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Saturday, March 27, 2021
Monday, March 8, 2021
International Women's Day 2021
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
हमारे जीवन में वैसे तो हर व्यक्ति का अपना-अपना खास स्थान है, लेकिन महिलाएं हमारे जीवन में कई अहम रोल निभाती हैं। कभी मां के रूप में, कभी बहन के रूप में, तो कभी एक पत्नी के रूप में। महिलाओं के सम्मान में ही हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने, उनकी जागरुकता बढ़ाने जैसे कई विषयों पर जोर दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर साल 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? आखिर इसके पीछे ऐसी क्या वजह है, तो चलिए इस बारे में जानते हैं।
ऐसे हुई शुरुआत
साल 1908 में एक मजदूर आंदोलन के बाद ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी, क्योंकि काफी संख्या में महिलाओं ने न्यूयॉर्क में इस बात को लेकर मार्च निकाला था कि उनकी नौकरी के घंटे कम किए जाए और साथ ही उनका वेतनमान भी बढ़ाया जाए। महिलाओं के इस आंदोलन को सफलता मिली, और एक साल बाद ही सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया, जिसके बाद इसकी शुरुआत हो गई।
8 मार्च ही क्यों?
सबसे मन में ये सवाल जरूर उछल-कूद करता है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए 8 मार्च ही क्यों? तो यहां आपको बता दें कि साल 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान 28 फरवरी को रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल की थी। यही नहीं, हड़ताल के दौरान उन्होंने अपने पतियों की मांग का समर्थन करने से भी मना कर दिया था, और उन्हें युद्ध को छोड़ने के लिए राजी भी कराया था।
इसके बाद वहां के सम्राट निकोलस को अपना पद छोड़ना पड़ा था, और साथ ही महिलाओं को मतदान का अधिकार भी प्राप्त हुआ था। जैसे कि ये विरोध 28 फरवरी को किया गया था और यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थी। इसी वजह से इसी दिन यानी 8 मार्च को ही हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।
क्या है महत्व?
हमारा समाज जितना भी जागरूक हो जाए, लेकिन आज भी महिलाएं अपने सम्मान के हक की लड़ाईयां लड़ते हुए नजर आती हैं। ऐसे में महिलाओ को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसी चीजों के प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। जब हमारे समाज में महिलाओं को बराबरी का हक मिलेगा, वो सम्मान से इस समाज में रह पाएंगी, तभी तो हमारा समाज एक सभ्य समाज कहलाएगा।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की यह सफलता निश्चित ही संतोष प्रदान करती है। ऐसे में यह भी आवश्यक है कि सुदृढ़ समाज और राष्ट्र के हित में महिला, पुरुष के मध्य प्रतिद्वंद्विता स्थापित नहीं की जाए वरन सहयोगात्मक संबंध बढ़ाए जाएं। शिक्षित एवं संपन्न महिलाओं को चाहिए कि वे पिछड़ी महिलाओं के लिए जो भी कर सकती हैं करें। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की दशा सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है क्योंकि महिलाओं की समस्याएं महिलाएं ही भलीभांति समझती हैं इसलिए शिक्षित एवं संपन्न महिलाएं इस दिशा में विशेष योगदान दे सकती हैं। निश्चित ही इस संदर्भ में पुरुषों को भी अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहना होगा।
