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Tuesday, October 28, 2025

National Unity Day 31 October 2025

                                                        राष्ट्रीय एकता दिवस


राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत में वर्ष 2014 में पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया। भारत की गणना विश्व के सबसे बड़े देशों में से एक के रूप में की जाती है जो कि पूरे विश्व में दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, जहाँ 1652 के आसपास भाषाऍ और बोलियाँ बोली जाती है। यह देश दुनिया के सभी प्रमुख धर्मों को जैसे हिंदू, बौद्ध, ईसाई, जैन, इस्लाम, सिख और पारसी धर्मों को विभिन्न संस्कृति, खानपान की आदतों, परंपराओं, पोशाकों और सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ शामिल करता है। यह जलवायु में काफी अन्तर के साथ एक विविधतापूर्ण देश है। देश में प्रमुख भिन्नता होने के बाद भी, इसका प्रत्येक भाग एक ही संविधान द्वारा बहुत शांति के साथ नियंत्रित है।


एकता का महत्त्व 
एकता में सबसे बड़ा बाधक स्वहित हैं आज के समय में स्वहित ही सर्वोपरि हो गया है। आज जब देश आजाद हैं आत्म निर्भर हैं तो वैचारिक मतभेद उसके विकास में बेड़ियाँ बनी पड़ी हैं। आजादी के पहले इस फुट का फायदा अंग्रेज उठाते थे और आज देश के सियासी लोग। देश में एकता के स्वर को सबसे ज्यादा बुलंद स्वतंत्रता सेनानी लोह पुरुष वल्लभभाई पटेल ने किया था। वे उस सदी में आज के युवा जैसी नयी सोच के व्यक्ति थे। वे सदैव देश को एकता का संदेश देते थे। उन्हीं को श्रद्धांजलि देने हेतु उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।

एकीकरण में सरदार पटेल की भूमिका 

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद क़रीब पाँच सौ से भी ज़्यादा देसी रियासतों का एकीकरण सबसे बड़ी समस्या थी। 5 जुलाई 1947 को सरदार पटेल ने रियासतों के प्रति नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘रियासतों को तीन विषयों – सुरक्षा, विदेश तथा संचार व्यवस्था के आधार पर भारतीय संघ में शामिल किया जाएगा।’ धीरे धीरे बहुत सी देसी रियासतों के शासक भोपाल के नवाब से अलग हो गये और इस तरह नवस्थापित रियासती विभाग की योजना को सफलता मिली। भारत के तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारतीय संघ में उन रियासतों का विलय किया था जो स्वयं में संप्रभुता प्राप्त थीं। उनका अलग झंडा और अलग शासक था। सरदार पटेल ने आज़ादी के ठीक पूर्व (संक्रमण काल में) ही पी.वी. मेनन के साथ मिलकर कई देसी राज्यों को भारत में मिलाने के लिये कार्य आरम्भ कर दिया था। पटेल और मेनन ने देसी राजाओं को बहुत समझाया कि उन्हें स्वायत्तता देना सम्भव नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप तीन को छोडकर शेष सभी राजवाडों ने स्वेच्छा से भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। 15 अगस्त 1947 तक हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ को छोड़कर शेष भारतीय रियासतें ‘भारत संघ’ में सम्मिलित हो गयीं। जूनागढ़ के नवाब के विरुद्ध जब बहुत विरोध हुआ तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया और जूनागढ़ भी भारत में मिल गया। जब हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया तो सरदार पटेल ने वहाँ सेना भेजकर निजाम का आत्मसमर्पण करा लिया।

‘रन फॉर यूनिटी’ 

2014 के बाद से 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महान व्यक्ति को याद करने के लिए राष्ट्रव्यापी मैराथन का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के साथ देश की युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय एकता का सन्देश पहुँचता है, जिससे आगे चलकर वे देश में राष्ट्रीय एकता का महत्व समझ सकें। इस मौके पर देश के विभिन्न स्थानों में कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है। दिल्ली के पटेल चौक, पार्लियामेंट स्ट्रीट पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर माला चढ़ाई जाती है। इसके अलावा सरकार द्वारा शपथ ग्रहण समारोह, मार्च फ़ास्ट भी की जाती है। ‘रन फॉर यूनिटी’ मैराथन देश के विभिन्न शहरों, गाँव, जिलों, ग्रामीण स्थानों में आयोजित की जाती है। स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, अन्य शैक्षणिक संसथान, राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना के लोग बहुत बढ़ चढ़ कर इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते है।

राष्ट्रीय एकता में बल है अपार, चलो हाथ मिलाये बाटे प्यार।

सच्चे मायनों में तभी होगी देशभक्ति, जब एक होकर हम दिखायें एकता की शक्ति ।

हमारी एकता हमारी पहचान है, तभी तो हमारा देश महान है । 

Monday, October 27, 2025

DEAR (Drop Everything and Read) Prog. in PM shri KV No. 2 Jaipur on 27 Oct 2025.

DEAR (Drop Everything And Read)


पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 जयपुर में आज दिनांक 27 अक्टूबर 2025 को विद्यालय में प्राथमिक विभाग के  विद्यार्थियों के लिए DEAR (Drop Everything and Read) प्रोग्राम किया गया, जिसमें विद्यालय के कक्षा 4 और 5  के सभी छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा विद्यालय के  प्राचार्य और उप प्राचार्य तथा शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी भाग लिया ।  इसमें सभी ने 45 मिनट सब कुछ छोड़कर पढ़ाई की, छात्रों ने अपनी विषयों को छोड़कर जनरल किताबें की पढ़ाई की,  इसमें लगभग 500 विद्यार्थियों ने भाग लिया । इसके अंत में विद्यालय के प्राचार्य श्री प्रदीप कुमार टेलर ने पढ़ने की आदत के महत्व के बारे में विद्यार्थियों को बताया और साथ में यह बताया कि ऑफ स्क्रीन पढ़ने के क्या-क्या फायदे हैं और इस प्रोग्राम का सभी ने भरपूर  आनंद लिया ।























Thursday, October 16, 2025

World Food Day 16 October 2025

 

विश्व खाद्य दिवस (वर्ल्ड फ़ूड डे)


भारत उन चुनिंदा देशों में से है जहां हर साल बड़ी मात्रा में भोजन की बर्बादी होती है. संसाधनो के कमी और बढ़ती गरीबी के बावजूद यहां लोगों में जागरूकता की कमी के कारण रोजाना भोजन की बर्बादी होती है. ऐसे में वर्ल्ड फूड डे इन सभी विषयों पर चर्चा करने और जागरूकता फैलाने का काम करता है |


हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड फूड डे (World Food Day) मनाया जाता है. इसे हर साल यूनाइटेड नेशन के फूड एंड एग्रिक्लचर ऑर्गनाइजेशन (FAO) द्वारा आयोजित किया जाता है | इस दिन को खासतौर पर भूखमरी और कुपोषन जैसी समस्याओं पर चर्चा करने और जागरूकता फैलाने के लिए मनाते हैं. इस साल इसका थीम और भी रोचक रखा गया है | आज इतनी टेकनॉलजी और डेवेलेप्मेंट के बाद भी करीब करोड़ो लोग सही पोषण और भोजन से वंचित रह गए है. इस दिन को मनाने के पीछे का सबसे बड़ा उद्देश्य है लोगों में सही न्यूट्रीशन और खाने के महत्व को समझाना | आज जब फास्ट फूड और वेस्टेज की आदतें बढ़ रही हैं, तो यह दिन हमें जागरूक करता है कि हर निवाला की कीमत को कैसे समझें, स्थानीय और जैविक खाद्य पदार्थों को अपनाएं और मिलकर एक ऐसे विश्व की ओर कदम बढ़ाएं जहां हर कोई स्वस्थ और संतुलित आहार पा सके |

वर्ल्ड फूड डे 2025 क्यों मनाया जाता है?

हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड फूड फूड डे मनाया जाता है | इसे संयुक्त राष्ट्र की संस्था फूड एंड एग्रिक्लचर ऑर्गनाइजेशन (FAO) द्ववारा आयोजित किया जाता है | हर साल दुनिया भर में भूखमरी और कुपोषण से हो रही मौतों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना ही इसका असली उद्देश्य है. इस साल FAO इसकी 80वीं वर्षगांठ मना रहा है. लोगों में खाने को बर्बाद न करते हुए, सही तरिके से उसका उपयोग करना और कुछ तरीके अपनाना जिससे आप हेल्दी और सस्टेनेबल फ्यूचर की तरफ बढ़ सकें.दुनिया भर के देशों में इस विषय पर चर्चा करना एक अहम मुद्दा है | 

वर्ल्ड फूड डे 2025 का थीम क्या है?

 साल 2025 में इसका थीम बेहद खास है. इस बार हैंड इन हैंड फोर बेटर फूड्स एंड बेटर फ्यूचर (Hand in Hand For Better Foods And Better Future) को थीम में रखा गया है. इसका मतलब है कि कैसे सभी देश साथ आकर बेहतर भविष्य के लिए काम कर सकते हैं | रिपोर्ट्स के अनुसार आज दुनिया भर में 82 लाख से भी ज्यादा लोगों के  लिए पार्यप्त भोजन का उत्पादन होता है फिर भी 65 करोड़ से भी ज्यादा आबादी को किसी न किसी रूप में भूखमरी का सामना करना पड़ा. जहां दुनिया एक ओर तेजी से डेवेलप्मेंट की ओर बढ़ रही है तो वहीं लोगों में आज भी सही भोजन और पोषण को लेकर जागरूकता नहीं है | इसी समस्या से उभरने और भविष्य की पिढ़ियों के लिए सही सूचना देने के लिए हर साल इसका आयोजन होता है.