Thursday, July 29, 2021

Quiz No 41 : On Topic Tokyo Olympics 2020

 

International Tiger Day (29 July 2021)

 विश्व बाघ दिवस



विश्व भर में 29 जुलाई 2021 को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जा रहा है . यह दिवस जागरूकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. अवैध शिकार और वनों के नष्ट होने के कारण विभिन्न देशों में बाघों की संख्या में काफी कमी आई है.

केन्द्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने बाघ संरक्षण के लिए सामाजिक आंदोलन प्रारंभ करने की आवश्यकता को दोहराया है. इससे पहले डॉ. हर्षवर्धन ने भारतीय चिड़ियाघरों के वन्य जीवों के स्वास्थ्य तथा पोषण प्रबंधन पर एक मैनुअल जारी किया.

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य जंगली बाघों के निवास के संरक्षण एवं विस्तार को बढ़ावा देने के साथ बाघों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. इनकी तेजी से घटती संख्या को नियंत्रित करना बहुत ज़रूरी है, नहीं तो ये खत्म हो जाएंगे.

वर्तमान में बाघों की संख्या अपने न्यूनतम स्तर पर है. पिछले 100 वर्षों में बाघों की आबादी का लगभग 97 फीसदी खत्म हो चुकी है. ‘वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड’ और ‘ग्लोबल टाइगर फोरम’ के 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, पूरी दुनिया में लगभग 6000 बाघ ही बचे हैं, जिनमें से 3891 बाघ भारत में हैं. वर्ष 1915 में बाघों की संख्या एक लाख थी.

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाने का फैसला वर्ष 2010 में सेंट पिट्सबर्ग बाघ समिट में लिया गया था क्योंकि तब जंगली बाघ विलुप्त होने के कगार पर थे. इस सम्मेलन में बाघ की आबादी वाले 13 देशों ने वादा किया था कि वर्ष 2022 तक वे बाघों की आबादी दुगुनी कर देंगे.

बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु कहा जाता है. बाघ देश की शक्ति, शान, सतर्कता, बुद्धि और धीरज का प्रतीक है. बाघ भारतीय उपमहाद्वीप का प्रतीक है और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को छोड़कर पूरे देश में पाया जाता है. पूरी दुनिया में बाघों की कई तरह की प्रजातियां मिलती हैं. इनमें 6 प्रजातियां मुख्य हैं. इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं.

WWF, IFAW और Smithsonian Institute सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठन दिन में शामिल हैं।सातवां वार्षिक वैश्विक टाइगर दिवस दुनिया भर के विभिन्न तरीकों से मनाया गया था। बांग्लादेश, नेपाल और भारत के साथ-साथ इंग्लैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे non-tiger-range में स्थानीय कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। कुछ हस्तियों ने भी अपनी सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल तस्वीरें हटाकर भाग लिया। WWF ने रेंजरों में निवेश के माध्यम से “Double Tigers” अभियान के प्रचार को जारी रखा। जागरूकता बढ़ानेें और मदद के लिए कई कंपनियों ने WWF के साथ साझेदारी की।अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय टाइगर डे को ग्लोबल टाइगर डे भी कहा जाता है। बाघ संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन मनाया जाता है। बाघ सबसे बड़ी बिल्ली है और यह उल्लेखनीय प्राणी है, जिसमें इसके अद्वितीय काले और नारंगी पट्टियां और आकर्षक रूप से चिह्नित चेहरे हैं, एक दिन है जो इसे समर्पित है।

Tuesday, July 13, 2021

World population day (11 July 2021)

विश्व जनसंख्या दिवस 2021


दुनियाभर में इसी बढ़ती आबादी के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 11 जुलाई को वर्ल्ड पॉपुलेशन डे (विश्व जनसंख्या दिवस) मनाया जाता है। कब हुई इसकी शुरुआत? 11 जुलाई 1989 को संयुक्त राष्ट्र ने आम सभा में विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का फैसला किया था।


दुनियाभर में बढ़ती जनसंख्या परेशानी का एक बड़ा कारण बन गई है। इसकी वजह से अशिक्षा, बेरोजगारी, भुखमरी और गरीबी अनियंत्रित होती जा रही है। वर्ल्डोमीटर्स के मुताबिक, इस समय दुनिया की कुल जनसंख्या सात अरब 87 करोड़ 85 लाख से भी अधिक है। हर दिन लाखों की संख्या में जनसंख्या बढ़ रही है। फिलहाल दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश चीन है, जबकि दूसरे स्थान पर भारत है। चीन की जनसंख्या जहां एक अरब 44 करोड़ से अधिक है, तो वही भारत की जनसंख्या एक अरब 39 करोड़ से अधिक है।

हालांकि बढ़ती जनसंख्या से निपटने के लिए परिवार नियोजन जैसे समाधान मौजूद हैं, लेकिन लोगों में इसकी जागरूकता की कमी है। दुनियाभर में इसी बढ़ती आबादी के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 11 जुलाई को वर्ल्ड पॉपुलेशन डे (विश्व जनसंख्या दिवस) मनाया जाता है। 

कब हुई इसकी शुरुआत? 

11 जुलाई 1989 को संयुक्त राष्ट्र ने आम सभा में विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का फैसला किया था। दरअसल, साल 1987 तक दुनिया की जनसंख्या पांच अरब के पास पहुंच चुकी थी, जो चिंता का विषय बन गई थी। इसीलिए दुनियाभर के लोगों को बढ़ती जनसंख्या के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाने की शुरुआत की गई। 

क्या है विश्व जनसंख्या दिवस की थीम? 

इस साल विश्व जनसंख्या दिवस 2021 की थीम 'कोविड-19 महामारी का प्रजनन क्षमता पर प्रभाव' है। इस साल यह वैश्विक स्तर पर यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और प्रजनन व्यवहार पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव पर अधिक प्रकाश डालने के लिए मनाया जाएगा। 

इस दिन पूरी दुनिया में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए तरह-तरह से उपायों से लोगों को परिचित कराया जाता है। इसके अलावा परिवार नियोजन के मुद्दे पर भी बातचीत की जाती है। इस दिन जगह-जगह जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम होते हैं और उन कार्यक्रमों के जरिये लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाती है, ताकि बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाई जा सके। 

चीन के बाद भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है. जहां दुनिया के 18.47% में चीन का योगदान है, वहीं भारत वैश्विक आबादी के 17.70% हिस्से में है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र कहता है कि जनसंख्या में वृद्धि बड़े पैमाने पर प्रजनन आयु तक जीवित रहने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि और प्रजनन दर में बड़े बदलाव, शहरीकरण में वृद्धि और प्रवास में तेजी के साथ हुई है. यह चेतावनी देता है कि आने वाली पीढ़ियों पर इसका असर होगा. इस समस्या को दूर करने के लिए विश्व स्तर पर जनसंख्या मैनेजमेंट पर ध्यान देना चाहिए.


Saturday, July 3, 2021

International Plastic Bag Free Day (03 July 2021)

अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस

 

पॉलीथिन के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से हर वर्ष (03 July) तीन जुलाई को इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे मनाया जाता है। इसके बाद भी लोग प्रतिबंधित पॉलीथिन के इस्तेमाल कर रहे हैं।आज प्लास्टिक का उपयोग काफी बढ़ गया है। यह हमारे लिए हानिकारक है, इसके बावजूद बैग से लेकर चाय के कप तक, हर चीज में प्लास्टिक का प्रयोग किया जा रहा है। प्लास्टिक से होने वाले नुक्सान, इसके बढ़ते उपयोग को रोकने और लोगों को इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए 3 जुलाई, 2009 से पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग फ्री-डे मनाने की शुरुआत हुई। 


प्लास्टिक का नुकसान मासूम पशु-पक्षियों से लेकर पर्यावरण तक को हो रहा है। इसका खामियाजा हमारी आने वाली पीढि़यों को भुगतना होगा। 

औसतन, प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग सिर्फ 25 मिनट के लिए किया जाता है और दुर्भाग्यवश एक प्लास्टिक को गलने में  कम से कम 1000 साल लगते हैं, साथ ही, दुनिया के महासागरों और पृथ्वी को प्रदूषित करने में सिर्फ चंद मिनट लगते हैं। अधिकांश लोग इस तथ्य से अनजान हैं कि हर मिनट 10 लाख प्लास्टिक बैग का उपयोग किया जाता है। आज अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस है। जागरूकता फैलाने के लिए ये दिवस तो घोषित कर दिया गया लेकिन आप बढ़ते प्रदुषण और आने वाली पीढ़ी के लिए लगातार बढ़ते खतरे को लेकर कितना सजग हुए हैं? 

बड़े-बड़े बाजारों से लेकर सब्जी मंडी में आज भी प्लास्टिक में खुलेआम सामान बेचा जा रहा है। आए दिन समुद्र में बढ़ते प्लास्टिक प्रदुषण के कारण समुद्री जीवों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है। इंडोनेशिया एक द्वीपसमूह है जहां की जनसंख्या 260 मिलियन है। यह देश चीन के बाद सबसे ज्यादा प्लास्टिक प्रदूषण फैलाने वाला दुनिया का दूसरा देश है। जनवरी में जरनल साइंस में प्रकाशित अध्ययन में ये बात कही गई है। यहां हर साल 3.2 मिलियन टन प्लास्टिक का कचरा उत्पन्न होता है। जिसका निपटारा नहीं किया जाता। अध्ययन के मुताबिक इसमें से 1.29 मिलियन टन कचरा समुद्र में पहुंचता है।

1950 से 1970 तक प्लास्टिक का काफी कम उत्पादन किया जाता था इसलिए प्लास्टिक प्रदुषण का नियंत्रण करना आसान था। 1990 तक दो दशकों में प्लास्टिक के उत्पादन में तीन गुना बढ़ोतरी हुई। पिछले 40 वर्षों के मुकाबले वर्ष 2000 के दौरान प्लास्टिक का उत्पादन काफी ज्यादा हो गया। फलस्वरूप आज 30 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन रोजाना होता है जो करीब पूरी आबादी के वजन के बराबर है। 

प्लास्टिक के कम इस्तेमाल के लिए सरकार प्रयास कर रही है। यहां तक कि दुकानदारों से भी कहा जा रहा है कि लोगों को प्लाटिक के थौलों में सामान न दें और देशभर के स्कूलों में बच्चों को बताया जा रहा है कि इससे क्या समस्याएं हो सकती हैं। सरकार की ओर से सभी तरह के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वह 2025 तक प्लास्टिक के 70 फीसदी कम इस्तेमाल करने संबंधी अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सके। यह बड़ा उद्देश्य तभी पूरा हो सकता है जब लोग ये समझें कि प्लास्टिक हमारा दुश्मन है। 

प्लास्टिक है जानलेवा, इसका उपयोग बंद करें।
प्लास्टिक को जड़ से मिटाना हैं, पर्यावरण को बचाना हैं।
प्लास्टिक की नहीं कोई शान, मिटा दो उसका नमो निशान।
आओ घर-घर अलख जगाएं, प्लास्टिक को घर-घर से भगाएं।
प्लास्टिक प्रदूषण को जड़ से उखाड़ना हैं, कपड़े और जूट बैग को अपनाना हैं।

National Youth Festival (NYF) 2025 The Viksit Bharat Young Leaders Dialogue is a transformative reimagining of the National Youth Festival (...