍पत्ति हजारों साल पहले हुई थी, पहले धर्मों या आस्‍था के जन्‍म लेने से काफी पहले हुई थी। योग विद्या में शिव को पहले योगी या आदि योगी तथा पहले गुरू या आदि गुरू के रूप में माना जाता है।

कई हजार वर्ष पहले, हिमालय में कांति सरोवर झील के तटों पर आदि योगी ने अपने प्रबुद्ध ज्ञान को अपने प्रसिद्ध सप्‍तऋषि को प्रदान किया था। सत्‍पऋषियों ने योग के इस ताकतवर विज्ञान को एशिया, मध्‍य पूर्व, उत्‍तरी अफ्रीका एवं दक्षिण अमरीका सहित विश्‍व के भिन्‍न - भिन्‍न भागों में पहुंचाया। रोचक बात यह है कि आधुनिक विद्वानों ने पूरी दुनिया में प्राचीन संस्‍कृतियों के बीच पाए गए घनिष्‍ठ समानांतर को नोट किया है। तथापि, भारत में ही योग ने अपनी सबसे पूर्ण अभिव्‍यक्ति प्राप्‍त की। अगस्‍त नामक सप्‍तऋषि, जिन्‍होंने पूरे भारतीय उप महाद्वीप का दौरा किया, यौगिक तरीके से जीवन जीने के इर्द-गिर्द इस संस्‍कृति को गढ़ा।

योग करते हुए पित्रों के साथ सिंधु - सरस्‍वती घाटी सभ्‍यता के अनेक जीवाश्‍म अवशेष एवं मुहरें भारत में योग की मौजूदगी का सुझाव देती हैं। देवी मां की मूर्तियों की मुहरें, लैंगिक प्रतीक तंत्र योग का सुझाव देते हैं। लोक परंपराओं, सिंधु घाटी सभ्‍यता, वैदिक एवं उपनिषद की विरासत, बौद्ध एवं जैन परंपराओं, दर्शनों, महाभारत एवं रामायण नामक महाकाव्‍यों, शैवों, वैष्‍णवों की आस्तिक परंपराओं एवं तांत्रिक परंपराओं में योग की मौजूदगी है।

21 जून को इस दिन के रूप क्यों चुना गया

दिल्ली की एक छात्रा के एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए क्यों चुना गया। उन्होंने कहा, “आज मैं पहली बार इसका खुलासा करता हूं। सूर्य पृथ्वी पर ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। यह दिन हमारे भूभाग में सबसे बड़ा दिन होता है। हमें उस दिन सबसे ज्यादा ऊर्जा मिलती है। यही कारण है कि उस दिन का सुझाव दिया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का लोगो (Logo) क्या दर्शाता है ?

1. यह मानवता के लिए शांति और सद्भाव को दर्शाता है।
2. 'लोगो' में दोनों हाथों का जोड़ना सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का मिलन दर्शाता है।
3. 'लोगो' मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति और स्वास्थ्य और भलाई के लिए समग्र दृष्टिकोण के बीच एक सही सामंजस्य को दर्शाता है।
4. हरे पत्ते प्रकृति और नीले रंग अग्नि तत्व का प्रतीक है। भूरे रंग के पत्तों पृथ्वी का प्रतीक है।
5. लोगो' में सूर्य का होना ऊर्जा और प्रेरणा के स्रोत का प्रतीक है।

Saturday, April 23, 2022

World Book And Copyright Day 2022 (23 APRIL 2022)

वर्ल्ड बुक और कॉपीराइट डे


वर्ल्ड बुक और कॉपीराइट डे को इंटरनेशनल डे ऑफ बुक के रूप में भी जाना जाता है। इसे 23 अप्रैल को मनाया जाता है। बुक डे को किताबें पढ़ने, लिखने, ट्रांसलेट, पब्लिशिंग और कॉपीराइट के महत्व को दर्शाने के लिए इस दिन को खास तौर पर मनाया जाता है। इस वार्षिक इवेंट को यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन (UNESCO) द्वारा आयोजित किया जाता है।


वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे को मनाने के पीछे उद्देश्य है किताब पढ़ने की खुशी को लोगों तक पहुंचाना। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर ही इस वर्ष का थीम चुना गया है। वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे 2022 का थीम है 'Read, so you never feel low'।

वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे हर साल यूनेस्को द्वारा आयोजित किया जाता है। यह पहली बार 23 अप्रैल 1995 में मनाया गया था। यूनेस्को (UNESCO) ने विलियम शेक्सपीयर और मिगुएल सर्वेंटिस जैसे साहित्यकारों को रिस्पेक्ट देने के लिए 23 अप्रैल की तारीख को चुना था लेकिन वास्तव में इस दिन को पहली बार 1922 में स्पेनिश राइटर विसेंट क्लेव एंड्रेस ने मिगुएल सर्वेंटिस को याद करने और उन्हें सम्मान देने के मकसद से इस्तेमाल किया था। 23 अप्रैल 1995 में पेरिस में आयोजित यूनेस्को के जनरल कॉन्फ्रेंस के लिए एक नेचुरल च्वाइस थी। इस दिन पुस्तकों और लेखकों को विश्वव्यापी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए और सभी को पुस्तकों तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रण लिया जाता है।

इस दिन, यूनेस्को और पुस्तक उद्योग के तीन प्रमुख क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन - प्रकाशन, पुस्तक विक्रेता और पुस्तकालय प्रत्येक वर्ष 23 अप्रैल से शुरू होकर एक वर्ष की अवधि के लिए विश्व पुस्तक राजधानी का चयन करते हैं। मैक्सिकन शहर ग्वाडलाजारा को 2022 के लिए विश्व पुस्तक राजधानी के रूप में चुना गया है। पूरे वर्ष कई कार्यक्रम होंगे जो सामाजिक परिवर्तन को गति देने, हिंसा का मुकाबला करने और शांति की संस्कृति के निर्माण में पुस्तकों और पढ़ने की भूमिका पर केंद्रित होंगे।


Tuesday, April 19, 2022

WORLD EARTH DAY 2022 (22 April 2022)

                               विश्व पृथ्वी दिवस 2022

विश्व पृथ्वी दिवस 2022 पूरे विश्व के लोगों द्वारा 22 अप्रैल, गुरुवार को मनाया जायेगा। पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय को दर्शाने के लिये साथ ही पर्यावरण सुरक्षा के बारे में लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिये 22 अप्रैल को पूरे विश्व भर के लोगों के द्वारा एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में हर साल विश्व पृथ्वी पृथ्वी दिवस को मनाया जाता है। पहली बार, इसे 1970 में मनाया गया और उसके बाद से लगभग 192 देशों के द्वारा वैश्विक आधार पर सालाना इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई।


विश्व पृथ्वी दिवस को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने की शुरुआत इसके मुद्दे को सुलझाने के द्वारा पर्यावरणीय सुरक्षा का बेहतर ध्यान देने के लिये, राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करने के लिये के लिये की गयी। 1969 में, सैन फ्रांसिस्को के जॉन मैककोनल नाम के एक शांति कार्यकर्ता जो सक्रियता से इस कार्यक्रम को शुरु करवाने में शामिल थे, ने एक साथ मिलकर पर्यावरणीय सुरक्षा के लिये इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा। 21 मार्च 1970 को वसंत विषुव में मनाने के लिये इस कार्यक्रम को जॉन मैककोनेल ने चुना था जबकि 22 अप्रैल 1970 को इस कार्यक्रम को मनाने के लिये अमेरिका के विंसकॉन्सिन सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने चुना था।

बेहतर भविष्य के लिये अपने पर्यावरणीय मसले को सुलझाने के लिये इन्होंने लोगों को इस कार्यक्रम में एक-साथ होकर जुड़ने के लिये संपर्क किया था। विश्व पृथ्वी दिवस के पहले समारोह के दौरान लाखों लोगों ने इसमें अपनी इच्छा जताई और इस कार्यक्रम का लक्ष्य समझने के लिये भाग लिया। विश्व पृथ्वी दिवस के लिये कोई एक तारीख निर्धारित करने के बजाय, इसको दोनों दिन मनाने की शुरुआत हुयी। आमतौर पर, पूरे विश्वभर में जरुरी क्षेत्रों में नये पौधे को लगाने के आम कार्य के साथ पृथ्वी दिवस कार्यक्रम को मनाने की शुरुआत हुयी।

22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस उत्सव की तारीख की स्थापना करने के अच्छे कार्य में भागीदारी के लिये अमेरिका के विस्कॉन्सिन सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन को स्वतंत्रता पुरस्कार के राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित किया गया। बाद में लगभग 141 राष्ट्रों के बीच वर्ष 1990 में डेनिस हेज़ (वास्तविक राष्ट्रीय संयोजक) के द्वारा वैश्विक तौर पर पृथ्वी दिवस के रुप में 22 अप्रैल को केन्द्रित किया था। बहुत सारे पर्यावरणी मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित करने के लिये पृथ्वी सप्ताह के नाम से पूरे सप्ताह भर के लिये ज्यादातर पृथ्वी दिवस समुदाय ने इसे मनाया। इस तरीके से 22 अप्रैल 1970 को आधुनिक पर्यावरणीय आंदोलन के वर्षगाँठ के रुप में चिन्हित किया गया।

लोगों के समक्ष पर्यावरणीय मुद्दे को रखने के साथ ही युद्ध-विरोधी आंदोलन को नियंत्रित करना, दूसरे जीव-जन्तु, स्व-बोध के लिये लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लिये पृथ्वी दिवस 1970 की स्थापना की गयी थी। 1969 में कैलिफोर्निया के सेंट बारबरा में संस्थापक गेलॉर्ड नेल्सन (विस्कॉन्सिन से एक यू.एस सीनेटर) के द्वारा पृथ्वी दिवस उत्सव के कार्यक्रम के स्थापना के पीछे एक बड़ी त्रासदी, भारी तेल गिराव की त्रासदी थी। इस त्रासदी ने हवा, पानी और मिट्टी के प्रदूषण के लिए जन चेतना बढ़ाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के उपायों को लागू करने की दिशा में गेलॉर्ड नेल्सन को नेतृत्व करने की प्रेरणा दी।

पृथ्वी दिवस के रुप में क्यों 22 अप्रैल को ही मनाया जाता है?

हमारी पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ आज भी जीवन संभव है। धरती पर जीवन को बचाये रखने के लिये पृथ्वी की प्राकृतिक संपत्ति को बनाये रखना बहुत जरुरी है। इस भीड़ में, भगवान द्वारा बनायी गयी सबसे बुद्धिमान कृति इंसान हैं, अपनी मानवता और अपने ग्रह का ध्यान रखना भूल गया है। धरती जिसने इसको जीवन दिया, आज वो उसी धरती के संसाधनों का निर्दयतापूर्वक इस्तेमाल कर रहा है। अपने ग्रह के महत्व के बारे में मानव जाति को जागरुक करने के लिय पृथ्वी दिवस के रुप में 22 अप्रैल को चिन्हित किया गया है।

धरती पर लोगों के रहन-सहन के लापरवाह नजरिये के साथ ही औद्योगिकीकरण की दिनों-दिन बढती दर के बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये विस्कॉन्सिन से यूएसए सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने इस दिन की नींव रखी। उनके द्वारा यह कदम अपने ग्रह की संपत्ति का सम्मान, प्रोत्साहन करने के साथ ही लोगों के बीच प्राकृतिक संतुलन के विचार को बढ़ाने के लिये लिया गया। हमेशा स्वस्थ और जीवित रहने के लिये पर्यावरणीय मसलों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है क्योंकि क्रूर लोग निर्दयतापूर्वक इसके संसाधनो का प्रयोग कर रहें हैं और शताब्दियों से इसके जीवन समर्थक संसाधनों को जर्जर कर रहें हैं।

इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण ओजोन परत में क्षरण है जो हमें सूर्य की घातक किरणों से बचाता है। उद्योगों से निकलने वाले जहरीले पदार्थों को मिलने से नदियों का सूखना, पर्यावरण दूषित होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है जो भूमणडलीय तापक्रम में वृद्धि की ओर ले जा रहा है। रोजाना बढ़ते औद्योगिकीकरण वनों की कटाई की ओर ले जा रहें हैं जो अंतत: धरती के तापमान को बढ़ाने का कारण बनेगा।

जो धरती पर स्वाश्वत जीवन के लिये खतरा है जिसको कुछ छोटे उपायों को अपनाकर कम किया जा सकता है, जैसे पेड़-पौधे लगाना, वनों की कटाई को रोकना, वायु प्रदूषण को रोकने के लिये वाहनों के इस्तेमाल को कम करना, बिजली के गैर-जरुरी इस्तेमाल को घटाने के द्वारा ऊर्जा संरक्षण को बढ़ाना। यही छोटे कदम बड़े कदम बन सकते हैं अगर इसे पूरे विश्वभर के द्वारा एक साथ अनुसरण किया जाये।

आज के दिनों में, सब कुछ या तो प्लास्टिक के थैलों में पैक होता है या दुकानदार के द्वारा इसमें दिया जाता है। प्लास्टिक थैलों का उत्पादन दिनों-दिन बढ़ता चला जा रहा है जो कि हमारे लिये एक बहुत ही शर्मनाक स्थिति है क्योंकि इन वस्तुओं का निष्पादन नहीं किया जा सकता है। एक बड़ी चिंता के रुप में पर्यावरण आंदोलन को चिन्हित करने के लिये 22 अप्रैल 1970 को यूएस में पृथ्वी दिवस का पहला उत्सव मनाया गया।

अमेरिका के कॉलेज परिसरों से छात्र समूह जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए तथा पर्यावरण ह्रास का विरोध करने के लिए भाग लिया था। दूसरे समूह ने तेल गिरावट, जहरीले सामानों का निष्पादन, औद्योगिकीकरण के कारण वायु और जल प्रदूषण, कच्चा मैला, कीटनाशकों के इस्तेमाल और उत्पादन इत्यादि के लिये भी विरोध किया था। तब से 22 अप्रैल को आधिकारिक रुप से पृथ्वी दिवस के रुप में मनाना जारी है।

Monday, April 4, 2022

World Health Day 2022 (07 April 2022)

 विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022



हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरुआत 1950 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा की गई थी। जिसका मुख्य उद्देश्य था लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूक करना। हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस की एक थीम निर्धारित की जाती है। 


विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 की थीम

बता दें कि इस साल स्वास्थ्य दिवस का थीम है हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य (Our Planet, Our Health) तथा 2021 की थीम निष्पक्ष, स्वस्थ दुनिया का निर्माण (Building a fairer, healthier world)। वहीं साल 2020 की थीम की बात करे तो डब्लूएचओ ने  कोविड 19 की जंग के खिलाफ दुनिया को स्वस्थ रखने के लिए उन नर्सों और मिडवाइव्स के योगदान को सम्मान के रूप में रखा गया था। इसके लिए आखिरी साल सपोर्ट नर्सेज एंड मिडवाइव्स थीम रखी गई। 

पहली बार कब मनाया गया वर्ल्ड हेल्थ डे

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी शुरुआत 7 अप्रैल 1948 को की थी। इतना ही नहीं इस दिन WHO की पहली सभी भी हुई थी। वहीं 1950 से हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाने लगा। इस साल जो स्वास्थ्य दिवस पड़ रहा है वो 71वां हेल्थ डे है। हर साल एक खास थीम का चुनाव होता है। साल 1995 की थीम की बात करें तो वह है- वैश्विक पोलियो उन्मूलन तब से अब तक इस घातक बीमारी से ज्यादातर देश मुक्त हो सके। 

7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे मनाने का कारण

दुनिया भर में लाखों-करोड़ों लोग दिल की बीमारी, कुष्ठ, टीबी, पोलियो, नेत्रहीनता, मलेरिया, एड्स जैसे भयानक रोगों के शिकार है। इसके साथ ही कोरोना का कहर भी तेजी से फैलता जा रहा है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूर्ण स्वस्थ होना ही मानव स्वास्थ्य की परिभाषा है। जिसके कारण हर किसी को इसके तहत जागरुक करना है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस को वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजों के बारे में लोगों को अवगत कराना है। दुनिया भर के लोगों के स्वास्थ्य को समर्पित इस दिन की लोग एक-दूसरे को शुभकामना संदेशों के जरिए बधाई भी देते हैं। 

अच्छे स्वास्थ्य के बिना,
संसार के सब सुख व्यर्थ हैं।
विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं

सबसे पहले रखो अपने शरीर का ध्यान,
फिर करो और सारे काम...
विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं

योग और व्यायाम अपनाओ,
खुद को स्वस्थ-निरोगी बनाओ.
विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं

Saturday, March 26, 2022

BOOK DONATION DRIVE IN KV NO 2 JAIPUR (26 MARCH 2022)

 पुस्तकोउपहार कार्यक्रम 


केंद्रीय विधालय  क्रमांक 2, आर्मी एरिया, झोटवाडा, जयपुर मे आज दिनांक 26 मार्च 2022 को रिजल्ट के दिन पुस्तकोउपहार का आयोजन किया जिसमे बहुत सारे विधार्थीयो ने पुस्तके उपहार के रुप मे प्रदान की तथा बहुत सारे विधार्थीयो ने पुस्तके उपहार के रुप मे ग्रहण की, इस कार्यक्रम मे  प्राचार्य श्री बाबू सिह राठौड़, श्री एम. बी. अग्रवाल, डॉ. एस. के. सिंघल, श्री सतीश चन्द शर्मा, श्री महेंद्र कुमार भूकर, श्री ओमकार मल, अभिभावकगण तथा अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित रहे ।  

Tuesday, March 22, 2022

WORLD WATER DAY (22 MARCH 2022)

 विश्व जल दिवस 2022


हर वर्ष के तरह इस वर्ष भी 22 मार्च के दिन विश्व जल दिवस पर देश भर में तमाम तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। वर्ष 1933 से विश्व भर में मनाये जा रहे इस दिन को आज के समय में भी काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। देश भर में विश्व जल दिवस को लेकर अभी से तैयारियां शुरु कर दी गयी है।


The World Water Day theme 2022 is 

"GROUNDWATER – MAKING THE INVISIBLE VISIBLE."

इसी के तहत राजस्थान के जैसलमेर में दिनदयाल शोध संस्थान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली के तत्वाधान में जल संरक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ भुवनेश जैन द्वारा जल संस्कृति पर आधारित प्राचीन तकनीकों पर प्रकाश डाला गया। इसके साथ ही इस कार्यक्रम में जल संरक्षण के अच्छे प्रभावों पर भी चर्चा की गयी की क्यों यह आवश्यक है और इनका महत्व क्या है।

इसी तरह विश्व जल दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में भी विश्व जल दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रकृति के दोहन को रोकने और जल संरक्षण का संकल्प लेते हुए गायत्री महाकुंड में यज्ञ किया। ग्रामीणों ने इस बात पर सहमति जताई कि वृक्ष तथा पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों के प्रति हमारे मन में श्रद्धा होनी चाहिए।

पूरे विश्व के लोगों द्वारा हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा के द्वारा इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने का निर्णय किया गया। लोगों के बीच जल का महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रुप में मनाने के लिये इस अभियान की घोषणा की गयी थी।

इसे पहली बार वर्ष 1992 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में “पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन” की अनुसूची 21 में आधिकारिक रुप से जोड़ा गया था और पूरे दिन के लिये अपने नल के गलत उपयोग को रोकने के द्वारा जल संरक्षण में उनकी सहायता प्राप्त करने के साथ ही प्रोत्साहित करने के लिये वर्ष 1993 से इस उत्सव को मनाना शुरु किया।

विश्व जल दिवस क्यों मनाया जाता है

यह अभियान यूएन अनुशंसा को लागू करने के साथ ही वैश्विक जल संरक्षण के वास्तविक क्रियाकलापों को प्रोत्साहन देने के लिये सदस्य राष्ट्र सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाया जाता हैं। इस अभियान को प्रति वर्ष यूएन एजेंसी की एक इकाई के द्वारा विशेष तौर से बढ़ावा दिया जाता है जिसमें लोगों को जल मुद्दों के बारे में सुनने व समझाने के लिये प्रोत्साहित करने के साथ ही विश्व जल दिवस के लिये अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का समायोजन शामिल है। इस कार्यक्रम की शुरुआत से ही विश्व जल दिवस पर वैश्विक संदेश फैलाने के लिये थीम (विषय) का चुनाव करने के साथ ही विश्व जल दिवस को मनाने के लिये यूएन जल उत्तरदायी होता है।

यूएन सदस्य राज्य और एजेंसी सहित, जल के सभी जटिल मुद्दों के पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिये स्वच्छ जल संरक्षण के प्रोत्साहन में विभिन्न एनजीओ और गैर-सरकारी संगठन भी शामिल होते हैं। इस कार्यक्रम को मनाने के दौरान, जल से संबंधित सभी मुद्दों को जनता के सामने उजागर किया जाता है जैसे किस तरह से साफ पानी लोगों की पहुँच से दूर हो रहा है आदि।

विश्व जल दिवस कैसे मनाया जाता है

पर्यावरण, स्वास्थ्य, कृषि और व्यापार सहित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में जल के महत्व की ओर लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लिये पूरे विश्व भर में विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इसे विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और क्रियाकलापों के आयोजनों के द्वारा मनाया जाता है जैसे दृश्य कला, जल के मंचीय और संगीतात्मक उत्सव, स्थानीय तालाब, झील, नदी और जलाशय की सैर, जल प्रबंधन और सुरक्षा के ऊपर स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परिचर्चा, टीवी और रेडियो चैनल या इंटरनेट के माध्यम से संदेश फैलाना, स्वच्छ जल और संरक्षण उपाय के महत्व पर आधारित शिक्षण कार्यक्रम, प्रतियोगिता तथा ढ़ेर सारी गतिविधियाँ। नीले रंग की जल की बूँद की आकृति विश्व जल दिवस उत्सव का मुख्य चिन्ह है।

Monday, March 7, 2022

International Women's Day (08 March 2022)

              अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

हमारे जीवन में वैसे तो हर व्यक्ति का अपना-अपना खास स्थान है, लेकिन महिलाएं हमारे जीवन में कई अहम रोल निभाती हैं। कभी मां के रूप में, कभी बहन के रूप में, तो कभी एक पत्नी के रूप में। महिलाओं के सम्मान में ही हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने, उनकी जागरुकता बढ़ाने जैसे कई विषयों पर जोर दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर साल 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? आखिर इसके पीछे ऐसी क्या वजह है, तो चलिए इस बारे में जानते हैं।



ऐसे हुई शुरुआत

साल 1908 में एक मजदूर आंदोलन के बाद ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी, क्योंकि काफी संख्या में महिलाओं ने न्यूयॉर्क में इस बात को लेकर मार्च निकाला था कि उनकी नौकरी के घंटे कम किए जाए और साथ ही उनका वेतनमान भी बढ़ाया जाए। महिलाओं के इस आंदोलन को सफलता मिली, और एक साल बाद ही सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया, जिसके बाद इसकी शुरुआत हो गई।

8 मार्च ही क्यों?

सबसे मन में ये सवाल जरूर उछल-कूद करता है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए 8 मार्च ही क्यों? तो यहां आपको बता दें कि साल 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान 28 फरवरी को रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल की थी। यही नहीं, हड़ताल के दौरान उन्होंने अपने पतियों की मांग का समर्थन करने से भी मना कर दिया था, और उन्हें युद्ध को छोड़ने के लिए राजी भी कराया था।

इसके बाद वहां के सम्राट निकोलस को अपना पद छोड़ना पड़ा था, और साथ ही महिलाओं को मतदान का अधिकार भी प्राप्त हुआ था। जैसे कि ये विरोध 28 फरवरी को किया गया था और यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थी। इसी वजह से इसी दिन यानी 8 मार्च को ही हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।

क्या है महत्व?

हमारा समाज जितना भी जागरूक हो जाए, लेकिन आज भी महिलाएं अपने सम्मान के हक की लड़ाईयां लड़ते हुए नजर आती हैं। ऐसे में महिलाओ को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसी चीजों के प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। जब हमारे समाज में महिलाओं को बराबरी का हक मिलेगा, वो सम्मान से इस समाज में रह पाएंगी, तभी तो हमारा समाज एक सभ्य समाज कहलाएगा।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की यह सफलता निश्चित ही संतोष प्रदान करती है। ऐसे में यह भी आवश्यक है कि सुदृढ़ समाज और राष्ट्र के हित में महिला, पुरुष के मध्य प्रतिद्वंद्विता स्थापित नहीं की जाए वरन सहयोगात्मक संबंध बढ़ाए जाएं। शिक्षित एवं संपन्न महिलाओं को चाहिए कि वे पिछड़ी महिलाओं के लिए जो भी कर सकती हैं करें। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की दशा सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है क्योंकि महिलाओं की समस्याएं महिलाएं ही भलीभांति समझती हैं इसलिए शिक्षित एवं संपन्न महिलाएं इस दिशा में विशेष योगदान दे सकती हैं। निश्चित ही इस संदर्भ में पुरुषों को भी अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहना होगा।

Thursday, March 3, 2022

World Wildlife Day 2022 (03 March 2022)

 विश्व वन्यजीव दिवस 2022


हर साल पूरी दुनिया में 3 मार्च को ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ मनाया जाता है. ऐसे में कल इस दिन को मनाया जाएगा. इस दिन को मनाने का उद्देश्‍य दुनियाभर में तेजी से विलुप्त हो रही वनस्पतियों और जीव जन्तुओं की प्रजातियों की सुरक्षा के लिए लोगों में जागरूकता (Awareness) पैदा करना है. जैव विविधता की समृद्धि ही धरती को रहने व जीवनयापन के योग्य बनाती है लेकिन समस्या यह है कि लगातार बढ़ता प्रदूषण, वातावरण पर इतना खतरनाक प्रभाव डाल रहा है कि जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही हैं. भारत में इस समय 900 से भी ज्यादा दुर्लभ प्रजातियां खतरे में बताई जा रही हैं. यही नहीं, विश्व धरोहर को गंवाने वाले देशों की लिस्ट में दुनियाभर में भारत का चीन के बाद 7वां स्थान है.


विश्व वन्यजीव दिवस का इतिहास

जानवरों और पेड़-पौधों की खराब दुर्दशा को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2013 के 20 दिसंबर को 68वें सत्र में 03 मार्च के दिन को ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ के रूप में अपनाए जाने की घोषणा की थी. 3 मार्च को विलुप्तप्राय वन्यजीव और वनस्पति के व्यापार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को स्वीकृत किया गया था. वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने के लिए पहली बार साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) पारित हुआ था. तब से लेकर आज तक हर साल 3 मार्च को पूरी दुनिया में वन्‍य जीव को संरक्षित करने और इसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्‍य से इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है.

विश्व वन्यजीव दिवस की थीम

विश्व वन्यजीव दिवस के प्रति लोगों को जागरूक करने लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा हर साल एक थीम जारी की जाती है, जिससे कि विलुप्त हो रहे वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं की प्रजातियों की सुरक्षा के लिए लोगों में जागरूकता पैदा की जा सके. विश्व वन्यजीव दिवस 2022 की थीम है- पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को पुनर्प्राप्त करना (Recovering Key Species For Ecosystem Restoration).

क्यों मनाया जाता है विश्व वन्यजीव दिवस

विश्व वन्यजीव दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में वन्यजीवों की सुरक्षा और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है. इस बात को समझना होगा कि पृथ्वी पर जैव विविधता को बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है कि हम धरती के पर्यावरण संबंधित स्थिति के तालमेल को बनाए रखें और इसके लिए वातावरण में पेड़-पौधों के साथ साथ वन्यजीव का होना भी जरूरी है.

"चलो एक पहल चलाये, सारे जीवो को बचाए.।"

"जीव- जंतुओ को बचाओ, सच्ची मानवता का धर्म निभाओ.।" 

"वन्य जीवों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है..।"

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